पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में झाड़ी से नवजात मिला है. मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना के हाट थाना क्षेत्र की है. यहां बीएसएनएल ऑफिस कैंपस में एक नवजात को झाड़ी में फेंक दिया था. नवजात को कुत्ते नोच रहे थे. इस नन्ही जान के शरीर पर कई जगह खरोंच के निशान हैं और वह बुरी तरह घायल है. नवजात मिलने की सूचना फैलते ही वहां भीड़ जमा हो गई. लोगों ने पाया कि बच्चा जिंदा है. हैरत की बात यह रही कि इसके बाद भी भीड़ मूक दर्शक बनी तमाशा देखती रही.
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भीड़ देख रही थी तमाशा : इस घटना की जानकारी रविंद्र सर नाम के एक समाजसेवी को मिली, तो उन्होंने इंसानियत दिखाते हुए घायल नवजात को उठाकर पूर्णिया मेडिकल कॉलेज पहुंचाया. इससे पहले तक नवजात को देखने भीड़ भले ही जमा हो गई थी, लेकिन उसके जिंदा होने के बावजूद किसी ने अस्पताल पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई. इस घटना की काफी चर्चा हो रही है कि आखिर कैसे कोई इस नन्ही जान को इस तरह जिंदा झाड़ियों में फेंक सकता है.
"सुबह छह बजे सूचना मिली कि बीएसएनएल के क्वार्टर के अंदर एक नवजात बच्ची झाड़ी में फेंका हुआ है और कुत्ता नोंच रहा है. यह देखकर कुछ महिलाओं ने कुत्ते को भगाया. वहां पहुंचकर सबसे पहले हमलोग अस्पताल ले गए, कि किसी भी तरह बच्ची बच जाए. अब सूचना मिल रही है कि उसकी हालत खराब है. उसे जहां ले जाना होगा हम समाजसेवी लोग ले जाएंगे, लेकिन किसी भी तरह से बच्ची को बचा कर रहेंगे. ऐसी मां जो औलाद को पाल नहीं सकती तो फिर पैदा क्यों करती है. ऐसी ही कुछ महिला के कारण मां बदनाम होती है".- रविंद्र कुमार साह, समाजसेवी
नवजात ही हालत नाजुक : रविंद्र साह ने बच्ची को पूर्णिया मेडिकल कॉलेज पहुंचाया. उसके बाद वहां नवजात का इलाज जारी है. जीएमसीएच के अधीक्षक वरुण कुमार ठाकुर ने बताया कि मुझे पता लाग कि एक नवजात झाड़ी में फेंका मिला है. जीरो डे की बेबी है. किसी अच्छे भले आदमी ने उसे यहां पहुंचाया. उसे देखकर ऐसा लगता है कि कुत्ते ने नोचा और काटा है. जब इसे लाया गया था तो बच्ची के पूरे शरीर में चींटी लगी हुई थी.
"बच्ची की स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है. मगर पूरा प्रयास है कि उसे बचा लिया जाए. चाइल्ड लाइन को खबर कर दिया गया है. अगर स्थिति ज्यादा नाजुक हुई तो बाहर भी रेफर किया जाएगा, लेकिन हमलोग उसे बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. यह सिर्फ एक दिन की बच्ची है". - वरुण कुमार ठाकुर, अधीक्षक, जीएमसीएच