मां ब्रह्मचारिणी : शक्ति पर्व नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है, Navratri के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है, मां दुर्गा के Brahmacharini स्वरूप की अपनी विशेषता एवं महत्व है. माता ब्रह्मचारिणी सादगी का प्रतीक हैं. मां नंगे पैर चलती हैं और वह किसी वाहन का प्रयोग नहीं करती हैं. Brahmacharini Mata सिर्फ फलों का सेवन करती हैं इस प्रकार वह अपने आचरण से सभी भक्तों को भी सादा जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं.
मां दुर्गा का Brahmacharini स्वरूप अत्यंत ही सौम्य है यह अपने भक्तों को स्नेह शांति और तपस्या का वरदान प्राप्त प्रदान करती हैं. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप सूर्य के सामान तेजवान है और यह अपने भक्तों को शीतलता और शांति प्रदान करती हैं. माता का जीवन तपस्या को प्रदर्शित करता है उनके हाथ में एक कमंडल और जप की माला रहती है. Shardiya Navratri 2023 . Ma Brahmacharini . Navratri . Ma Durga .
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लाभ
Ma Brahmacharini की पूजा से व्यक्ति के अंदर त्याग तपस्या, प्रेम, शक्ति, सदाचार्य और धैर्य की वृद्धि होती है. मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त अपने जीवन की सभी कठिनाइयों और चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम हो जाते हैं. मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त पांच विकारों काम, क्रोध, लोभ, लोभ व मोह पर विजय प्राप्त करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है.
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ऐसे करें मां की पूजा व सावधानी
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें पूजा कक्ष को साफ करें Ma Brahmacharini की मूर्ति तस्वीर अथवा मां दुर्गा की मूर्ति तस्वीर की 550 से पूजा करें. फिर मां का ध्यान करते हुए ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप जाप करके आह्वान करें. अब प्रार्थना करें- दधाना कर पद्मभायामक्षमाला कमण्डलू. देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यानुत्तमा. अब या देवी सर्वभूतेष मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र से मां ब्रह्मचारिणी की स्तुति करें. माता को सफेद-पीले वस्त्र, चमेली के फूल, फल एवं मिठाई आदि का भोग अर्पित करें. शाम को फिर से दीपक जलाकर Brahmacharini Mata की स्तुति और प्रार्थना करें एवं भोग अर्पित करें. Ma Brahmacharini की पूजा-आराधना करने वाले साधकों को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए.