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Modi surname case: राहुल गांधी को पटना हाइकोर्ट से बड़ी राहत, 'मोदी सरनेम' मामले में पेशी से मिली छूट - etv bharat news

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बिहार की पटना हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मोदी सरनेम को लेकर सूरत कोर्ट से दो साल की सजा पा चुके राहुल को इसी मामले में फिलहाल पटना की एक निचली अदालत में पेश नहीं होना होगा, क्योंकि उच्च अदालत ने इस पर 15 मई, 2023 तक इस पर रोक लगा दी है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
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Published : Apr 24, 2023, 1:17 PM IST

Updated : Apr 24, 2023, 10:50 PM IST

देखें रिपोर्ट.

पटनाः मोदी सरनेम मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर पटना हाइकोर्ट में आज सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर 15 मई, 2023 तक का रोक लगाते हुए राहुल गांधी को फिलहाल राहत दे दी है. राहुल गांधी की याचिका पर जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने सुनवाई की.

ये भी पढ़ेंः Modi Surname Case: मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी पटना के MP MLA कोर्ट में पेश होंगे या नहीं? आज हाईकोर्ट का फैसला

निचली अदालत में 25 अप्रैल को होना था पेशः ने पटना की निचली अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल,2023 को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था. निचली अदालत के उस आदेश के विरुद्ध राहुल गांधी ने आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी. अब उन्हें पटना की निचली अदालत में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 मई, 2023 को की जाएगी.

''सूरत में कनविक्शन हो गया है इसलिए यहां पर कनविक्शन नहीं हो सकता, यहां पर प्रॉसिक्यूशन ही नहीं चलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट के हवाले से कहा कि अब यहां पर प्रॉसिक्यूशन नहीं चल सकता है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 मई तय की है, तब तक के लिए निचली अदालत की करवाई पर रोक लगा दी है. हमने अपना पक्ष रख दिया है और अब सुशील मोदी के वकील ने समय मांगा है. अपना जवाब देने के लिए अब जो भी करेंगे वो ही करेंगे.''- अंशुल, अधिवक्ता, राहुल गांधी

''राहुल गांधी जी के खिलाफ में मानहानि का मुकदमा एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहा था. जिसमें कोर्ट द्वारा कल राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था. पर उनके वकील ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया था कि जब इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने सजा सुना दिया है, तो फिर उसी केस में दोबारा सुनवाई क्यों. जिसके बाद उच्च न्यायालय में याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला आया कि फिलहाल निचली अदालत में इस मामले पर सुनवाई नहीं होगी.''- एसडी संजय, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुशील मोदी

मोदी सरनेम को ले कर की थी टिप्पणीः गौरतलब है कि 2019 में उन्होंने कर्नाटक में मोदी सरनेम को ले कर टिप्पणी की थी. इसी मामलें में बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पटना के सिविल कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया था. इसी मामलें में सूरत कोर्ट उन्हें पहले ही दो वर्षों की सजा सुना चुकी है, जिस कारण उन्हें अपनी संसद सदस्यता भी खोनी पड़ी. अब पटना कोर्ट से इसी मामले को लेकर फिलहाल उन्हें राहत मिली है.

साल 2019 में दर्ज हुआ था मामलाः आपको बता दें कि 2019 में सुशील कुमार मोदी ने यह मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय को चोर बताकर उनका अपमान किया है. फिर इस मामले में कांग्रेस नेता ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और जमानत मिल गई. इस मामले में सुशील कुमार मोदी समेत 5 गवाह हैं. इस मामले में आखिरी गवाही जिसने दर्ज कराई वह सुशील मोदी हैं. बहरहाल निचली अदालत के इस आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है, जिससे अब राहुल गांधी को 25 अप्रैल को पटना के एमएलए-एमपी कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा.

देखें रिपोर्ट.

पटनाः मोदी सरनेम मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर पटना हाइकोर्ट में आज सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर 15 मई, 2023 तक का रोक लगाते हुए राहुल गांधी को फिलहाल राहत दे दी है. राहुल गांधी की याचिका पर जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने सुनवाई की.

ये भी पढ़ेंः Modi Surname Case: मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी पटना के MP MLA कोर्ट में पेश होंगे या नहीं? आज हाईकोर्ट का फैसला

निचली अदालत में 25 अप्रैल को होना था पेशः ने पटना की निचली अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल,2023 को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था. निचली अदालत के उस आदेश के विरुद्ध राहुल गांधी ने आदेश को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी. अब उन्हें पटना की निचली अदालत में उपस्थित नहीं होना पड़ेगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 मई, 2023 को की जाएगी.

''सूरत में कनविक्शन हो गया है इसलिए यहां पर कनविक्शन नहीं हो सकता, यहां पर प्रॉसिक्यूशन ही नहीं चलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट के हवाले से कहा कि अब यहां पर प्रॉसिक्यूशन नहीं चल सकता है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 मई तय की है, तब तक के लिए निचली अदालत की करवाई पर रोक लगा दी है. हमने अपना पक्ष रख दिया है और अब सुशील मोदी के वकील ने समय मांगा है. अपना जवाब देने के लिए अब जो भी करेंगे वो ही करेंगे.''- अंशुल, अधिवक्ता, राहुल गांधी

''राहुल गांधी जी के खिलाफ में मानहानि का मुकदमा एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहा था. जिसमें कोर्ट द्वारा कल राहुल गांधी को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था. पर उनके वकील ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया था कि जब इसी मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने सजा सुना दिया है, तो फिर उसी केस में दोबारा सुनवाई क्यों. जिसके बाद उच्च न्यायालय में याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला आया कि फिलहाल निचली अदालत में इस मामले पर सुनवाई नहीं होगी.''- एसडी संजय, वरिष्ठ अधिवक्ता, सुशील मोदी

मोदी सरनेम को ले कर की थी टिप्पणीः गौरतलब है कि 2019 में उन्होंने कर्नाटक में मोदी सरनेम को ले कर टिप्पणी की थी. इसी मामलें में बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पटना के सिविल कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया था. इसी मामलें में सूरत कोर्ट उन्हें पहले ही दो वर्षों की सजा सुना चुकी है, जिस कारण उन्हें अपनी संसद सदस्यता भी खोनी पड़ी. अब पटना कोर्ट से इसी मामले को लेकर फिलहाल उन्हें राहत मिली है.

साल 2019 में दर्ज हुआ था मामलाः आपको बता दें कि 2019 में सुशील कुमार मोदी ने यह मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय को चोर बताकर उनका अपमान किया है. फिर इस मामले में कांग्रेस नेता ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और जमानत मिल गई. इस मामले में सुशील कुमार मोदी समेत 5 गवाह हैं. इस मामले में आखिरी गवाही जिसने दर्ज कराई वह सुशील मोदी हैं. बहरहाल निचली अदालत के इस आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है, जिससे अब राहुल गांधी को 25 अप्रैल को पटना के एमएलए-एमपी कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा.

Last Updated : Apr 24, 2023, 10:50 PM IST
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