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Bhavina Patel ने पैरालंपिक से पहले कहा था, कड़े अभ्यास से कुछ भी असंभव नहीं

टोक्यो पैरालंपिक 2020 में महिला टेबल टेनिस के फाइनल में भाविना पटेल ने सिल्वर मेडल जीता है. इतिहास रचने वाली पैरा एथलीट भाविना पटेल ने पैरालंपिक से पहले ईटीवी भारत से बात की थी. उन्होंने कहा था कि कड़े अभ्यास व लगन से कुछ भी असंभव नहीं है. पढ़िए पूरी खबर..

भाविना
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Published : Aug 29, 2021, 8:20 AM IST

अहमदाबाद : टोक्यो पैरालंपिक 2020 में महिला टेबल टेनिस के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने वाली पैरा एथलीट भाविना पटेल का कहना है, कड़े अभ्यास व लगन से कुछ भी असंभव नहीं है.

उन्होंने ईटीवी के ब्यूरो चीफ भरत पंचाल से बात में कहा कि टोक्यो में पैरालंपिक खेलों के क्वालीफाई करना यह हमेशा से मेरा सपना रहा है और उसके लिए मैं पूरी ताकत से लगी थी. भाविना ने बताया कि वह एक छोटे से गांव से आई थीं इसलिए शहर में रहना व वहां के अनुसार अपने को ढालना एक चैलेंज था लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो गया. उन्होंने कहा कि उनके खेल को आगे बढ़ाने में ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन ने एक अच्छा प्लेटफार्म मुहैया कराया. उसकी प्रेरणा से ही हम आगे बढ़ सके.

देखें वीडियो.

टोक्यो पैरालंपिक में रवाना होने से पहले ईटीवी से बात में भाविना के कोच लालन दोषी ने बताया था कि हर देश के खिलाड़ियों का मैच का वीडियो देखकर आगे की रणनीति बनाते हैं. उन्होंने बताया कि भाविना प्रतिदिन 8 से 9 घंटे तक कड़ा अभ्यास करती हैं और उनकी विश्न में 8वीं रैंक है. वहीं भाविना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात के बारे में बताया कि वर्ष 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के समय में भी उन्होंने खेल में प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी थी, उस समय कि बात भी उन्हें याद थी. हालांकि उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

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भाविना ने कहा कि पहली बार जार्डन में मैच खेलने गए तो चीन, कोरिया व अन्य देशों के खिलाड़ियों को देखकर लगता था कि एक दिन जरूर आएगा जब उनको हराएंगे. आज वो दिन आ गया है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई), भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के अलावा कोच, परिवार व दोस्तों को दिया.

अहमदाबाद : टोक्यो पैरालंपिक 2020 में महिला टेबल टेनिस के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने वाली पैरा एथलीट भाविना पटेल का कहना है, कड़े अभ्यास व लगन से कुछ भी असंभव नहीं है.

उन्होंने ईटीवी के ब्यूरो चीफ भरत पंचाल से बात में कहा कि टोक्यो में पैरालंपिक खेलों के क्वालीफाई करना यह हमेशा से मेरा सपना रहा है और उसके लिए मैं पूरी ताकत से लगी थी. भाविना ने बताया कि वह एक छोटे से गांव से आई थीं इसलिए शहर में रहना व वहां के अनुसार अपने को ढालना एक चैलेंज था लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो गया. उन्होंने कहा कि उनके खेल को आगे बढ़ाने में ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन ने एक अच्छा प्लेटफार्म मुहैया कराया. उसकी प्रेरणा से ही हम आगे बढ़ सके.

देखें वीडियो.

टोक्यो पैरालंपिक में रवाना होने से पहले ईटीवी से बात में भाविना के कोच लालन दोषी ने बताया था कि हर देश के खिलाड़ियों का मैच का वीडियो देखकर आगे की रणनीति बनाते हैं. उन्होंने बताया कि भाविना प्रतिदिन 8 से 9 घंटे तक कड़ा अभ्यास करती हैं और उनकी विश्न में 8वीं रैंक है. वहीं भाविना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई मुलाकात के बारे में बताया कि वर्ष 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के समय में भी उन्होंने खेल में प्रदर्शन के लिए उन्हें बधाई दी थी, उस समय कि बात भी उन्हें याद थी. हालांकि उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

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भाविना ने कहा कि पहली बार जार्डन में मैच खेलने गए तो चीन, कोरिया व अन्य देशों के खिलाड़ियों को देखकर लगता था कि एक दिन जरूर आएगा जब उनको हराएंगे. आज वो दिन आ गया है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन, भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई), भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के अलावा कोच, परिवार व दोस्तों को दिया.

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