नई दिल्ली: केंद्रीय ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को कहा कि बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सभी राज्यों को सभी बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने की जरूरत है. सिंह ने कहा कि सरकार ने बढ़ती मांग की चुनौती से निपटने का एक तरीका यह सोचा है कि सभी बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने की जरूरत है.
सिंह ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बिजली मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'हम देखते हैं कि कुछ राज्य अपने बिजली संयंत्रों को चरम क्षमता पर नहीं चलाते हैं और इसके बजाय केंद्र के पूल से बिजली मांगते हैं. यदि कोई राज्य चरम मांग पर अपने संयंत्र नहीं चला रहा है, तो हम केंद्रीय पूल से पूरक नहीं कर पाएंगे. हमें यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा कि हमारे सभी संयंत्र चलें और हमारे सभी संयंत्र पूरी क्षमता से चलें.'
सिंह ने दूसरी चुनौती तेजी से बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने की बताई. उन्होंने कहा, 'पिछले साल अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2023 में मांग 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ी. इससे पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था कितनी तेजी से बढ़ रही है. इसके अलावा, हमने हाल ही में 2.41 लाख मेगावाट की अधिकतम मांग को पूरा किया, जबकि 2017-18 में अधिकतम मांग 1.9 लाख मेगावाट थी. यदि अधिकतम मांग और अधिक बढ़ती है, तो हम इसे पूरा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. यह एक चुनौती है जिसका हमें समाधान करने की जरूरत है.'
चुनौतियों के बारे में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि आगामी सीओपी-28 बैठक में कोयले के उपयोग को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, लेकिन भारत हमारे विकास के लिए बिजली की उपलब्धता पर कोई समझौता नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि 'COP-28 संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित होने जा रहा है। सीओपी में देशों पर कोयले का उपयोग कम करने का दबाव बनने जा रहा है. हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं, क्योंकि हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है कि हम अपनी वृद्धि के लिए बिजली की उपलब्धता से समझौता नहीं करने जा रहे हैं, भले ही इसके लिए हमें कोयला आधारित क्षमता जोड़ने की आवश्यकता हो. साथ ही, हमें सीओपी में अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने की जरूरत है और हम उन्हें हासिल करेंगे.'
थर्मल पावर के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि पहले, लगभग 25,000 मेगावाट निर्माणाधीन था, ज्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र में लेकिन यह पर्याप्त नहीं था; इसलिए, हमने 25,000 मेगावाट जोड़ने पर काम शुरू कर दिया, लेकिन हमें अतिरिक्त 30,000 मेगावाट पर काम शुरू करने की जरूरत है.
थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पर प्रकाश डालते हुए बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा कि भारत इस वित्तीय वर्ष के दौरान लगभग 10,000 मेगावाट थर्मल क्षमता और 21,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की राह पर है. उन्होंने कहा, 'हम 2031-32 तक 900 गीगावॉट की कुल क्षमता की ओर बढ़ने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं.'