सीतामढ़ी/मोतिहारी : बिहार में पार्ले जी बिस्किट (Parle-G) बिस्किट को लेकर ऐसी अफवाह उड़ी कि देखते ही देखते दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों में पार्लेजी बिस्किट खरीदने की होड़ लग गई. दुकानों पर बिस्किट खरीदने वालों की भीड़ लग गई और कुछ ही देर बाद आलम ये था कि कई दुकानों पर पार्लेजी बिस्किट का टोटा हो गया.
क्या थी अफवाह ?
पूर्वी चंपारण के सीतमढ़ी, मोतिहारी जिले के साथ शिवहर जिले में एक अफवाह फैली कि जिस घर में जितने बटे हैं, उन सभी को बिस्किट के पैकेट खाने है. वरना कोई अनहोनी हो सकती है. इस अफवाह को जितिया पर्व से जोड़कर भी फैलाया गया था. दरअसल बिहार और यूपी में जितिया पर्व बेटों की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है. इस दिन माताएं बेटों की दीर्घायु, आरोग्य और सुखमयी जीवन के लिए व्रत रखती हैं.
बिस्किट के लिए दुकानों पर लग गई भीड़
स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया के इस युग में बिस्किट खाने की अफवाह जंगल में आग की तरह फैल गई. जिसके बाद दुकानों में पार्ले जी बिस्किट खरीदने वालों की होड़ लग गई. कुछ दुकानें तो ऐसी थी कि जहां पहुंचने वाला हर दूसरा ग्राहक पार्ले जी बिस्किट की मांग कर रहा था. जिसक बाद कुछ दुकानों से तो देखते ही देखते पार्ले जी बिस्किट का स्टॉक खत्म हो गया.
अफवाह कहां से फैली कोई नहीं जानता
पार्ले जी बिस्किट ना खाने पर बेटों के साथ अनहोनी की अफवाह देखते ही देखते बिहार के तीन-चार जिलों तक पहुंच गई. खासकर ग्रामीण इलाकों में तो दुकानों पर बिस्किट खरीदने के लिए भीड़ उमड़ने लगी. जिसके बाद इन इलाकों में पार्ले जी की बिक्री इतनी बढ़ गई कि कई दुकानों में पार्ले जी का स्टॉक खत्म हो गया तो कुछ ने मांग को देखते हुए पार्ले जी का स्टॉक बढ़ाना शुरु कर दिया है. हालांकि ये अफवाह कहां से उड़ी और किसने उड़ाई, इसका पता नहीं चल सका है.
हंसने के साथ सोचने की भी है बात
ये ख़बर पढ़ते हुए भले आपकी हंसी छूट रही होगी लेकिन ये सोचने वाली बात भी है. 21वीं सदी में भी अंधविश्वास या इस तरह की अफवाहों का होना सवाल उठाता है. बिहार की ये घटना बताती है कि संचार युग में सोशल मीडिया कैसे समाज के खासकर गरीब और अशिक्षित तबके के लिए श्राप साबित हो सकता है और ऐसी अफवाहों को फैलान में मददगार साबित हो सकता है.
इसलिये इस तरह की अफवाह व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये ना फैलाएं. इस तरह के मैसेज बिल्कुल भी फॉरवर्ड ना करें. इसके बजाय लोगों को अंधविश्वास के प्रति जागरुक करने में अपनी भूमिका निभाए.
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