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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामला : सीएम गहलोत के ओएसडी को नोटिस जारी कर सकती है दिल्ली पुलिस

राजस्थान फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ अदालत जा सकती है. शुक्रवार को वह पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर नहीं पहुंचे.

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Published : Oct 23, 2021, 4:43 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस लोकेश शर्मा के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है. शुक्रवार को वह पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर नहीं पहुंचे. इसके चलते पुलिस हाई कोर्ट से लोकेश की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटवाने की मांग कर सकती है. कोर्ट जाने से पहले पुलिस इसे लेकर कानूनी सलाह ले रही है. वहीं लोकेश शर्मा को दोबारा पूछताछ के लिए जल्द नोटिस जारी किया जाएगा.

जानकारी के अनुसार जुलाई 2020 में राजस्थान से सांसद एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत की बातचीत का एक ऑडियो लीक हुआ था. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी. इस पर क्राइम ब्रांच ने बीते मार्च महीने में एफआईआर दर्ज की थी. मंत्री द्वारा दी गई शिकायत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को नोटिस देकर पूछताछ के लिए शुक्रवार को रोहिणी स्थित दफ्तर में बुलाया था. लेकिन दिन भर इंतजार करने के बावजूद वह पूछताछ में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे.

सीएम गहलोत के ओएसडी को नोटिस जारी कर सकती है दिल्ली पुलिस

पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने लोकेश शर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका मोबाइल भी बंद था. उनकी तरफ से किसी प्रकार की सूचना भी क्राइम ब्रांच को नहीं दी गई. उनके इस रवैये से क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी नाराज हैं. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में पुलिस जल्द ही दूसरा नोटिस लोकेश शर्मा को भेजेगी. इसके अलावा कानूनी सलाह ली जा रही है कि क्या लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से मिली राहत रद्द करवाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जाए. इस मामले में हाई कोर्ट से 13 जनवरी तक लोकेश की गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है. इस मामले में मुख्य आरोपी लोकेश शर्मा को बनाया गया है जिनके खिलाफ मंत्री ने शिकायत दी है.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिकायत में बताया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा एवं अन्य ने आपराधिक साजिश के तहत उनके कॉल को टैप किया था. इसमें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय एवं पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत थी. 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चला जो एमएलए भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी. मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप उन्हें दी थी. क्राइम ब्रांच ने बीते 25 मार्च को उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 26, आईटी एक्ट की धारा 72/ 72ए और आईपीसी की धारा 409/120 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

पढ़ेंः कांग्रेस की 7 'प्रतिज्ञा' : प्रियंका गांधी ने बाराबंकी में यात्रा को दिखाई हरी झंडी, बोलीं- हम निभाएंगे वचन

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस लोकेश शर्मा के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है. शुक्रवार को वह पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के दफ्तर नहीं पहुंचे. इसके चलते पुलिस हाई कोर्ट से लोकेश की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटवाने की मांग कर सकती है. कोर्ट जाने से पहले पुलिस इसे लेकर कानूनी सलाह ले रही है. वहीं लोकेश शर्मा को दोबारा पूछताछ के लिए जल्द नोटिस जारी किया जाएगा.

जानकारी के अनुसार जुलाई 2020 में राजस्थान से सांसद एवं कैबिनेट मंत्री गजेंद्र शेखावत की बातचीत का एक ऑडियो लीक हुआ था. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवात ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी. इस पर क्राइम ब्रांच ने बीते मार्च महीने में एफआईआर दर्ज की थी. मंत्री द्वारा दी गई शिकायत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को नोटिस देकर पूछताछ के लिए शुक्रवार को रोहिणी स्थित दफ्तर में बुलाया था. लेकिन दिन भर इंतजार करने के बावजूद वह पूछताछ में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे.

सीएम गहलोत के ओएसडी को नोटिस जारी कर सकती है दिल्ली पुलिस

पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने लोकेश शर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका मोबाइल भी बंद था. उनकी तरफ से किसी प्रकार की सूचना भी क्राइम ब्रांच को नहीं दी गई. उनके इस रवैये से क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी नाराज हैं. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में पुलिस जल्द ही दूसरा नोटिस लोकेश शर्मा को भेजेगी. इसके अलावा कानूनी सलाह ली जा रही है कि क्या लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से मिली राहत रद्द करवाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जाए. इस मामले में हाई कोर्ट से 13 जनवरी तक लोकेश की गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है. इस मामले में मुख्य आरोपी लोकेश शर्मा को बनाया गया है जिनके खिलाफ मंत्री ने शिकायत दी है.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिकायत में बताया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा एवं अन्य ने आपराधिक साजिश के तहत उनके कॉल को टैप किया था. इसमें राज्य सरकार के गृह मंत्रालय एवं पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत थी. 17 जुलाई 2020 को कई मीडिया चैनल पर एक टेलिफोनिक कन्वर्सेशन चला जो एमएलए भंवर सिंह, संजय जैन और शिकायतकर्ता के बीच की बातचीत का बताया गया. यह कॉल अवैध तरीके से रिकॉर्ड की गई थी. मीडिया हाउस ने नोटिस के जवाब में मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने ही ऑडियो क्लिप उन्हें दी थी. क्राइम ब्रांच ने बीते 25 मार्च को उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 26, आईटी एक्ट की धारा 72/ 72ए और आईपीसी की धारा 409/120 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

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