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बिहार : रामविलास पासवान की पहली बरसी, परिवार को एकजुट करने की कवायद!

रामविलास पासवान की पहली बरसी को लेकर चिराग पासवान ने कार्ड छपवाया है. इस कार्ड पर केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, कृष्ण राज, सांसद प्रिंस राज के भी नाम हैं. अब कयास लगाये जा रहे हैं कि चिराग पासवान की यह कवायद पासवान परिवार को एकजुट करने की कोशिश तो नहीं है. पढ़ें पूरी खबर.

रामविलास पासवान की बरसी
रामविलास पासवान की बरसी
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Published : Sep 7, 2021, 2:26 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 6:39 PM IST

पटना: दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहली बरसी 8 अक्टूबर को है. उनके सरकारी आवास रहे दिल्ली के 12 जनपथ स्थित बंगले पर बरसी मनाई जाएगी. दरअसल, लोजपा (LJP) में हुए दो फाड़ के बाद रामविलास पासवान की पहली बरसी 12 सितंबर को चिराग गुट की ओर से पटना के श्रीकृष्णपुरी आवास पर मनाई जाएगी. इसको लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कार्ड छपवाया है.

इस बरसी कार्ड में विनीत खुद लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान हैं. वहीं शोकाकुल उनके चाचा यानी कि राम विलास पासवान के छोटे भाई व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras), कृष्ण राज, सांसद प्रिंस राज (MP Prince Raj), यश राज एवं समस्त पासवान परिवार को रखा गया है.

लोजपा (LJP) में टूट के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा एक दूसरे का नाम तक सुनना पसंद नहीं कर रहे थे. दोनों एक दूसरे खिलाफ जमकर भड़ास निकालते रहे हैं. इसी बीच बरसी के कार्ड पर पूरे परिवार का नाम छपना काफी अहम माना जा रहा है. कई राजनीतिक जानकारों को कहना है कि चिराग पासवान की यह कवायद परिवार को एकजुट करने की कोशिश भी हो सकती है.

चिराग ने बरसी कार्ड पर शोकाकुल परिवार में चाचा और चचेरे भाइयों को, जो अभी उनसे अलग हैं, उन्हें भी स्थान दिया है। यहां बता दें कि ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पहले पशुपति कुमार पारस ने कहा था कि सूरज पश्चिम से उग सकता है लेकिन चाचा भतीजा एक नहीं हो सकते हैं. 2 दिन पहले अपने बयान से पलटते हुए ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि अगर चिराग पासवान अपनी गलतियों को मानकर सुधार करेंगे तो हम एक होने पर विचार कर सकते हैं. इस प्रकार के बयानों से समझा जा रहा है कि इस परिवार के बीच कहीं ना कहीं करीबी बढ़ती दिख रही है.

राम विलास पासवान की बरसी 12 सितंबर को पटना के एस के पूरी आवास पर मनाई जाएगी. इसको लेकर लोगों को दिन के 1 बजे आमंत्रित किया गया है. इस कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं को इनवाइट किया गया है. हालांकि लोजपा के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चिराग पासवान अपने पिता की बरसी को लेकर आम जनता की सिंपैथी पाना चाहते हैं.

पढ़े : सरकारी बंगले में राम विलास पासवान की लगाई मूर्ति, अब क्या करेंगे रेल मंत्री ?

यहां बता दें कि चिराग पासवान दिल्ली में जिस आवास में रह रहे हैं, वह रामविलास पासवान के नाम से अलॉट था. उसे खाली करने का निर्देश दिया गया है. चिराग उस आवास में रामविलास पासवान की बरसी तक यानी 8 अक्टूबर तक रहना चाहते हैं. उन्होंने 12 जनपथ रोड स्थित आवास पर राम विलास पासवान की प्रतिमा भी स्थापित करवा दी है. राम विलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर 2020 को हुआ था.

पटना: दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहली बरसी 8 अक्टूबर को है. उनके सरकारी आवास रहे दिल्ली के 12 जनपथ स्थित बंगले पर बरसी मनाई जाएगी. दरअसल, लोजपा (LJP) में हुए दो फाड़ के बाद रामविलास पासवान की पहली बरसी 12 सितंबर को चिराग गुट की ओर से पटना के श्रीकृष्णपुरी आवास पर मनाई जाएगी. इसको लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कार्ड छपवाया है.

इस बरसी कार्ड में विनीत खुद लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान हैं. वहीं शोकाकुल उनके चाचा यानी कि राम विलास पासवान के छोटे भाई व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras), कृष्ण राज, सांसद प्रिंस राज (MP Prince Raj), यश राज एवं समस्त पासवान परिवार को रखा गया है.

लोजपा (LJP) में टूट के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा एक दूसरे का नाम तक सुनना पसंद नहीं कर रहे थे. दोनों एक दूसरे खिलाफ जमकर भड़ास निकालते रहे हैं. इसी बीच बरसी के कार्ड पर पूरे परिवार का नाम छपना काफी अहम माना जा रहा है. कई राजनीतिक जानकारों को कहना है कि चिराग पासवान की यह कवायद परिवार को एकजुट करने की कोशिश भी हो सकती है.

चिराग ने बरसी कार्ड पर शोकाकुल परिवार में चाचा और चचेरे भाइयों को, जो अभी उनसे अलग हैं, उन्हें भी स्थान दिया है। यहां बता दें कि ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पहले पशुपति कुमार पारस ने कहा था कि सूरज पश्चिम से उग सकता है लेकिन चाचा भतीजा एक नहीं हो सकते हैं. 2 दिन पहले अपने बयान से पलटते हुए ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पशुपति पारस ने कहा कि अगर चिराग पासवान अपनी गलतियों को मानकर सुधार करेंगे तो हम एक होने पर विचार कर सकते हैं. इस प्रकार के बयानों से समझा जा रहा है कि इस परिवार के बीच कहीं ना कहीं करीबी बढ़ती दिख रही है.

राम विलास पासवान की बरसी 12 सितंबर को पटना के एस के पूरी आवास पर मनाई जाएगी. इसको लेकर लोगों को दिन के 1 बजे आमंत्रित किया गया है. इस कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं को इनवाइट किया गया है. हालांकि लोजपा के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चिराग पासवान अपने पिता की बरसी को लेकर आम जनता की सिंपैथी पाना चाहते हैं.

पढ़े : सरकारी बंगले में राम विलास पासवान की लगाई मूर्ति, अब क्या करेंगे रेल मंत्री ?

यहां बता दें कि चिराग पासवान दिल्ली में जिस आवास में रह रहे हैं, वह रामविलास पासवान के नाम से अलॉट था. उसे खाली करने का निर्देश दिया गया है. चिराग उस आवास में रामविलास पासवान की बरसी तक यानी 8 अक्टूबर तक रहना चाहते हैं. उन्होंने 12 जनपथ रोड स्थित आवास पर राम विलास पासवान की प्रतिमा भी स्थापित करवा दी है. राम विलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर 2020 को हुआ था.

Last Updated : Sep 7, 2021, 6:39 PM IST
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