पटना: बिहार में रामचरितमानस को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के बाद राजधानी पटना के दानापुर से आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस मस्जिद में लिखी गई थी. बाहुबली विधायक के विवादित बोल पर बिहार की सियासत गरमा गई है. बता दें कि गुरुवार को महागठबंदन के दलों ने बीजेपी के 9 साल बेमिसाल कार्यक्रम के विरोध में जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया था. इस दौरान धरना देने पहुंचे रीतलाल यादव ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था.
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'रामचरितमानस को मस्जिद में बैठकर लिखा गया था' : आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने कहा कि हिंदुत्व राज, एक-दूसरे को लड़ाने के फेर में आप पड़े हुए हैं. कब तक चलेगा ऐसा. एक समय जब आया था राम मंदिर, राम मंदिर की लोग चर्चा करते हैं. रामचरितमानस जब लिखा गया था तो एक मस्जिद में लिखा गया था. इतिहास उठाके देखिएगा. उस वक्त हमारा हिंदुत्व खतरे में नहीं था? मुगलकाल में हमारा हिंदू खतरे में नहीं था?.
''एक मुस्लिम लड़की जब भागवत कथा के लिए पुरस्कार जीतती है तो लोग कुछ नहीं बोलते हैं. जब हमारा देश गुलाम था तो उस वक्त मुसलमान को देश से भगा देना चाहिए था. बीजेपी को अपनी पार्टी से मुस्लिम लोगों को निकाल देना चाहिए.'' - रीतलाल यादव, आरजेडी विधायक
BJP ने कहा, 'लालू के चरवाहा विद्यालय से पढ़े हैं' : आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के विवादित बयान के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया. पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि तुलसीदासजी ने रामचरितमानस को कहां बैठकर लिखा था. अगर ये कह रहे हैं कि रामचरितमानस को मस्जिद में बैठकर लिखा गया तो ये मान लेना चाहिए कि जो लोग ऐसा बोल रहे हैं वो लालू यादव के चरवाहा विद्यालय से पढ़े हैं.
रामचरित मानस विवाद से जेडीयू ने बनाई दूरी : वहीं बिहार में आरजेडी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने इस विवाद से खुद को अलग कर लिया है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि धर्म पर ऐसा बोलना ठीक नहीं है. सबकी अपने-अपने धर्म में आस्था है. इसलिए उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर बवाल : बता दें कि इससे पहले भी जनवरी 2023 में नालंदा में एक कार्यक्रम के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने रामचरितमानक को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था.