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बिहार में नई पार्टी बनाएंगे PK? सिर्फ 89 लोगों ने 'जन सुराज' को दल नहीं बनाने के पक्ष में किया वोट

बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishore) सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. जन सुराज यात्रा के जरिए प्रशांत किशोर जनता की नब्ज टटोल रहे हैं. यात्रा के पहले पड़ाव के बाद संकेत साफ है कि आने वाले दिनों में प्रशांत किशोर राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर
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Published : Nov 14, 2022, 8:03 AM IST

पटना: जन सुराज पदयात्रा के 43वें दिन आज बेतिया के एमजेके कॉलेज में जिला अधिवेशन (Jan Suraj Yatra Meeting In Bettiah) का आयोजन हुआ. अधिवेशन में पश्चिम चंपारण जिले के 18 प्रखंडों के हजारों लोग शामिल हुए. अधिवेशन में जन सुराज के पार्टी बनने पर आम सभा के दौरान मतदान हुआ और सभी के सामने मतों की गिनती भी हुई. मतदान का नतीजा लगभग एकतरफा रहा. मतदान में कुल 2887 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 2808 लोगों ने जन सुराज अभियान को एक राजनीतिक दल बनने के पक्ष में वोट दिया. सिर्फ 89 लोगों ने राजनीतिक दल बनने के विपक्ष में वोट किया.

यह भी पढ़ें: बिहार में दलितों और महादलितों के नाम पर होती है सिर्फ राजनीति, उनकी स्थिति बहुत खराब: प्रशांत किशोर

18 प्रखंड के सैकड़ों लोग हुए शामिल: इस अधिवेशन में पश्चिम चंपारण जिले के जन सुराज से जुड़े सभी 18 प्रखंडों से हजारों लोग इस कार्यक्रम के हिस्सा बनें. कार्यक्रम की शुरुआत वोटिंग से (Voting For Forming Political Party At Jan Suraj) हुई. इसके बाद मंच पर विशिष्ट अतिथियों का आगमन और संबोधन हुआ. इसके पश्चात प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच और विजन के बारे में अपनी बातों को रखा. उनके संबोधन के बाद राजनीतिक दल बनने के सवाल पर हुए मतदान की गिनती हुई.

'जनता जाग गई तो महागठबंधन-भाजपा का पत्ता साफ': प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के कोने कोने से आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा,"मेरा सपना बिहार का मुख्यमंत्री बनना नहीं है, मेरा सपना है कि अपने जीवन में ऐसा बिहार देख सकूं जहां मुंबई, गुजरात से लोग काम करने बिहार आए. लोग कह रहे हैं कि आपने बहुत कठिन काम ले लिया है, यह कैसे संभव होगा.

उन्होंने कहा कि बिहार में इतनी जाति, बाहुबल, पैसा है, पहले से समीकरण है तो मैं आपको बता देता हूं कि हम केवल यहां लड़ने नहीं आए हैं. हम यहां लड़कर जीतने आए हैं. अभी मुझे केवल 40 दिन हुए हैं. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि किसका वोट कटेगा महागठबंधन का वोट कटेगा या भाजपा का वोट कटेगा. तो मैं आपको बता दूं कि जनता अगर एक बार जाग गई तो दोनों को काटकर अलग कर देगी.



'बिहार की राजनीति को मोदीयाबीन हो गया': जन सुराज पदयात्रा अधिवेशन में जनता के समक्ष राजनीतिक प्रहार करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में मोदीयाबीन का बहुत गहरा असर है. साथ ही जनता से अपील करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों को मोदीयाबीन वाली राजनीति से निकलना चाहिए. ये भी याद रखना है कि अपराध वाला जंगल राज को फिर से नहीं आने देना है. अफसरशाही का नया जंगल राज नीतीश कुमार ने बनाया है, इसका भी समापन करना है. तीनों को खत्म करना है.

'बड़ा केक बनेगा तो सब का हिस्सा बड़ा होगा': बिहार के युवाओं को रोजगार देने की प्राथमिकता पर प्रशांत किशोर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम बिहार में इतनी नौकरियां पैदा कर देंगे कि आरक्षित और अनारक्षित वर्गों से आने वाले सभी युवाओं को मौका मिले. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि नौकरी उपलब्ध नहीं और जो सीमित नौकरियां हैं उसके लिये आपसी संघर्ष बहुत है. इसी बात का फायदा लेते हुए नेता आपको ठगते हुए हर बार कह देते हैं कि हमें वोट दे दीजिए हम आपको नौकरी दिलवा देंगे और फिर आप उनके बंधुआ मजदूर बन जाते हैं. इसलिए जब रोजगार का बड़ा केक बनेगा तो उसमें सभी वर्गों का हिस्से भी बड़ा होगा.

पटना: जन सुराज पदयात्रा के 43वें दिन आज बेतिया के एमजेके कॉलेज में जिला अधिवेशन (Jan Suraj Yatra Meeting In Bettiah) का आयोजन हुआ. अधिवेशन में पश्चिम चंपारण जिले के 18 प्रखंडों के हजारों लोग शामिल हुए. अधिवेशन में जन सुराज के पार्टी बनने पर आम सभा के दौरान मतदान हुआ और सभी के सामने मतों की गिनती भी हुई. मतदान का नतीजा लगभग एकतरफा रहा. मतदान में कुल 2887 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 2808 लोगों ने जन सुराज अभियान को एक राजनीतिक दल बनने के पक्ष में वोट दिया. सिर्फ 89 लोगों ने राजनीतिक दल बनने के विपक्ष में वोट किया.

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18 प्रखंड के सैकड़ों लोग हुए शामिल: इस अधिवेशन में पश्चिम चंपारण जिले के जन सुराज से जुड़े सभी 18 प्रखंडों से हजारों लोग इस कार्यक्रम के हिस्सा बनें. कार्यक्रम की शुरुआत वोटिंग से (Voting For Forming Political Party At Jan Suraj) हुई. इसके बाद मंच पर विशिष्ट अतिथियों का आगमन और संबोधन हुआ. इसके पश्चात प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच और विजन के बारे में अपनी बातों को रखा. उनके संबोधन के बाद राजनीतिक दल बनने के सवाल पर हुए मतदान की गिनती हुई.

'जनता जाग गई तो महागठबंधन-भाजपा का पत्ता साफ': प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के कोने कोने से आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा,"मेरा सपना बिहार का मुख्यमंत्री बनना नहीं है, मेरा सपना है कि अपने जीवन में ऐसा बिहार देख सकूं जहां मुंबई, गुजरात से लोग काम करने बिहार आए. लोग कह रहे हैं कि आपने बहुत कठिन काम ले लिया है, यह कैसे संभव होगा.

उन्होंने कहा कि बिहार में इतनी जाति, बाहुबल, पैसा है, पहले से समीकरण है तो मैं आपको बता देता हूं कि हम केवल यहां लड़ने नहीं आए हैं. हम यहां लड़कर जीतने आए हैं. अभी मुझे केवल 40 दिन हुए हैं. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि किसका वोट कटेगा महागठबंधन का वोट कटेगा या भाजपा का वोट कटेगा. तो मैं आपको बता दूं कि जनता अगर एक बार जाग गई तो दोनों को काटकर अलग कर देगी.



'बिहार की राजनीति को मोदीयाबीन हो गया': जन सुराज पदयात्रा अधिवेशन में जनता के समक्ष राजनीतिक प्रहार करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में मोदीयाबीन का बहुत गहरा असर है. साथ ही जनता से अपील करते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों को मोदीयाबीन वाली राजनीति से निकलना चाहिए. ये भी याद रखना है कि अपराध वाला जंगल राज को फिर से नहीं आने देना है. अफसरशाही का नया जंगल राज नीतीश कुमार ने बनाया है, इसका भी समापन करना है. तीनों को खत्म करना है.

'बड़ा केक बनेगा तो सब का हिस्सा बड़ा होगा': बिहार के युवाओं को रोजगार देने की प्राथमिकता पर प्रशांत किशोर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम बिहार में इतनी नौकरियां पैदा कर देंगे कि आरक्षित और अनारक्षित वर्गों से आने वाले सभी युवाओं को मौका मिले. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि नौकरी उपलब्ध नहीं और जो सीमित नौकरियां हैं उसके लिये आपसी संघर्ष बहुत है. इसी बात का फायदा लेते हुए नेता आपको ठगते हुए हर बार कह देते हैं कि हमें वोट दे दीजिए हम आपको नौकरी दिलवा देंगे और फिर आप उनके बंधुआ मजदूर बन जाते हैं. इसलिए जब रोजगार का बड़ा केक बनेगा तो उसमें सभी वर्गों का हिस्से भी बड़ा होगा.

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