मुंबई : कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों. शायद कवि दुष्यंत कुमार के इस काव्यांश को एक महिला ने अपने जीवन का सूत्र बनाया है. पुणे की शीतल महाजन के कारनामे देखकर ऐसा लगता है, मानो उन्होंने आसमां की बुलंदियों पर खुद की पहचान कायम करने का संकल्प ले रखा हो.
भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित शीतल महाजन साड़ी पहनकर डाइव लगाने के मामले में भारत की पहली महिला स्काईडाइवर (shital India first saree skydiver) हैं. 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर पुणे में शीतल महाजन ने साड़ी पहनकर स्काई डाइविंग की, जिससे मौके पर मौजूद लोग दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गए.
यूं तो शीतल महाजन 2018 में ही भारत की पहली महिला स्काई डाइवर होने का गौरव हासिल कर चुकी हैं, लेकिन 2022 में जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष मना रहा है, तो इस मौके पर शीतर महाजन की स्काई डाइविंग महिलाओं को प्रेरित जरूर करेगी.
शीतक महाजन की स्काई डाइविंग इस बात का ज्वलंत प्रमाण है कि महिलाएं आज पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं. बस दरकार एक अदद मौके की है, और शायद यह कहना भी गलत नहीं होगी कि महिलाएं जिन्हें हम आधी आबादी कहते हैं, वे खुद अपना रास्ता बनाना जानती हैं.
पुणे की एडवेंचरिस्ट शीतल राणे महाजन (Pune adventurist Shital Rane Mahajan) ने फरवरी, 2018 में एक नया रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने पारंपरिक महाराष्ट्रीयन नौवारी साड़ी पहनकर स्काईडाइव (traditional Maharashtrian Nauvari Saree) किया, और ऐसा करने वाली शीतल पहली भारतीय बनीं. गुलाबी और बैंगनी रंग की नौ गज की साड़ी में पहनी महिला शीतल महाजन ने थाईलैंड के थाई स्काईडाइविंग सेंटर पटाया में 13,000 फीट की ऊंचाई से स्काइडाइविंग करके यह उपलब्धि हासिल की थी.
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बिना किसी प्रशिक्षण के पैराशूट पहन कर कूदीं
पद्म श्री से सम्मानित शीतल बिना किसी ट्रायल के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के ऊपर डाइव लगाने वाली पहली महिला हैं. शीतल को बिना किसी प्रशिक्षण के पैराशूट पहन कर कूदने का प्रयास करने के मामले में भी पहली महिला (Shital mahajan first ever parachute jump) के रूप में जाना जाता है. उन्होंने माइनस 37 डिग्री सेल्सियस तापमान में उत्तरी ध्रुव पर 2400 फीट की ऊंचाई से ऐसा किया था.
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भारतीय खिलाड़ी शीतल महाजन के नाम छह विश्व रिकॉर्ड और 17 राष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं. शीतल लगभग माइनस 38 डिग्री सेल्सियस तापमान में दक्षिणी ध्रुव के अंटार्कटिका में 11,600 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा चुकी हैं. उन्होंने बिना किसी ट्रायल के यह फ्री फॉल जंप किया था.