ऑक्सीजन हमारी प्राणवायु है और हम सभी उसकी अहमियत जानते हैं. लेकिन लोग यह भी जानते हैं कि लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण हमारा वातावरण किस तरह प्रभावित हो रहा है और हम प्रतिदिन ऑक्सीजन के अलावा और भी बहुत से हानिकारक तत्व हवा के साथ सांस लेते समय ग्रहण करते हैं.
परन्तु, क्या आप जानते हैं, ऐसे बहुत से पौधे हैं जो वातावरण में न सिर्फ ऑक्सीजन बढ़ाने बल्कि वातावरण को नुकसान पहुँचाने वाले बेंजीन (Benzene), फार्मल्डिहाइड (Formaldehyde), जाइलीन (Xylene), टाल्यूईन (Toluene) और ट्राई क्लोरो एथिलीन (Trichloroethylene) जैसे हानिकारक रसायनों को सोखने में सक्षम होते हैं। कुछ महीनों पूर्व अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने स्पेस स्टेशन की हवा को प्राकृतिक तरीके से डी-टॉक्सीफाई करने के उद्देश्य से एक एक्सपेरिमेंट में कुछ ऐसे ही पौधों का इस्तेमाल किया था। आइए जानते हैं कौन से वह पौधे हैं, जिनकी ऑक्सीजन को बेहतर बनाने में उपयोगिता को अब नासा भी प्रमाणित करता है.
एरेका पाम (Areca Palm)
एरेका पाम आसपास हवा में मौजूद खतरनाक फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है. इसकी खासियत है कि इसे पनपने के लिए ज्यादा रोशनी या पानी की जरूरत नहीं होती है. नासा के मुताबिक अगर आपके घर में कंधे के बराबर चार एरेका प्लांट हो तो काफी बेहतर रहता है.
स्पाइडर प्लांट (Spider Plant)
रिबन प्लांट के नाम से भी प्रसिद्ध यह पौधा 2 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड को भी सहने में सक्षम होता है. स्पाइडर प्लांट आसपास के वातावरण से तेजी से कार्बन मोनोऑक्साइड और जाइलीन जैसी गैसों को सोख लेता है. इसे हफ्ते में सिर्फ एक बार पानी देने की जरूरत होती है.
मनी प्लांट (Money Plant)
मनी प्लांट कम रोशनी में भी ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता रखता है. नासा के अनुसार यह बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन जैसी जहरीली गैसों को सोखने की क्षमता रखता है. लेकिन इस पौधे को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुँच से दूर रखना चाहिए. क्योंकि अगर गलती से बच्चे या जानवर इसे खा लेते हैं तो फिर उल्टी-दस्त, मुंह और जीभ पर सूजन जैसी शिकायतें हो सकती हैं.
गरबेरा डेजी (Gerbera Daisy)
गरबेरा डेजी को सजावटी पौधे की श्रेणी में रखा जाता है . इस पौधे की खासियत है कि यह रात में भी ऑक्सीजन बना सकता है. नासा की रिसर्च के अनुसार यह पौधा वातावरण से बेनजेन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है . लेकिन इस पौधे को सीधी धूप की जरूरत होती है इसलिए इसे ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जहां इसे कुछ घंटे सीधी धूप मिल सके. साथ ही इसे नियमित तौर पर पानी देने की भी जरूरत होती है .
चाइनीज एवरग्रीन (Chinese Evergreen)
बड़ी-बड़ी पत्तियों वाला यह पौधा वातावरण से बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को सोख लेता है. इसे रोजाना पानी देने की जरूरत नहीं है. लेकिन पालतू जानवरों के लिए यह जहरीला हो सकता है इसलिए इसे उनकी पहुँच से दूर रखना चाहिए.
एलोवेरा (Aloe Vera)
एलोवेरा औषधीय तथा सौन्दर्य को बढ़ाने वाले गुणों से युक्त होता है। इसकी पत्तियां आसपास के वातावरण से वार्निश, फ्लोर वार्निश और डिटर्जेंट्स में पाए जाने वाले बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को सोख लेती हैं. एलोवेरा धूप में अच्छी तरह पनपता है और इसे ज्यादा पानी देने की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती है.
ब्रॉड लेडी पाम (Broadleaf Lady Palm)
बैम्बू पाम के नाम से भी प्रचलित यह पौधा घर को साफ व कीड़ों से मुक्त रखने वाले उत्पादों से निकलने वाली अमोनिया गैस को सोखने में सक्षम होता है. साथ ही यह आसपास के वातावरण से बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को भी कम करता है. यह न सिर्फ हवा को साफ करता है साथ ही उसमें ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाता है. सीधी धूप से इसके पत्तों का रंग फीका पड़ जाता है. इसलिए इसे ऐसी जगह रखना चाहिए जहां पर छांव हो. गर्मियों में इसे प्रतिदिन पानी देना जरूरी है.
स्नेक प्लांट (Snake Plant)
स्नेक प्लांट रात के समय में भी ऑक्सीजन का उत्पादन करता है. यह पौधा बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, ट्रिक्लोरो, जाइलीन, टोलुइन जैसी जहरीली गैसों को सोखने का कार्य करता है. इसे बेडरूम में भी रखा जा सकता हैं. इस बहुत ज्यादा या सीधी धूप की जरूरत नहीं होती है. इसे हफ्ते में बस एक बार पानी देने की जरूरत होती है.
ड्रैगन ट्री (Dragon Tree)
ड्रैगन ट्री या रेड-एज ड्रैसेनिया वातावरण से बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है. इस पौधे को ज्यादा धूप की जरूरत होती है. इसलिए इसे ऐसी जगह रखना चाहिए जहां सीधी धूप आती हो. इसे पानी इसकी मिट्टी में नमी के हिसाब से दिया जा सकता हैं.
वीपिंग फिग (Weeping fig)
यह पौधा भी घर की हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है. इसकी जड़ें बहुत तेजी से फैलती हैं इसलिए इसे सही स्थान पर और बड़े गमले में लगाना चाहिए. पालतू जानवरों को इससे दूर रखने चाहिए क्योंकि इस पौधे से उन्हे एलर्जी हो सकती है. यह पौधा आमतौर पर सर्दियों में सूख जाता है.