गयाः बिहार के गया जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर नीमचक बथानी प्रखंड के झरना सरेन गांव में 22 वर्षों से गौतम बुद्ध शिक्षण संस्थान स्कूल संचालित है. इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों की खासियत है कि सबकी हैंडराइटिंग एक जैसी (Students of a school have same handwriting) है. हिंदी, इंग्लिश या फिर गणित, सबकी लिखावट एक जैसी होती है.
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सभी बच्चों की एक समान हैंडराइटिंग, ऐसे संभव है : बताया जाता है कि यहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी कभी-कभी हैंडराइटिंग देखकर कन्फ्यूजन हो जाते हैं. कॉपी जांच करते हैं तो उन्हें नाम देखना पड़ता है, क्योंकि नाम नहीं देखेंगे तो कन्फ्यूजन हो सकता है. लिखावट देखकर आम इंसान तो एकदम धोखा खा जाए. स्कूल के प्रिसिंपल चंद्रमौली प्रसाद बताते हैं यहां के बच्चों की पढ़ाई और हैंडराइटिंग देखकर हर कोई स्कूल की तारीफ करता है.
''एक समान हैंडराइटिंग होना संभव है. इसके लिए छोटे-छोटे बच्चों पर काफी मेहनत करनी होती है, ताकि यह बच्चे सुंदर लिखावट लिख सकें. क्योंकि आजकल ज्यादातर स्कूल में सीधे कॉपी पर लिखाया जाता है, लेकिन यहां पहले स्लेट पर अभ्यास कराया जाता है. इसके बाद कॉपी और पेंसिल, फिर कलम दी जाती है. बच्चों की हैंडराइटिंग एक समान और अच्छी हो इसके लिए यहां के शिक्षकों द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है. हैंडराइटिंग सुंदर और साफ दिखे इसके लिए शिक्षक बहुत मेहनत करते हैं. स्कूल के बच्चे भी शिक्षकों के दिशा-निर्देश में काफी मेहनत करते हैं. जिसकी वजह से यहां पढ़ने वाले सभी बच्चों की हैंडराइटिंग एक समान दिखती है.'' - चंद्रमौली प्रसाद, स्कूल के प्रिसिंपल
लिखावट देखकर आम इंसान भी हैरान: स्कूल के प्रिसिंपल चंद्रमौली प्रसाद (School Principal Chandramauli Prasad) ने बताया कि, इसके लिए छोटे-छोटे बच्चों पर काफी मेहनत करनी होती है, ताकि यह बच्चे सुंदर लिखावट लिख सकें. क्योंकि आजकल ज्यादातर स्कूल में सीधे कॉपी पर लिखाया जाता है, लेकिन यहां पहले स्लेट पर अभ्यास कराया जाता है. बच्चों के परिपक्व हो जाने के बाद उन्हें कॉपी और पेंसिल, फिर कलम दी जाती है. जिसके बाद सभी बच्चों की हैंडराइटिंग एक जैसी दिखती है. जिन लोगों को यह बात पता चलती है, उन्हें विश्वास नहीं होता. लेकिन यहां आकर देखने पर लोग हैरान रह जाते हैं.
स्कूल में पढ़ने वाले छात्र गौतम राज ने बताया कि यहां अच्छी पढ़ाई होती है. सबसे पहले सर, ब्लैक बोर्ड पर चॉक से लिखने के लिए बताते हैं. इसके बाद पेंसिल से करसिव राइटिंग लिखने के लिए कहा जाता हैं. जब हैंडराइटिंग में सुधार हो जाता है तो उसके बाद कलम पकड़ाई जाती है. ऐसा करते हुए हम सब लोगों की हैंडराइटिंग एक जैसी दिखने लगती है.
''शिक्षक द्वारा बोर्ड पर लिखकर पढ़ाया जाता है. इसके बाद हमलोग स्लेट पर लिखते हैं. इसके बाद पेंसिल पकड़ाई जाती है. मुख्य रूप से एक जैसी हैंडराइटिंग कैसे हो ? शिक्षक इस पर ध्यान देते हैं. हम लोग भी शिक्षक के कहे अनुसार काफी कड़ी मेहनत करते हैं. जिसके बाद हम सभी की हैंडराइटिंग एक जैसी दिखती है. ऐसा होने पर हमें भी काफी खुशी होती है. हिंदी, गणित, साइंस के अलावा अन्य विषय को भी शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाता है. जिसे हम सभी बच्चे एक साथ मिलकर पढ़ते हैं.'' - प्रदीप कुमार, छात्र
हर साल सिर्फ 100 बच्चों का एडमिशन: गौतम बुद्ध शिक्षण संस्थान में क्लास 1 से लेकर पांचवीं तक के बच्चों को बेसिक शिक्षा दी जाती है. यहां हिंदी, इंग्लिश, गणित और साइंस विषय की पढ़ाई कराई जाती है. यहां प्रिसिंपल को मिलाकर चार शिक्षक बच्चों को पढ़ाते है. इस स्कूल में हर साल सिर्फ 100 बच्चों का नामांकन होता है. प्रिसिंपल ने बताया कि इससे ज्यादा बच्चों का एडमिशन नहीं ले सकते हैं. प्रशासनिक अधिकारियों ने विद्यालय को आर्थिक मदद के लिए राज्य सरकार को लिखा भी है, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी है
प्रिसिंपल को दिए जा चुके हैं कई प्रशस्ति पत्र: बच्चों की राइटिंग भी ऐसी होती है जिसे देखकर कोई भी दंग रह जाएगा. बच्चों की हैंडराइटिंग को लेकर मगध प्रमंडल के कमिश्नर कार्यालय से प्रशस्ति पत्र भी दिया जा चुका है. साथ ही, प्रखंड विकास पदाधिकारी और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी भी इस स्कूल की तारीफ कर चुके हैं.
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