पटना : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री (Union Minister of Food Processing) पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और अपने भाई दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को भारत रत्न देने की अपनी मांग दोहराई है. पटना में मीडियाकर्मियों से पारस ने कहा कि हमारे नेता रामविलास पासवान दलितों सहित समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए संघर्ष करते रहे. उन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया. समाज के प्रति उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, इसलिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से आग्रह करता हूं कि उन्हें भारत रत्न से नवाजा जाए.
उन्होंने कहा कि मैंने आज बिहार के मुख्यमंत्री (Chief minister of Bihar) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से भी मुलाकात की. हाजीपुर में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने तथा उनकी (रामविलास) जयंती पांच जुलाई को भी राजकीय अवकाश घोषित किए जाने का मैंने अनुरोध किया.
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इससे पहले, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Bihar) जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को पत्र लिखकर दिवंगत दलित नेता के नई दिल्ली स्थित 12 जनपथ बंगले को स्मारक में बदलने का अनुरोध किया था. लोजपा नेता और रामविलास के पुत्र चिराग पासवान ने भी नीतीश को पत्र लिखकर अपने दिवंगत पिता को भारत रत्न देने की सिफारिश करने की मांग की थी.
लोजपा के पारस गुट और चिराग गुट के बीच खींचतान के बीच निर्वाचन आयोग के लोजपा के चुनाव चिह्न को फ्रीज करने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर, पारस ने दोहराया कि मैंने ही चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि वह किसी को भी लोजपा का चुनाव चिह्न आवंटित न करे. न्यायालय में मामला विचाराधीन है. मैं चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत करता हूं.
पारस ने स्वयं को दिवंगत रामविलास पासवान का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया और कहा कि उनका गुट ही राजग गठबंधन का हिस्सा है.
(पीटीआई-भाषा)