ETV Bharat / bharat

सरकार ने जारी की होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस, जानें क्या है बदला

स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में बढ़ते मामलों के बीच बुधवार को हल्के और बिना लक्षण वाले कोविड-19 मामलों को होम आइसोलेशन से संबंधित दिशा-निर्देशों में संशोधन किया.

होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस
होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइंस
author img

By

Published : Jan 5, 2022, 1:55 PM IST

Updated : Jan 5, 2022, 6:42 PM IST

नई दिल्ली : नई दिल्ली : देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय एक्शन मोड पर आ गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय कई सारे नियमों मे बदलाव करने जा रही है. उसमें से बड़ा बदलाव होम आइसोलेशन को लेकर बने गाइडलाइन (Health Ministry Home Isolation Rules) में किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों के होम आइसोलेशन के लिए बने गाइडलाइन में संशोधन किया गया है. पॉजिटिव होने के सात दिन और तीन दिनों तक लगातार बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन के तहत मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी.

साथ ही होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद पुन: टेस्ट कराने उस मरीज को कोई आवश्यकता नहीं है.

गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में, यह विश्व स्तर पर और साथ ही भारत में देखा गया है कि कोविड-19 के अधिकांश मामले या तो स्पर्शोन्मुख हैं या बहुत हल्के लक्षण हैं. ऐसे मामले आमतौर पर न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ ठीक हो जाते हैं और तदनुसार उचित के तहत घर पर प्रबंधित किया जा सकता है.

होम आइसोलेशन के लिए दिशा-निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हल्के या बिना लक्षण वाले मरीजों को बीमारी के परीक्षण और प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन में मदद करने के लिए जिला/उप-जिला स्तर पर एक निर्दिष्ट नियंत्रण कक्ष संपर्क नंबर दिया जाएगा.

ऐसे मामलों में उनके आवास पर सेल्फ आइसोलेशन और क्वारंटीन के लिए आवश्यक सुविधा होनी चाहिए.

आदर्श रूप से, रोगी के पास एक देखभाल करने वाला व्यक्ति होना चाहिए जिसने COVID-19 टीकाकरण की दोनों डोज लिया हो.

60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगियों और सह-रुग्ण स्थितियों वाले लोगों को उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी.

इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड (Immuno compromised) रोगियों को होम आइसोलेशन के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता है और उचित मूल्यांकन के बाद ही उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- भारत में कोरोना के 58,097 नए केस, ओमीक्रोन के अब तक कुल 2,135 मामले

घर पर कोविड -19 का प्रबंधन कैसे करें

  1. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रोगी को घर के अन्य सदस्यों से खुद को अलग करने और एक कमरे में रहने की सलाह दी जाती है, खासतौर पर बुजुर्ग और सह-रुग्णता वाले लोग.
  2. कमरा अच्छी तरह हवादार होना चाहिए और ताजी हवा अंदर आने के लिए खिड़कियां खुली रखनी चाहिए.
  3. मरीजों को हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क (triple layer mask) का उपयोग करना चाहिए और 8 घंटे के उपयोग के बाद उन्हें त्याग देना चाहिए.
  4. मास्क को टुकड़ों में काटकर और कम से कम 72 घंटे के लिए पेपर बैग में रखना चाहिए.
  5. शरीर को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है, और श्वसन शिष्टाचार का भी पालन करें.
  6. कम से कम 40 सेकंड के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से साफ करें.
  7. घर के अन्य लोगों के साथ बर्तन सहित व्यक्तिगत सामान साझा न करें, और छुआ सतहों की सफाई सुनिश्चित करें.
  8. यदि उपलब्ध हो तो पल्स ऑक्सीमीटर से अपने रक्त ऑक्सीजन लेवल की स्व-निगरानी करें.
  9. प्रतिदिन अपने तापमान की जांच करें और लक्षणों के बिगड़ने पर तुरंत रिपोर्ट करें.

चिकित्सा की तलाश कब करें

  • गंभीर लक्षण या लक्षण विकसित होने पर तत्काल चिकित्सा की तलाश करें
  • तेज बुखार (तीन दिनों से अधिक के लिए 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक)
  • सांस लेने में कष्ट.
  • ऑक्सीजन लेवल में गिरावट.
  • सीने में लगातार दर्द.
  • मानसिक भ्रम की स्थिति.

नई दिल्ली : नई दिल्ली : देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय एक्शन मोड पर आ गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय कई सारे नियमों मे बदलाव करने जा रही है. उसमें से बड़ा बदलाव होम आइसोलेशन को लेकर बने गाइडलाइन (Health Ministry Home Isolation Rules) में किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों के होम आइसोलेशन के लिए बने गाइडलाइन में संशोधन किया गया है. पॉजिटिव होने के सात दिन और तीन दिनों तक लगातार बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन के तहत मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी.

साथ ही होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद पुन: टेस्ट कराने उस मरीज को कोई आवश्यकता नहीं है.

गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों में, यह विश्व स्तर पर और साथ ही भारत में देखा गया है कि कोविड-19 के अधिकांश मामले या तो स्पर्शोन्मुख हैं या बहुत हल्के लक्षण हैं. ऐसे मामले आमतौर पर न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ ठीक हो जाते हैं और तदनुसार उचित के तहत घर पर प्रबंधित किया जा सकता है.

होम आइसोलेशन के लिए दिशा-निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हल्के या बिना लक्षण वाले मरीजों को बीमारी के परीक्षण और प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन में मदद करने के लिए जिला/उप-जिला स्तर पर एक निर्दिष्ट नियंत्रण कक्ष संपर्क नंबर दिया जाएगा.

ऐसे मामलों में उनके आवास पर सेल्फ आइसोलेशन और क्वारंटीन के लिए आवश्यक सुविधा होनी चाहिए.

आदर्श रूप से, रोगी के पास एक देखभाल करने वाला व्यक्ति होना चाहिए जिसने COVID-19 टीकाकरण की दोनों डोज लिया हो.

60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगियों और सह-रुग्ण स्थितियों वाले लोगों को उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी.

इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड (Immuno compromised) रोगियों को होम आइसोलेशन के लिए अनुशंसित नहीं किया जाता है और उचित मूल्यांकन के बाद ही उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- भारत में कोरोना के 58,097 नए केस, ओमीक्रोन के अब तक कुल 2,135 मामले

घर पर कोविड -19 का प्रबंधन कैसे करें

  1. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रोगी को घर के अन्य सदस्यों से खुद को अलग करने और एक कमरे में रहने की सलाह दी जाती है, खासतौर पर बुजुर्ग और सह-रुग्णता वाले लोग.
  2. कमरा अच्छी तरह हवादार होना चाहिए और ताजी हवा अंदर आने के लिए खिड़कियां खुली रखनी चाहिए.
  3. मरीजों को हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क (triple layer mask) का उपयोग करना चाहिए और 8 घंटे के उपयोग के बाद उन्हें त्याग देना चाहिए.
  4. मास्क को टुकड़ों में काटकर और कम से कम 72 घंटे के लिए पेपर बैग में रखना चाहिए.
  5. शरीर को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है, और श्वसन शिष्टाचार का भी पालन करें.
  6. कम से कम 40 सेकंड के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से साफ करें.
  7. घर के अन्य लोगों के साथ बर्तन सहित व्यक्तिगत सामान साझा न करें, और छुआ सतहों की सफाई सुनिश्चित करें.
  8. यदि उपलब्ध हो तो पल्स ऑक्सीमीटर से अपने रक्त ऑक्सीजन लेवल की स्व-निगरानी करें.
  9. प्रतिदिन अपने तापमान की जांच करें और लक्षणों के बिगड़ने पर तुरंत रिपोर्ट करें.

चिकित्सा की तलाश कब करें

  • गंभीर लक्षण या लक्षण विकसित होने पर तत्काल चिकित्सा की तलाश करें
  • तेज बुखार (तीन दिनों से अधिक के लिए 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिक)
  • सांस लेने में कष्ट.
  • ऑक्सीजन लेवल में गिरावट.
  • सीने में लगातार दर्द.
  • मानसिक भ्रम की स्थिति.
Last Updated : Jan 5, 2022, 6:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.