जहानाबादः दुनिया में कुछ पाने और बड़े बनने की चाहत लिए बच्चे जहां अपना भविष्य संवारने जाते हैं, शिक्षा के उसी मंदिर में इन मासूमों को बाल मजदूर (Viral Video Of Children Doing Work At School In Jehanabad) बना दिया जाता है. जिन कोमल हाथों से बच्चे पेन और पेंसिल चलाते हैं, उन्हीं हाथों में काम करने के लिए कुदाल और कुल्हाड़ी पकड़ा दी जाती है. दरअसल बिहार के जहानाबाद जिले के काको प्रखंड के एक विद्यालय के प्रिंसिपल का आमानवीय चेहरा सामना आया है. प्रिंसिपल के डर से छात्र कुछ बताने में भी डर रहे हैं. हालांकि बहुत पूछने पर एक बच्चे ने बताया कि काम नहीं करने पर स्कूल में उनकी पिटाई भी होती है. इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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पढ़ाई की जगह कराया जाता है कामः बताया जाता है कि ये पूरा मामला जिले के काको प्रखंड के मध्य विद्यालय सुलमानपुर का है, जहां अभिभावक बच्चों को विद्यालय में भेजते तो पढ़ाई करने के लिए हैं, लेकिन उनके बच्चों को स्कूल के दूसरे कामों में लगा दिया जाता है. स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों से लकड़ी कटवाने और गड्ढा खुदवाने जैसे भारी काम कराए जाते हैं. वायरल हो रहे वीडियो में बच्चे साफ-साफ ये सारे काम करते नजर आ रहे हैं. ये वीडियो किसी शख्स द्वारा स्कूल के बगल में एक छत से बनाया गया मालूम पड़ता है.
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"हम लोग मना करते हैं लेकिन काम नहीं करने पर मारपीट होता है, कभी ईंट लगवाया जाता है तो कभी करकट रखने के लिए हमलोगों को कहा जाता है. हमलोग सब मिलकर कर देते हैं"- स्कूल का छात्र
वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल पहुंचे अधिकारीः उधर जैसे ही स्कूल में बच्चों से काम कराते हुए वीडियो वायरल हुआ डीएम ऋषि पांडेय (DM Rishi Pandey) ने संज्ञान लेते हुए विद्यालय का निरीक्षण किया और पूरे मामले की जांच में जुट गए. साथ ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नरेंद्र कुमार भी विद्यालय पहुंचे. अधिकारियों द्वारा पूछे जाने पर अभिभावकों ने बताया कि प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों को हर रोज किसी ना किसी काम में लगा दिया जाता है और पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
"मुझे इस घटना की जानकारी मिली है. पहले भी कई बार शिकायत मिली थी, इसकी पूरी जांच करा रहा हूं. जो लोग भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. नामांकन के नाम पर भी वसूली की जाती है. बच्चे कुछ बताने में डरे रहे हैं, मैने हेड मास्टर की अनुपस्थिति में उनसे बयान लिया है. बच्चों के अभिभावकों से भी पूछा है, जो हो रहा है, वो सही नहीं है"- ऋषि पांडेय, डीएम