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दीपावली 2022 : इसलिए इन खास जगहों पर जलाए जाते हैं नरक चतुर्दशी के 14 दीपक - नरक चतुर्दशी के 14 दीपक

नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली में जलाए जाने वाले 14 दीपकों की अलग मान्यता व महत्ता है. इसीलिए आज भी गांवों व शहरों में अपनी परंपरा के हिसाब से इसको निभाया जाता है.

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के 14 दीपक
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Published : Oct 20, 2022, 5:07 PM IST

धनतेरस के बाद और दीपावली के पहले नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है. अबकी बार नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली 23 अक्टूबर को मनायी जाएगी. नरक चतुर्दशी के दिन 14 दिए जलाने की परंपरा बताई जाती है. हर एक दीपक का अपना महत्व होता है. कुछ दीपक घर के अंदर तो कुछ घर के बाहर जलाए जाते हैं. कुछ जगहों पर मान्यता है कि कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली पर हमेशा विषम संख्या में अर्थात् 7,11, 13, या 17 की संख्या में दिए जलाने चाहिए. वहीं कई जगहों पर नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली में 14 दीपक अनिवार्य रुप से जलाने के लिए कहे जाते हैं.

नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली में जलाए जाने वाले 14 दीपकों की अलग मान्यता व महत्ता है. इसीलिए आज भी गांवों व शहरों में अपनी परंपरा के हिसाब से इसको निभाया जाता है. 14 दीपक जलाने को लेकर लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह की परंपराएं और मान्यताएं हैं. आपको बता दें कि लोग हर एक दीपक को खास कारणों से खास तरह के लाभ के लिए जलाते हैं. इससे अलग अलग तरह के लाभ होते हैं...

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

पहला दीपक- नरक चतुर्दशी के दिन रात में सोते वक्त यम का दीया जलाया जाता है. यह दीपक पिछले साल के पुराने मिट्टी के दीपक में जलाया जाता है. इसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुंह करके कूड़े के ढेर के पास रखा जाता है.

दूसरा दीपक- किसी सुनसान देवालय में रखे जाने का प्राविधान है. यह दीपक घी का जलाया जाता है. इसे लोग कर्ज से मुक्ति के लिए जलाते हैं. ऐशे लोग जिनका कारोबार है या जिनके उपर अधिक कर्ज है, उन्हें यह दीपक जरुर जलाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : नरक चतुर्दशी 2022 पर कर लें तैयारी, दीपदान व रूप सज्जा का होता है खास महत्व

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

तीसरा दीपक- माता लक्ष्मी के समक्ष जलाते हैं. लक्ष्मी माता हमारे घर व रोजगार में धन, वैभव और संपदा लाने में मदद करती हैं.

चौथा दीपक- माता तुलसी के समकक्ष जलाते हैं. माता तुलसी हमारे परिवार को कई तरह से सुरक्षित रखती हैं. यह दीपक परिवार में विघटन से बचाने के लिए जलाया जाता है.

इसे भी पढ़ें : ऐसे मनाया जाएगा दीपावली 2022 का महापर्व, जानिए धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की अपडेट्स

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

पांचवा दीपक- इस दीपक को अपने दरवाजे पर जलाते हैं, जहां से सारी चीजें हमारे घर में प्रवेश करती हैं. यह दीपक हमारे घर के अंदर उन्नति व विकास के पथ को रोशनी देता है.

छठवां दीपक- पीपल के पेड़ के नीचे चलाने की कोशिश करते हैं, जो प्राण वायु देने वाले वृक्ष को नमन करने के लिए किया जाता है. साथ ही इसे कुछ जगहों पर बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के नाम पर पीपल या वट वृक्ष के नीचे जलाते हैं.

इसे भी पढ़ें : धनतेरस 2022 पर जानिए कुछ पौराणिक मान्यताएं व परंपराएं, जिनका पालन करते हैं लोग

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

सातवां दीपक- इस दीपक को मंदिर में जलाते हैं, जहां से आप की आस्था जुड़ी होती है. इसे आप अपने आसपास के मंदिर में भी जाकर जला सकते हैं. यह आपकी आस्था को मजबूती देता है.

आठवां दीपक- कूड़े कचरे के स्थान पर चलाते हैं, जो आपके घर की सारी नकारात्मक चीजें को बाहर निकालने और आसपास के क्षेत्र को प्रकाशित करने के लिए जलाया जाता है.

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

नवां दीपक- इस दीपक को घर के बाथरूम व शौचालय में जलाते हैं. यह स्वच्छता को समर्पित होता है.

दशवां दीपक- घर की छत पर जलाने की प्रथा है, जो आसपास के माहौल को प्रकाशित करता है.

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

ग्यारहवां दीपक- घर के मुंडेर पर जलाते हैं, जहां छोटे पक्षी आते व बैठते हैं. यह हमारे जीवन के आगंतुकों के लिए होता है.

बारहवां दीपक- घर की खिड़की के पास जलाने की परंपरा है, जहां से रोशनी व हवा आती है. यह हमारे लिए काफी उपयोगी व अनिवार्य होता है.

तेरहवां दीपक- घर की सीढ़ियों पर जलाते हैं, ताकि जीवन में उपर जाने व नीचे उतरने के दौरान किसी भी तरह की बाधा न आए.

चौदहवां दीपक- रसोई अथवा पानी पीने की जगह पर लाकर रखते हैं. यह हमारे जीवन का आधार है. इसके बिना तो जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

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धनतेरस के बाद और दीपावली के पहले नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है. अबकी बार नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली 23 अक्टूबर को मनायी जाएगी. नरक चतुर्दशी के दिन 14 दिए जलाने की परंपरा बताई जाती है. हर एक दीपक का अपना महत्व होता है. कुछ दीपक घर के अंदर तो कुछ घर के बाहर जलाए जाते हैं. कुछ जगहों पर मान्यता है कि कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली पर हमेशा विषम संख्या में अर्थात् 7,11, 13, या 17 की संख्या में दिए जलाने चाहिए. वहीं कई जगहों पर नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली में 14 दीपक अनिवार्य रुप से जलाने के लिए कहे जाते हैं.

नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली में जलाए जाने वाले 14 दीपकों की अलग मान्यता व महत्ता है. इसीलिए आज भी गांवों व शहरों में अपनी परंपरा के हिसाब से इसको निभाया जाता है. 14 दीपक जलाने को लेकर लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह की परंपराएं और मान्यताएं हैं. आपको बता दें कि लोग हर एक दीपक को खास कारणों से खास तरह के लाभ के लिए जलाते हैं. इससे अलग अलग तरह के लाभ होते हैं...

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

पहला दीपक- नरक चतुर्दशी के दिन रात में सोते वक्त यम का दीया जलाया जाता है. यह दीपक पिछले साल के पुराने मिट्टी के दीपक में जलाया जाता है. इसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुंह करके कूड़े के ढेर के पास रखा जाता है.

दूसरा दीपक- किसी सुनसान देवालय में रखे जाने का प्राविधान है. यह दीपक घी का जलाया जाता है. इसे लोग कर्ज से मुक्ति के लिए जलाते हैं. ऐशे लोग जिनका कारोबार है या जिनके उपर अधिक कर्ज है, उन्हें यह दीपक जरुर जलाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : नरक चतुर्दशी 2022 पर कर लें तैयारी, दीपदान व रूप सज्जा का होता है खास महत्व

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

तीसरा दीपक- माता लक्ष्मी के समक्ष जलाते हैं. लक्ष्मी माता हमारे घर व रोजगार में धन, वैभव और संपदा लाने में मदद करती हैं.

चौथा दीपक- माता तुलसी के समकक्ष जलाते हैं. माता तुलसी हमारे परिवार को कई तरह से सुरक्षित रखती हैं. यह दीपक परिवार में विघटन से बचाने के लिए जलाया जाता है.

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Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

पांचवा दीपक- इस दीपक को अपने दरवाजे पर जलाते हैं, जहां से सारी चीजें हमारे घर में प्रवेश करती हैं. यह दीपक हमारे घर के अंदर उन्नति व विकास के पथ को रोशनी देता है.

छठवां दीपक- पीपल के पेड़ के नीचे चलाने की कोशिश करते हैं, जो प्राण वायु देने वाले वृक्ष को नमन करने के लिए किया जाता है. साथ ही इसे कुछ जगहों पर बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के नाम पर पीपल या वट वृक्ष के नीचे जलाते हैं.

इसे भी पढ़ें : धनतेरस 2022 पर जानिए कुछ पौराणिक मान्यताएं व परंपराएं, जिनका पालन करते हैं लोग

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

सातवां दीपक- इस दीपक को मंदिर में जलाते हैं, जहां से आप की आस्था जुड़ी होती है. इसे आप अपने आसपास के मंदिर में भी जाकर जला सकते हैं. यह आपकी आस्था को मजबूती देता है.

आठवां दीपक- कूड़े कचरे के स्थान पर चलाते हैं, जो आपके घर की सारी नकारात्मक चीजें को बाहर निकालने और आसपास के क्षेत्र को प्रकाशित करने के लिए जलाया जाता है.

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

नवां दीपक- इस दीपक को घर के बाथरूम व शौचालय में जलाते हैं. यह स्वच्छता को समर्पित होता है.

दशवां दीपक- घर की छत पर जलाने की प्रथा है, जो आसपास के माहौल को प्रकाशित करता है.

Narak Chaturdashi Chhoti Diwali 14 Lamps and Lights Importance
नरक चतुर्दशी के दीपक

ग्यारहवां दीपक- घर के मुंडेर पर जलाते हैं, जहां छोटे पक्षी आते व बैठते हैं. यह हमारे जीवन के आगंतुकों के लिए होता है.

बारहवां दीपक- घर की खिड़की के पास जलाने की परंपरा है, जहां से रोशनी व हवा आती है. यह हमारे लिए काफी उपयोगी व अनिवार्य होता है.

तेरहवां दीपक- घर की सीढ़ियों पर जलाते हैं, ताकि जीवन में उपर जाने व नीचे उतरने के दौरान किसी भी तरह की बाधा न आए.

चौदहवां दीपक- रसोई अथवा पानी पीने की जगह पर लाकर रखते हैं. यह हमारे जीवन का आधार है. इसके बिना तो जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

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