अजमेर. दरगाह के निजाम गेट से विवादित और भड़काऊ बयान (Gauhar Chishti Controversial speech case) देने व नारे लगाने वाला गौहर चिश्ती अभी भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है. नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अजमेर में 17 जून को निकाली गई मुस्लिम समुदाय की ओर से मौन रैली से ठीक पहले गौहर चिश्ती ने विवादित बयान और नफरत फैलाने वाले नारे लगवाए थे. गौहर के खिलाफ 8 दिन बाद दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. तब से गौहर चिश्ती फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी (police and NIA in search of Gauhar Chishti) हुई है.
दुनिया भर में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के निजाम गेट से 17 जून को भड़काऊ नारा गूंजा था. ये नारे लगाने वाले ने नफरत का जहर उगलने में भी कोई कसर भी नहीं छोड़ी थी. बल्कि पुलिस के संज्ञान में भी यह मामला काफी देर में आया था. गौहर चिश्ती ने भड़काऊ भाषण और नारा उस वक्त भी पुलिस के सामने ही दिया था.
17 जून को गौहर के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
26 जून को सकल हिन्दू समाज का जुलूस निकाला गया. इस दिन नूपुर शर्मा के समर्थन में नारे लगाने के मामले में अलवर गेट थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. बाद में दरगाह थाने में 17 जून को विवादित और भड़काऊ भाषण व नारे लगाए जाने के मामले में गौहर चिश्ती और उसके साथियों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. इस घटना के बाद से ही गोहर चिश्ती फरार है. उसके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
गौहर चिश्ती का नाम उस वक्त चर्चा में ज्यादा आया जब कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े थे. दरअसल आरोपियों से पूछताछ में एनआईए को कई जानकारी मिली है. इसमें आरोपियों का कनेक्शन अजमेर से निकल कर आया है. उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद फरार हुए आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी भीम क्षेत्र में गिरफ्तार किए गए थे. बताया जा रहा है कि वह अजमेर ही आ रहे थे. अजमेर में उन्हें पनाह देने वाला कौन था ? इस कड़ी को गौहर चिश्ती से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि उदयपुर मर्डर केस के आरोपी गौहर के संपर्क में थे. अजमेर पुलिस को भी अनुसंधान में कुछ सुराग मिले थे. हालांकि इससे बड़े राज भी गौहर चिश्ती की गिरफ्तारी से खुल सकते हैं. गौहर चिश्ती के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े होने की भी आशंका जताई जा रही है.
उदयपुर मर्डर केस के बाद ज्यादा सुर्खियों में आया गौहर चिश्ती
सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट की सीढ़ियों पर जहर उगलने वाला गौहर चिश्ती ही था. दरगाह के मुख्य द्वार से लोगों को उकसाने और भड़काने का बयान भी गौहर चिश्ती ने दिया था. गौहर का भड़काऊ वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. 28 जून को उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या बर्बरता पूर्वक की गई थी. उससे पहले आरोपियों ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था जिसमें आरोपियों ने वही नारे लगाए थे जो दरगाह के मुख्य द्वार पर गौहर चिश्ती ने लगाए थे. कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद दरगाह का खादिम गौहर चिश्ती नेशनल इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के रडार पर आ चुका है.
गौहर चिश्ती का वीडियो
2 वर्षों से थी गौहर चिश्ती की संदिग्ध गतिविधियां
जानकारी के मुताबिक 2020 में सीआरपीएफ पुलिया से वीडियो बनाने के चक्कर में गौहर चिश्ती खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया था. 17 जनवरी 2020 को गौहर चिश्ती को अजमेर के नया बाजार से खुफिया पुलिस ने कोतवाली थाना पुलिस की मदद से पकड़ा था. हालांकि पुलिस ने उसके मोबाइल की जांच पड़ताल करने के बाद उसे छोड़ दिया था. जब से खुफिया पुलिस की भी नजर गौहर चिश्ती पर थी.