प्रयागराज : श्रंगवेरपुर के गंगा घाट पर दफन लाशों से कफन के निशां तो मिटा दिए गए, लेकिन क्या उन परवारों के दर्द भी मिटाए जा सकते हैं, जिनके अपने इस गंगा के तट पर दफन हैं. जीं हां, आप को बता दें कि गंगा के किनारे दफन लाशों के ऊपर से कफन को हटा दिया गया है, ताकि लाशों की संख्या कम दिखे.
दरअसल, श्रृंगवेरपुर घाट पर दफन लाशों की संख्या देखकर, इस घाट पर जाने वाले लोग सहम जाते हैं. गंगा किनारे बन गए इस कब्रिस्तान की वजह से शासन प्रशासन की जमकर किरकिरी भी हुई है. लेकिन अब घाट किनारे दफनाए गए शवों की संख्या कम दिखाने का प्रयास शुरू हो गया है. जिसके लिए घाट पर कब्रों के ऊपर पड़ी चुनरी व चादर हटाए जा चुके हैं. इसके साथ ही कब्र के चारों तरफ गाड़ी गई लकड़ियों को भी हटा दिया गया है. ताकि दूर से देखने पर या हेलीकॉप्टर से देखने पर, कब्रों की संख्या कम दिखे. वहीं प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े करते, हुए प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है.
कब्रों के बीच चल रहा ट्रैक्टर
इसके साथ ही अब इन कब्रों के बीच ट्रैक्टर भी दौड़ रहा है. इस ट्रैक्टर के जरिए एक तरफ जहां लकड़ियों से चिता बनाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके पहियों की चपेट में आकर कब्रें समतल हो सकती हैं, इससे भी कब्रों की संख्या कम दिखेगी. ट्रैक्टर के जरिए चिताओं की जली हुई लकड़ियां और कुछ नई लकड़ियों की मदद से 8 चिताएं बनाई गई हैं. गंगा के कटान से कोई कब्र बहती है तो उस शव को चिता पर रखकर जलाया जाएगा. कटान में कब्रें नहीं बहती हैं तो इन चिताओं पर किसी जरूरत मंद के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया जाएगा.
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जीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है। ये कौन सा सफाई अभियान है?
ये अनादर है-मृतक का, धर्म का, मानवता का pic.twitter.com/PHC1fyMKCL
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 25, 2021
छवि चमकाने की चिंता में दुबली होती सरकार पाप करने पर उतारू है। ये कौन सा सफाई अभियान है?
ये अनादर है-मृतक का, धर्म का, मानवता का pic.twitter.com/PHC1fyMKCLजीते जी ढंग से इलाज नहीं मिला। कितनों को सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं मिला। सरकारी आंकड़ों में जगह नहीं मिली। अब कब्रों से रामनामी भी छीनी जा रही है।
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एसडीएम ने कब्रों का किया निरीक्षण
सोमवार को श्रंगवेरपुर घाट का निरीक्षण करने एसडीएम सोरांव अनिल चतुर्वेदी पहुंचे थे. उन्होंने नाव से नदी के कटान का हालात देखा. इस दौरान घाट के किनारे नदी के पास दफन किए गए शवों का निरीक्षण किया और कटान के हालात को भी नजदीक से देखा. जिसके बाद एसडीएम ने दावा किया कि अभी तक कब्र में दफन किया गया कोई शव कटान की वजह से गंगा में नहीं गया है. इसके साथ ही घाट पर 8 चिताएं बनाई गई हैं. कोई शव कटान में बहता है तो उसे इन चिताओं पर रखकर उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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घाट पर लगा चुनरी-चादर व लकड़ियों का ढेर
इन दिनों इस घाट पर कब्रों से हटाए गए चुनरी व चादरों का कई ढेर लगा हुआ है. इसके साथ ही कब्रों के अगल-बगल लगाए गए लकड़ियों को भी उनके पास से निकालकर अलग इकट्ठा कर दिया गया है. कुछ स्थानों पर इन लकड़ियों व कब्रों के ऊपर से हटाये गए चादरों को जलाया भी गया है. गंगा के किनारे एक तरफ से कब्रों के ऊपर से किसी ने चुनरी व चादर हटाने के साथ ही उसे जलाया भी है. जिससे कि दूर से देखने पर इस घाट पर दफनाए गए कब्रों की संख्या कम दिखनी शुरू हो गई है.
कुत्तों को भी नहीं पकड़ सकी सरकारी टीम
श्रृंगवेरपुर घाट पर इस वक्त कई कुत्ते मिलकर कब्रों को खोदकर शव को नोचकर खाते दिखे. जिसके बाद प्रशासन ने इन कुत्तों को पकड़ने के लिए घाट पर एक टीम को भेजा था. लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद आधा दर्जन कमर्चारियों ने मिलकर सिर्फ एक कुत्ते को पकड़ा और मायूस होकर वापस लौट गई.