लखनऊ : प्रसपा नेता शिवपाल सिंह यादव अपने भतीजे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ खुलकर सामने आ चुके हैं. शिवपाल यादव ने गुरुवार को अखिलेश को दो टूक लहजे में कहा है कि अगर सपा प्रमुख सोचते हैं कि मैं भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हूं तो वह मुझे पार्टी से निकाल क्यों नहीं देते. अगर मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हूं तो वह मुझे पार्टी के विधायक दल से बाहर निकाल सकते हैं. अखिलेश पार्टी के अध्यक्ष हैं और उनके पास किसी को पार्टी से बाहर निकालने का अधिकार है. कुछ दिन पहले सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया था कि शिवपाल सिंह अभी भी समाजवादी पार्टी के साथ थे और उनके भाजपा में शामिल होने की झूठी खबर फैलाई जा रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवपाल ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर राजभर से बात नहीं की है.
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उन्होंने विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के गठबंधन सहयोगी के तौर पर नहीं लड़ा था. उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की, मगर उन्हेों पार्टी विधायकों की मीटिंग में नहीं बुलाया गया. उन्होंने कहा कि मैं भी समाजवादी पार्टी के 111 विधायकों में से एक हूं. उन्होंने साफ किया कि वह आज भी सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के संपर्क में हैं, जिनके समर्थकों ने अखिलेश यादव के खिलाफ बगावत का झंडा फहराया है. शिवपाल यादव ने कहा कि आजम खान बीमार हैं और वह उनसे दोबारा जरूर मिलेंगे. अपनी नई राजनीतिक पारी के सवाल पर प्रसपा अध्यक्ष ने कहा कि वह सही समय पर अपने फैसलों के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि मैं कहां जा रहा हूं, मेरी प्लानिंग क्या है? ये सभी सवालों का जवाब सही समय पर देंगे. बता दें कि कुछ दिन पहले आगरा में अखिलेश यादव ने कहा था कि जो भाजपा से मिलेगा, वह तो सपा में कभी नहीं दिखेगा.
चुनाव के बाद से ही नाराज हैं चाचा शिवपाल : बता दें कि विधान सभा चुनाव के ठीक पहले अपने भतीजे अखिलेश यादव से समझौता कर शिवपाल यादव ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. बताया जाता है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सामने हुए समझौते में अखिलेश ने शिवपाल को पचास टिकट देने का वादा किया था, किंतु उन्हें सिर्फ एक टिकट दिया. यह टिकट भी उन्हें सपा के सिंबल पर दिया गया. चुनाव प्रचार से भी अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को दूर ही रखा था. चुनाव परिणाम आने के बाद सपा विधायक दल की बैठक में अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को ही नहीं बुलाया. चर्चा यह है कि इस चोट से तिलमिलाए शिवपाल सिंह यादव ने सपा से किनारा करने का निश्चय कर लिया. इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से मुलाकात की थी. इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया पर योगी-मोदी को फॉलो किया. इसके बाद से उनके बीजेपी में जाने की चर्चा गरम हो गई. हालांकि शिवपाल यादव ने अभी तक इस विषय पर अपना पत्ता नहीं खोला है.
(आईएएनएस इनपुट)
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