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NSCN-IM ने नागरिकों पर हमले को 1997 के बाद सबसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया

नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा ओटिंग बस्ती इलाके में नागरिकों को गोली मारने की निंदा करते हुए संघर्ष विराम संगठन एनएससीएन (आईएम) (Ceasefire organization NSCN IM) ने रविवार को काला दिवस करार दिया. साथ ही कहा 1997 में भारत-नागा युद्धविराम पर हस्ताक्षर के बाद से यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है.

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सौजन्य@ट्विटर
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Published : Dec 5, 2021, 7:28 PM IST

हैदराबाद : संघर्ष विराम संगठन NSCN-IM (Ceasefire organization NSCN IM) की सूचना और प्रचार शाखा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा बलों की मूर्खता और पागलपन शनिवार शाम को सबसे क्रूर तरीके से उजागर हुई. जब ओटिंग में 15 निर्दोष नागरिक मार दिए गए. यह घटना नागालैंड के मोन जिले में कोन्याक क्षेत्र में हुई है.

बयान में कहा गया कि नागाओं के लिए यह एक काला दिन (It's a dark day for the Nagas) है क्योंकि 4 दिसंबर 2021 की शाम को कोन्याक क्षेत्र में करीब 15 निर्दोष ग्रामीणों की बर्बर हत्या कर दी गई. हम सभी इस पर शोक मनाते हैं.

कहा कि विडंबना यह है कि सर्वव्यापी भारतीय सुरक्षा बलों ने नागालिम (नागालैंड) में जहरीला तूफान लाया है. यह कोई नई बात नहीं है बल्कि वैध नागा राजनीतिक आंदोलन को दबाने के लिए अतीत की पुनरावृत्ति है. भारतीय सुरक्षा बल निर्दोष नागाओं के खून से सने हुए अपने हाथ कभी नहीं धो पाएंगे. वे कुछ भी बयान दें लेकिन यह विद्रोहियों के आंदोलन की विश्वसनीय खुफिया रिपोर्टों से जुड़ा है.

यह भी पढ़ें- नगालैंड में फायरिंग में 13 की मौत, इलाके में तनाव, गृह मंत्री ने जताया दुख

बयान में कहा गया वर्तमान भारत-नागा राजनीतिक संवाद के बावजूद जिसने दो दशकों से अधिक की अवधि के दौरान बहुत कुछ देखा है, नगाओं के खिलाफ हिंसा बेरोकटोक जारी है. यह 1997 में हस्ताक्षरित भारत-नागा युद्धविराम की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है. इस स्थिति के तहत निहत्थे नागरिकों की हत्या की निंदा करने के लिए हमें सही शब्दों का उपयोग करना मुश्किल लग रहा है. इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- नगालैंड के मोन जिले में गुस्साई भीड़ ने असम राइफल्स के शिविर में की तोड़फोड़

कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या का ऐसा बर्बर कृत्य मानवता के खिलाफ है और इस तरह के जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए. एनएससीएन ने कहा कि इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. एनएससीएन (आईएम) के बयान में कहा गया है कि हम उन लोगों के साथ भी सहानुभूति साझा करते हैं जो गंभीर रूप से घायल हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं.

हैदराबाद : संघर्ष विराम संगठन NSCN-IM (Ceasefire organization NSCN IM) की सूचना और प्रचार शाखा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षा बलों की मूर्खता और पागलपन शनिवार शाम को सबसे क्रूर तरीके से उजागर हुई. जब ओटिंग में 15 निर्दोष नागरिक मार दिए गए. यह घटना नागालैंड के मोन जिले में कोन्याक क्षेत्र में हुई है.

बयान में कहा गया कि नागाओं के लिए यह एक काला दिन (It's a dark day for the Nagas) है क्योंकि 4 दिसंबर 2021 की शाम को कोन्याक क्षेत्र में करीब 15 निर्दोष ग्रामीणों की बर्बर हत्या कर दी गई. हम सभी इस पर शोक मनाते हैं.

कहा कि विडंबना यह है कि सर्वव्यापी भारतीय सुरक्षा बलों ने नागालिम (नागालैंड) में जहरीला तूफान लाया है. यह कोई नई बात नहीं है बल्कि वैध नागा राजनीतिक आंदोलन को दबाने के लिए अतीत की पुनरावृत्ति है. भारतीय सुरक्षा बल निर्दोष नागाओं के खून से सने हुए अपने हाथ कभी नहीं धो पाएंगे. वे कुछ भी बयान दें लेकिन यह विद्रोहियों के आंदोलन की विश्वसनीय खुफिया रिपोर्टों से जुड़ा है.

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बयान में कहा गया वर्तमान भारत-नागा राजनीतिक संवाद के बावजूद जिसने दो दशकों से अधिक की अवधि के दौरान बहुत कुछ देखा है, नगाओं के खिलाफ हिंसा बेरोकटोक जारी है. यह 1997 में हस्ताक्षरित भारत-नागा युद्धविराम की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है. इस स्थिति के तहत निहत्थे नागरिकों की हत्या की निंदा करने के लिए हमें सही शब्दों का उपयोग करना मुश्किल लग रहा है. इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है.

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कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या का ऐसा बर्बर कृत्य मानवता के खिलाफ है और इस तरह के जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए. एनएससीएन ने कहा कि इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. एनएससीएन (आईएम) के बयान में कहा गया है कि हम उन लोगों के साथ भी सहानुभूति साझा करते हैं जो गंभीर रूप से घायल हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं.

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