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Virat Ramayan Mandir : 20 जून से होगा विराट रामायण मंदिर का निर्माण- 'भव्यता में अयोध्या से कम नहीं' - Virat Ramayan Mandir Work

बिहार में भगवान राम की बारात जिस स्थान पर रुकी थी उसी स्थल पर एक भव्य 'विराट रामायण मंदिर' का निर्माण कराया जाने वाला है. 20 जून से इस मंदिर पर काम शुरू हो जाएगा. महावीर मंदिर के सचिव कुणाल किशोर ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भव्यता में ये अयोध्या के राम मंदिर से कम नहीं होगा. जानें इस मंदिर की खासियत और लागत के बारे में-

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Published : Jun 6, 2023, 6:55 PM IST

विराट रामायण मंदिर के मॉडल की झलक देखिए, जानें खासियत

पटना : अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर पूरे देश में चर्चा है. अब अयोध्या राम मंदिर के बाद बिहार के विराट रामायण मंदिर की चर्चा होने वाली है. दरअसल, महावीर मंदिर की महत्वकांक्षी परियोजना लंबे अरसे से अटकी पड़ी हुई थी, लेकिन आज इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए महावीर मंदिर न्यास सचिव किशोर कुणाल ने कहा है कि पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया चकिया पथ पर कैथवलिया बहुआरा में विराट रामायण मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होगा. इस जगह की मान्यता ये है कि यहीं पर भगवान राम की बारात रुकी थी.

ये भी पढ़ें- Ramayan Mandir: जहां रुकी थी भगवान राम की बारात, वहीं बनेगा सबसे बड़ा मंदिर.. 20 जून से निर्माण कार्य शुरू

20 जून से शुरू होगा रामायण मंदिर का काम : आचार्य किशोर कुणाल ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि इस मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होगा और वर्ष 2025 तक निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि मंदिर के कुल 12 शिखर है शिखरों की साज-सज्जा में भले 2 वर्ष और अधिक लग सकते हैं लेकिन कोशिश है कि 2025 तक पूर्ण कर लिया जाए.

विराट रामायण मंदिर की खासियत : आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि इस मंदिर की भव्यता ऐसी है कि जो लोग भी राम मंदिर घूम कर आएंगे तो निश्चित तौर पर वैसा ही विराट रामायण मंदिर भी होगा. ये एक लाख वर्ग फीट में होगा जो कुल 22 मंदिर होगा. मंदिर का मुख्य शिखर 270 फीट ऊंचा बनेगा. मंदिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे. वहां से बढ़ते ही काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे. महाबलीपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशाकर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है.

सहस्रलिंगम की भी होगी स्थापना : आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है. यह शिवलिंग सबसे विशाल होने जा रहा है. जो 200 टन और ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट की होगी. संसार का यह सबसे बड़ा शिवलिंग होगा. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर की दूरी तक सड़क और पुल पुलिया के चौड़ीकरण और शुद्धिकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से किया गया है कि शिवलिंग लाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.


''इस मंदिर के पास में हेलीपैड भी बनाने की तैयारी है. जिससे कि भक्तों को मंदिर स्थान पर पहुंचने में परेशानी ना हो. वहां से जनकपुर जाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. साथ ही साथ इस मंदिर में लिफ्ट, एक्सीलेटर और सीधी भी रहेंगी. उन्होंने बताया कि 500 करोड़ की लागत लगभग भव्य विराट रामायण मंदिर में होगी. महावीर मंदिर के तरफ से इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण कार्य के लिए अभी पैसे की आवश्यकता नहीं है. जब जरूरत होगी तो भक्तों से मदद ली जाएगी.''- आचार्य कुणाल किशोर, सचिव, महावीर मंदिर न्यास


ये कंपनी कराएगी काम : बता दें कि विश्वस्तरीय भव्य मंदिर विराट रामायण मंदिर की ऊंचाई 270 फीट है. चौड़ाई 540 फीट, लंबाई 1080 फीट और क्षेत्रफल 120 एकड़ है. इस मंदिर में कुल 22 मंदिर होंगे जिसमें सभी देवता विराजमान होंगे. शिखरों की संख्या संख्या 12 है. विराट रामायण मंदिर का निर्माण सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जाएगा.

विराट रामायण मंदिर के मॉडल की झलक देखिए, जानें खासियत

पटना : अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर पूरे देश में चर्चा है. अब अयोध्या राम मंदिर के बाद बिहार के विराट रामायण मंदिर की चर्चा होने वाली है. दरअसल, महावीर मंदिर की महत्वकांक्षी परियोजना लंबे अरसे से अटकी पड़ी हुई थी, लेकिन आज इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए महावीर मंदिर न्यास सचिव किशोर कुणाल ने कहा है कि पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया चकिया पथ पर कैथवलिया बहुआरा में विराट रामायण मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होगा. इस जगह की मान्यता ये है कि यहीं पर भगवान राम की बारात रुकी थी.

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20 जून से शुरू होगा रामायण मंदिर का काम : आचार्य किशोर कुणाल ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि इस मंदिर का निर्माण 20 जून से शुरू होगा और वर्ष 2025 तक निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि मंदिर के कुल 12 शिखर है शिखरों की साज-सज्जा में भले 2 वर्ष और अधिक लग सकते हैं लेकिन कोशिश है कि 2025 तक पूर्ण कर लिया जाए.

विराट रामायण मंदिर की खासियत : आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि इस मंदिर की भव्यता ऐसी है कि जो लोग भी राम मंदिर घूम कर आएंगे तो निश्चित तौर पर वैसा ही विराट रामायण मंदिर भी होगा. ये एक लाख वर्ग फीट में होगा जो कुल 22 मंदिर होगा. मंदिर का मुख्य शिखर 270 फीट ऊंचा बनेगा. मंदिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे. वहां से बढ़ते ही काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे. महाबलीपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशाकर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है.

सहस्रलिंगम की भी होगी स्थापना : आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है. यह शिवलिंग सबसे विशाल होने जा रहा है. जो 200 टन और ऊंचाई 33 फीट और गोलाई 33 फीट की होगी. संसार का यह सबसे बड़ा शिवलिंग होगा. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर की दूरी तक सड़क और पुल पुलिया के चौड़ीकरण और शुद्धिकरण का अनुरोध बिहार के मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री से किया गया है कि शिवलिंग लाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.


''इस मंदिर के पास में हेलीपैड भी बनाने की तैयारी है. जिससे कि भक्तों को मंदिर स्थान पर पहुंचने में परेशानी ना हो. वहां से जनकपुर जाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो. साथ ही साथ इस मंदिर में लिफ्ट, एक्सीलेटर और सीधी भी रहेंगी. उन्होंने बताया कि 500 करोड़ की लागत लगभग भव्य विराट रामायण मंदिर में होगी. महावीर मंदिर के तरफ से इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण कार्य के लिए अभी पैसे की आवश्यकता नहीं है. जब जरूरत होगी तो भक्तों से मदद ली जाएगी.''- आचार्य कुणाल किशोर, सचिव, महावीर मंदिर न्यास


ये कंपनी कराएगी काम : बता दें कि विश्वस्तरीय भव्य मंदिर विराट रामायण मंदिर की ऊंचाई 270 फीट है. चौड़ाई 540 फीट, लंबाई 1080 फीट और क्षेत्रफल 120 एकड़ है. इस मंदिर में कुल 22 मंदिर होंगे जिसमें सभी देवता विराजमान होंगे. शिखरों की संख्या संख्या 12 है. विराट रामायण मंदिर का निर्माण सनटेक इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जाएगा.

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