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Bihar News : जिस दौर में पानी फ्री नहीं मिलता, राजगीर के श्रवण मुफ्त में पिलाते हैं बच्चों को दूध - Shravan Tea Stall

यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि बिहार के नालंदा के पास राजगीर में एक चायवाला, जो बच्चों को दूध बेचता नहीं है, बल्कि फ्री में देता हैं. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Jun 13, 2023, 8:44 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 10:46 PM IST

नालंदा के चायवाले ने कायम की समाज सेवा की अनोखी मिसाल

नालंदा (राजगीर) : आज के इस दौर में जहां पानी तक मुफ्त में नहीं मिलता है, वहीं बिहार के नालंदा जिले से करीब 22 किलोमीटर दूर राजगीर में एक टी स्टॉल है. इस टी स्टॉल के मालिक रंजीत कुमार हैं, जो जरूरतमंद बच्चों को दूध फ्री में देते हैं. यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा, मगर यह सच है.

ये भी पढ़ें- गया में 'बेटी सेवा': बेटियां उपेक्षित ना समझी जाए इसलिए डॉक्टर करते हैं उनका मुफ्त इलाज

32 साल से फ्री में दूध सेवा : दरअसल, रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा राजगीर में छोटी सी चाय की दुकान 'श्रवण टी स्टॉल' चलाते हैं. वो बगैर किसी की मदद लिए उसी छोटे से टी स्टॉल से अपने परिवार के साथ-साथ दुकान पर आने वाले छोटे-छोटे नवजात बच्चों को मुफ्त में दूध बांटते हैं. उनके सेवा-भाव को देखकर अब दूर दूर तक इसकी चर्चा हो रही है. पिछले 32 साल से इनकी दुकान पर आया कोई बच्चा भूखा नहीं लौटा. अमीर हो या गरीब ये 18 महीने के बच्चों को पिलाने वाले दूध का पैसा नहीं लेते. यही नहीं विदेशी सैलानियों के बच्चों को भी मुफ्त दूध देते हैं.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

हर दिन लगता है इतना लीटर दूध : रंजीत कुमार बताते हैं कि उन्हें इस काम को करके आत्मसंतुष्टि मिलती है. हर दिन वो इसके लिए तीन लीटर दूध बच्चों को पिलाने में खर्च करते हैं. उनका ये सामाजिक योगदान आज से नहीं बल्कि पिछले 32 साल से लागातर चला आ रहा है. ठंड में जब पर्यटकों की आवक बढ़ जाती है तो इनका खर्च भी तीन गुना बढ़ जाता है. तब रोजाना 8 से 10 लीटर दूध मुफ्त में बच्चों को पिला देते हैं.

'बच्चे भगवान का रूप' : उनका कहना है कि बड़े लोगों का खाना तो आसानी से उपलब्ध हो जाता है लेकिन बच्चों के दूध के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इसलिए वो अपनी कुल आमदनी का कुछ हिस्सा वो बच्चों के लिए दूध पिलाकर खर्च करते हैं. रंजीत का कहना है कि बच्चे भगवान का स्वरूप होते हैं. मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. उनसे जितना बन पड़ता है अपने स्तर पर पूरा करने की कोशिश करते हैं.

रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा की नेक पहल
रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा की नेक पहल

''मुझे इसकी प्रेरणा बड़े भाई से मिली. उनकी मौत के बाद मैने उनके प्रयास को आगे बढ़ाया. मेरी इच्छा है कि जैसे में कर रहा हूं वैसे और भी कोई भाई ये कर सकता है. बच्चे भगवान का रूप होते हैं. मेरा दिनभर में 3 लीटर दूध इस कार्य में खर्च होता है. ठंड में मेले के समय पर्यटक जब बढ़ जाते हैं तब 8-10 लीटर दूध लगता है.''- रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा, चायवाला

रंजीत कुमार की श्रवण चाय दुकान
रंजीत कुमार की श्रवण चाय दुकान

बड़े भाई से मिली प्रेरणा : इस सोच को आगे बढ़ाने की प्रेरणा रंजीत को उनके बड़े भाई श्रवण कुमार से मिली थी. साल 1990 में उन्होंने इसी तरह से इसकी शुरूआत की थी. तब से लेकर आज तक इस दुकान पर इसी तरह से 18 महीने तक के बच्चों को निशुल्क दूध पिलाने का काम होता आ रहा है. बड़े भाई के साल 2000 में गुजर जाने के बात 23 साल से रंजीत अपने प्रण से डिगे नहीं. ऐसे नेक दिल इंसान के जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं.

नालंदा के चायवाले ने कायम की समाज सेवा की अनोखी मिसाल

नालंदा (राजगीर) : आज के इस दौर में जहां पानी तक मुफ्त में नहीं मिलता है, वहीं बिहार के नालंदा जिले से करीब 22 किलोमीटर दूर राजगीर में एक टी स्टॉल है. इस टी स्टॉल के मालिक रंजीत कुमार हैं, जो जरूरतमंद बच्चों को दूध फ्री में देते हैं. यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा, मगर यह सच है.

ये भी पढ़ें- गया में 'बेटी सेवा': बेटियां उपेक्षित ना समझी जाए इसलिए डॉक्टर करते हैं उनका मुफ्त इलाज

32 साल से फ्री में दूध सेवा : दरअसल, रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा राजगीर में छोटी सी चाय की दुकान 'श्रवण टी स्टॉल' चलाते हैं. वो बगैर किसी की मदद लिए उसी छोटे से टी स्टॉल से अपने परिवार के साथ-साथ दुकान पर आने वाले छोटे-छोटे नवजात बच्चों को मुफ्त में दूध बांटते हैं. उनके सेवा-भाव को देखकर अब दूर दूर तक इसकी चर्चा हो रही है. पिछले 32 साल से इनकी दुकान पर आया कोई बच्चा भूखा नहीं लौटा. अमीर हो या गरीब ये 18 महीने के बच्चों को पिलाने वाले दूध का पैसा नहीं लेते. यही नहीं विदेशी सैलानियों के बच्चों को भी मुफ्त दूध देते हैं.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

हर दिन लगता है इतना लीटर दूध : रंजीत कुमार बताते हैं कि उन्हें इस काम को करके आत्मसंतुष्टि मिलती है. हर दिन वो इसके लिए तीन लीटर दूध बच्चों को पिलाने में खर्च करते हैं. उनका ये सामाजिक योगदान आज से नहीं बल्कि पिछले 32 साल से लागातर चला आ रहा है. ठंड में जब पर्यटकों की आवक बढ़ जाती है तो इनका खर्च भी तीन गुना बढ़ जाता है. तब रोजाना 8 से 10 लीटर दूध मुफ्त में बच्चों को पिला देते हैं.

'बच्चे भगवान का रूप' : उनका कहना है कि बड़े लोगों का खाना तो आसानी से उपलब्ध हो जाता है लेकिन बच्चों के दूध के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इसलिए वो अपनी कुल आमदनी का कुछ हिस्सा वो बच्चों के लिए दूध पिलाकर खर्च करते हैं. रंजीत का कहना है कि बच्चे भगवान का स्वरूप होते हैं. मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. उनसे जितना बन पड़ता है अपने स्तर पर पूरा करने की कोशिश करते हैं.

रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा की नेक पहल
रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा की नेक पहल

''मुझे इसकी प्रेरणा बड़े भाई से मिली. उनकी मौत के बाद मैने उनके प्रयास को आगे बढ़ाया. मेरी इच्छा है कि जैसे में कर रहा हूं वैसे और भी कोई भाई ये कर सकता है. बच्चे भगवान का रूप होते हैं. मेरा दिनभर में 3 लीटर दूध इस कार्य में खर्च होता है. ठंड में मेले के समय पर्यटक जब बढ़ जाते हैं तब 8-10 लीटर दूध लगता है.''- रंजीत कुमार ऊर्फ टुन्ना बाबा, चायवाला

रंजीत कुमार की श्रवण चाय दुकान
रंजीत कुमार की श्रवण चाय दुकान

बड़े भाई से मिली प्रेरणा : इस सोच को आगे बढ़ाने की प्रेरणा रंजीत को उनके बड़े भाई श्रवण कुमार से मिली थी. साल 1990 में उन्होंने इसी तरह से इसकी शुरूआत की थी. तब से लेकर आज तक इस दुकान पर इसी तरह से 18 महीने तक के बच्चों को निशुल्क दूध पिलाने का काम होता आ रहा है. बड़े भाई के साल 2000 में गुजर जाने के बात 23 साल से रंजीत अपने प्रण से डिगे नहीं. ऐसे नेक दिल इंसान के जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 13, 2023, 10:46 PM IST
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