नवादा: बिहार के नवादा में एसपी ने पुलिसकर्मियों और दारोगा (Inspector Locked In Nawada Police Station) के साथ जो किया, वो सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा. दरअसल मामला नवादा नगर थाना का है. जहां काम में लापरवाही होने की वजह से एसपी साहब ने दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को थाने की हाजत में घंटों कैद कर रखा. थाने में रखी स्टेशन डायरी अपडेट ना होने की वजह से एसपी गौरव मंगला का गुस्सा भड़क गया. जिसके बाद उन्होंने एसआई को लगभग दो घंटे के लिए लॉकअप में लॉक कर दिया. हालांकि इस मामले को लेकर बिहार पुलिस एसोसिएशन नाराज है और जांच की मांग कर रहा है.
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नवादा में एसपी ने दारोगा के थाने में किया बंद : मामला बीते गुरूवार की रात का है, जब एसपी गौरव मंगला ड्यूटी के दौरान निरीक्षण करते हुए नवादा नगर थाना गए थे. थाना पहुंचने के बाद उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और दारोगा स्टेशन डायरी मांगी. मौके पर डायरी अपडेट नहीं होने की वजह से वो गुस्से में आ गए और थाने में मौजूद एसआई शत्रुघ्न पासवान, एसआई रामपरेखा सिंह, एएसआई संतोष पासवान, एएसआई संजय सिंह और रामेश्वर उरांव की जमकर क्लास लगाई, वहीं उन्हें लगभग दो घंटे के लिए लॉकअप में बंद कर दिया. दूसरी ओर इस कार्रवाई को देखते हुए पुलिसकर्मी भी कुछ नाराज नजर आ रहे हैं.
'सरकार के द्वारा पूर्व में आदेश निर्गत है कि वरीय अधिकारी अपने कनीय कर्मियों के साथ बेहतर व्यवहार करेंगे. वरीय पदाधिकारियों के आदेश और मार्गदर्शन में राज्य में कानून का राज स्थापित करने के साथ विधि व्यवस्था और समाज में शांति बनाए रखने में फील्ड के कनीय पुलिस अधिकारियों और जवानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. जिले के एसपी ही नियम के विरुद्ध कनीय पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे और उन्हें अपमानित भी किया जाएगा तो इससे पुलिस का मनोबल गिरना तय है. ऐसे में चाहकर भी अपने कर्तव्य को मजबूती से निभा पाना संभव नहीं है. सरकार के आदेशों का नवादा एसपी के द्वारा उल्लंघन करते हुए अपने कनीय पदाधिकारियों को वर्दी में थाना हाजत में बंद करना कानून एवं सरकार के आदेशों का उल्लंघन है.' - मृत्युंजय सिंह, अध्यक्ष, बिहार पुलिस एसोसिएशन
एसपी की कार्रवाई पर पुलिस एसोसिएशन की नाराजगी : पुलिसकर्मियों को दंडित करने के लिए पुलिस नियम में सजा का प्रावधान है. पुलिस अधीक्षक नवादा द्वारा नगर थाना के पीड़ित पुलिस पदाधिकारियों पर मामले को दबाने का दबाव बनाया जा रहा है. भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा लगे हैं. उस कैमरे के अवलोकन से सारी घटना सामने आ जाएगी. मृयुंजय सिंह ने एसपी द्वारा सीसीटीवी फुटेज में छेड़छाड़ करवाए जाने का संदेह जताया है.
बिहार पुलिस एसोसिएशन ने जताई नाराजगी : मृत्युंजय सिंह कहते हैं कि बिहार पुलिस एसोसिएशन सरकार और पुलिस मुख्यालय से मांग की है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए. थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज की विधिवत जांच कराकर सत्य को सामने लाया जाए और साक्ष्य मिलने पर पुलिस अधीक्षक नवादा पर आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराकर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए. इस तरह की घटना पुलिस इतिहास में बिहार की पहली घटना होगी. इस घटना से बिहार पुलिस की छवि जनमानस में काफी धूमिल हुई है. इस घटना से बिहार के तमाम पुलिस मर्माहत एवं आक्रोशित हैं। इस तरह की घटना अंग्रेजी शासनकाल की याद दिला दी. मृत्युंजय सिंह कहते हैं कि जब उन्होंने इस घटना के संबंध में जानकारी के लिए पुलिस अधीक्षक नवादा को फोन लगाया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.