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छपरा शराब कांड पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, बिहार सरकार से मांगी रिपोर्ट - Human rights commission gave notice to government

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) (National Human Rights Commission ) ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. साथ ही सरकार को नोटिस कर अबतक की गई कार्रवाईयों की रिपोर्ट तलब की है. पढ़ें पूरी खबर..

NHRC Etv Bharat
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Published : Dec 16, 2022, 7:07 PM IST

पटनाः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 60 लोगों की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार को नोटिस (NHRC asked for report to Bihar Government ) दिया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस घटना को बिहार सरकार द्वारा लागू शराबबंदी कानून की असफलता बताया है.

ये भी पढ़ेंः 'पीओगे तो मरोगे ही..' : बोले नीतीश कुमार- 'दारु से मौत पर 1 पैसा भी मुआवजा नहीं'

अबतक की गई कार्रवाई की मांगी रिपोर्टः आयोग ने जहरीली शराब से मौत मामले में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों के निरीक्षण में पाया कि अगर शराब से मौत की बात सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है. ऐसे में यह घटना बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी की बड़ी असफलता को दर्शाता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी को नोटिस भेजा है.

चार सप्ताह के अंदर सरकार से मांगी रिपोर्टः एनएचआरसी ने छपरा में शराब से मौत मामले में सरकार से अभी तक की गई हर एक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अब तक कितने लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, पुलिस या किसी और की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी, अगर पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है तो उसकी रिपोर्ट और यह भी बताने को कहा गया है कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से नोटिस जारी करने के चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.

  • National Human Rights Commission (NHRC) has taken suo motu cognizance of media reports that several people have died after allegedly consuming spurious liquor in Saran district of Bihar. pic.twitter.com/fq0LZLcF18

    — ANI (@ANI) December 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गांव के दुकान से ही मृतकों ने खरीदी थी शराबः आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 15 दिसंबर को छपरा के मरहौरा अनुमंडल अंतर्गत मशरख, ईसुआपुर और अमनौर से करीब 50 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने हुई है. वहीं मृतकों के परिजनों ने जानकारी दी है कि सभी लोगों ने इन गांवों के साधारण दुकानों से देसी शराब खरीदी थी और 50 से ज्यादा लोगों ने इस शराब का सेवन किया था.

200 लोगों की हुई है गिरफ्तारीः इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 200 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है.

मशरक एसएचओ निलंबित: गुरुवार को सारण डीएम राजेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि 26 लोगों की मौत संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से हुई है. वहीं मिल रही जानकारी के मुताबिक अभी तक 200 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. डीएम ने कल तक 51 लोगों के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी. इधर, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है. जबकि एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया है. मरहौरा डीएसपी के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

पटनाः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 60 लोगों की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार को नोटिस (NHRC asked for report to Bihar Government ) दिया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस घटना को बिहार सरकार द्वारा लागू शराबबंदी कानून की असफलता बताया है.

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अबतक की गई कार्रवाई की मांगी रिपोर्टः आयोग ने जहरीली शराब से मौत मामले में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों के निरीक्षण में पाया कि अगर शराब से मौत की बात सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है. ऐसे में यह घटना बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी की बड़ी असफलता को दर्शाता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी को नोटिस भेजा है.

चार सप्ताह के अंदर सरकार से मांगी रिपोर्टः एनएचआरसी ने छपरा में शराब से मौत मामले में सरकार से अभी तक की गई हर एक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अब तक कितने लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, पुलिस या किसी और की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी, अगर पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है तो उसकी रिपोर्ट और यह भी बताने को कहा गया है कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से नोटिस जारी करने के चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.

  • National Human Rights Commission (NHRC) has taken suo motu cognizance of media reports that several people have died after allegedly consuming spurious liquor in Saran district of Bihar. pic.twitter.com/fq0LZLcF18

    — ANI (@ANI) December 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गांव के दुकान से ही मृतकों ने खरीदी थी शराबः आयोग ने कहा है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 15 दिसंबर को छपरा के मरहौरा अनुमंडल अंतर्गत मशरख, ईसुआपुर और अमनौर से करीब 50 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने हुई है. वहीं मृतकों के परिजनों ने जानकारी दी है कि सभी लोगों ने इन गांवों के साधारण दुकानों से देसी शराब खरीदी थी और 50 से ज्यादा लोगों ने इस शराब का सेवन किया था.

200 लोगों की हुई है गिरफ्तारीः इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 200 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. ऐसी आशंका जताई जा रही है मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है.

मशरक एसएचओ निलंबित: गुरुवार को सारण डीएम राजेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि 26 लोगों की मौत संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से हुई है. वहीं मिल रही जानकारी के मुताबिक अभी तक 200 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. डीएम ने कल तक 51 लोगों के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी. इधर, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है. जबकि एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया है. मरहौरा डीएसपी के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

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