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प्रशांत किशोर ने खुद को बताया-'कांग्रेस विचारधारा के करीब', उठने लगे सवाल- 'बाउंसर' डाला या पक रही 'खिचड़ी'

प्रशांत किशोर, बिहार की राजनीति में तेजी से उभरता एक नाम. सफल चुनावी रणनीतिकार हैं, इस बात को साबित कर चुके हैं. अब बिहार के सफल नेता बनना चाहते हैं. मेहनत भी कर रहे हैं, पद यात्रा करके. लेकिन, राजनीतिक गलियारे में एक सवाल अक्सर उठता रहता है कि प्रशांत किशोर अकेले चुनाव में जाएंगे या फिर गठबंधन करेंगे. प्रशांत किशोर ने कभी खुलकर इस पर जवाब नहीं दिया, लेकिन आज उन्होंने मीडिया में एक बयान देकर सियासी बम फोड़ा है. इसकी धमक कहां तक जाएगी- पढ़ें, विस्तार से.

प्रशांत किशोर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 22, 2023, 9:42 PM IST

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों जन सुराज पद यात्रा पर हैं. यात्रा के दौरान मीडिया से बात भी करते रहते हैं. इस दौरान वे नीतीश कुमार, लालू यादव और नरेंद्र मोदी पर हमला करते रहते हैं. उनकी नीतियों को गलत बताते रहते हैं. लोगों को सावधानी से वोट देने के लिए कहते रहते हैं. लेकिन, उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि वो चुनाव किसके साथ मिलकर लड़ेंगे. अब उन्होंने पत्ते खोलने शुरू किये हैं.

प्रशांत किशोर का सियासी बमः मीडिया रिपोर्टस की मानें तो प्रशांत किशोर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. उन्होंने इस बात का इशारा किया है. दरअसल एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका झुकाव कांग्रेस की नीतियों की ओर है. प्रशांत किशोर ने कहा कि "हम किसी गठबंधन से सरोकार नहीं रखते हैं, लेकिन हमारी विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा मिलती-जुलती है." प्रशांत किशोर ने कहा कि "ऐसा नहीं है कि भाजपा को हराया नहीं जा सकता है, भाजपा का वोट शेयर 19% है. हमने बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में भाजपा को हराया है."

कांग्रेस के साथ पक रही खिचड़ीः प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद बिहार का सियासी माहौल गरमा गया है. कयास लगाये जाने लगे हैं कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच कोई खिचड़ी पक रही है. क्योंकि प्रशांत किशोर की छवि एक सुलझे हुए व्यक्ति की है. वह नपी तुली भाषा का प्रयोग करते हैं. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि प्रशांत किशोर ने यह बयान यूं ही नहीं दिया होगा. कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में जो कुछ हो रहा है उसके बाद कांग्रेस को भी प्रशांत किशोर की जरूरत पड़ सकती है.

कांग्रेस से पहले हुई थी बातचीतः बता दें कि प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2022 से पश्चिम चंपारण से बिहार में पदयात्रा शुरू की थी. पदयात्रा चल रही है. करीब 3000 किमी की पदयात्रा करने की बात कही थी. पदयात्रा शुरू करने से पहले वे कांग्रेस पार्टी के संपर्क में थे. कांग्रेस के साथ उनकी बात नहीं बनी. तब उन्होंने मीडिया में कहा था कि "कांग्रेस के साथ बातचीत खत्म या पॉज की बात नहीं है. ये तो कांग्रेस का बड़प्पन है कि मेरे जैसे साधारण आदमी को बुलाया. आगे के रास्ते क्या हो सकते हैं, इस पर मैंने विचार रखे थे. अब ये उन पर है कि उन रास्तों पर चलना चाहें या नहीं."

इसे भी पढ़ेंः 'दोनों हैं मतलब के यार', बोले प्रशांत किशोर- 'नीतीश और लालू के संबंध अच्छे नहीं'

इसे भी पढ़ेंः 'नीतीश कुमार जिनके साथ रहते हैं, उसके अनुसार अपनी अंतरआत्मा को कर लेते हैं ट्यून'- प्रशांत किशोर का तंज

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों जन सुराज पद यात्रा पर हैं. यात्रा के दौरान मीडिया से बात भी करते रहते हैं. इस दौरान वे नीतीश कुमार, लालू यादव और नरेंद्र मोदी पर हमला करते रहते हैं. उनकी नीतियों को गलत बताते रहते हैं. लोगों को सावधानी से वोट देने के लिए कहते रहते हैं. लेकिन, उन्होंने कभी भी यह नहीं कहा कि वो चुनाव किसके साथ मिलकर लड़ेंगे. अब उन्होंने पत्ते खोलने शुरू किये हैं.

प्रशांत किशोर का सियासी बमः मीडिया रिपोर्टस की मानें तो प्रशांत किशोर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. उन्होंने इस बात का इशारा किया है. दरअसल एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका झुकाव कांग्रेस की नीतियों की ओर है. प्रशांत किशोर ने कहा कि "हम किसी गठबंधन से सरोकार नहीं रखते हैं, लेकिन हमारी विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा मिलती-जुलती है." प्रशांत किशोर ने कहा कि "ऐसा नहीं है कि भाजपा को हराया नहीं जा सकता है, भाजपा का वोट शेयर 19% है. हमने बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में भाजपा को हराया है."

कांग्रेस के साथ पक रही खिचड़ीः प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद बिहार का सियासी माहौल गरमा गया है. कयास लगाये जाने लगे हैं कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच कोई खिचड़ी पक रही है. क्योंकि प्रशांत किशोर की छवि एक सुलझे हुए व्यक्ति की है. वह नपी तुली भाषा का प्रयोग करते हैं. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि प्रशांत किशोर ने यह बयान यूं ही नहीं दिया होगा. कयास यह भी लगाये जा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में जो कुछ हो रहा है उसके बाद कांग्रेस को भी प्रशांत किशोर की जरूरत पड़ सकती है.

कांग्रेस से पहले हुई थी बातचीतः बता दें कि प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2022 से पश्चिम चंपारण से बिहार में पदयात्रा शुरू की थी. पदयात्रा चल रही है. करीब 3000 किमी की पदयात्रा करने की बात कही थी. पदयात्रा शुरू करने से पहले वे कांग्रेस पार्टी के संपर्क में थे. कांग्रेस के साथ उनकी बात नहीं बनी. तब उन्होंने मीडिया में कहा था कि "कांग्रेस के साथ बातचीत खत्म या पॉज की बात नहीं है. ये तो कांग्रेस का बड़प्पन है कि मेरे जैसे साधारण आदमी को बुलाया. आगे के रास्ते क्या हो सकते हैं, इस पर मैंने विचार रखे थे. अब ये उन पर है कि उन रास्तों पर चलना चाहें या नहीं."

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