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राजस्थान में नाबालिग रेप पीड़िता बनी मां, DNA जांच से पकड़ा गया दुष्कर्मी

प्रतापगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म का सनसनीखेज (Pratapgarh Minor Girl Rape Case) मामला सामने आया है. इसमें पुलिस ने जिस तरह से जांच की और पूरे मामले का खुलासा किया, यह काफी पेचीदा रहा. यहां जानिए क्या है पूरा माजरा...

प्रतापगढ़ एस पी कार्यालय
प्रतापगढ़ एस पी कार्यालय
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Published : Mar 26, 2022, 7:15 AM IST

प्रतापगढ़. राजस्थान में दुष्कर्म के मामले (Crime in Pratapgarh Rajasthan) थमने का नाम नहीं ले रहे है. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला प्रतापगढ़ से सामने आया है. हुआ यूं कि प्रतापगढ़ के एक गांव में 13 वर्षीय बालिका का पैर जल गया. यह बालिका अपनी दादी के साथ गांव में रहती थी और उसकी दादी गांव के अन्य घरों में बर्तन मांजने सहित घरेलू काम करती थी. जबकि उसके माता-पिता मंदसौर में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं.

नाबालिग कैसै बनी मां, पुलिस ने किया खुलासा

पैर जलने के बाद बालिका को मंदसौर के राजकीय अस्पताल में दिखाने के लिए ले जाया गए. यहां डॉक्टरों ने बालिका का पेट फुला हुआ देखा तो उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने बालिका की सोनोग्राफी भी की. इसमे पता चला कि बालिका 8 महीने की गर्भ से है. इसके पश्चात डॉक्टरों ने नजदीकी थाने को सूचित किया. इस पर थाना स्टाफ ने बालिका के साथ दुष्कर्म की जीरो FIR दर्ज कर 2 जनवरी 2022 को प्रतापगढ़ कोतवाली को भेज दी. एसपी डॉक्टर अमृता दुहान ने बताया कि जब बालिका और परिजनों से बात की तो कोई भी यह नहीं बता पा रहा था कि बालिका के साथ यह वारदात कब हुई और किसने की.

कैस हुआ खुलासा: प्रतापगढ़ कोतवाली थाना के अधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि बालिका और परिजनों की समस्या को देखते हुए पुलिस ने अपने स्तर पर ही मामले की जांच शुरू कर दी. इस दौरान सिविल ड्रेस में महिला कांस्टेबल और पुलिस कर्मियों को सूचना एकत्र करने की ड्यूटी लगाई. बालिका को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अपनी जांच करती रही. इसी दौरान बालिका ने कोर्ट में 164 के तहत अपने बयान रेकॉर्ड कराए. इसमें एक परिचित बाल अपचारी पर दुष्कर्म का संदेह जाहिर किया. पुलिस ने साक्ष्य जुटाकर 4 फरवरी को 17 वर्षीय बाल अपचारी को दुष्कर्म मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया. परिचित होने की वजह से बालिका का इस परिवार के घर अक्सर आना-जाना था. पुलिस ने गांव में जहां जहांं उसकी दादी काम करती थी. उन घरों के संदिग्ध परिचित 10 लोगों के डीएनए टेस्ट कराए. इसमें 17 वर्षीय बाल अपचारी भी शामिल था, लेकिन शुरुआत के किसी भी डीएनए की रिपोर्ट मैच नहीं हुई. इस दौरान बाल अपचारी के 16 वर्षीय छोटे भाई का डीएनए सैंपल भी लिया गया. 2 मार्च को जब बाल अपचारी के छोटे भाई की डीएनए रिपोर्ट आई तो बालिका के बच्चे की डीएनए रिपोर्ट से मैच हो गई.

दोनों बाल अपचारियों ने किया था दुष्कर्म : विगत 22 मार्च को पुलिस ने 16 वर्षीय बाल अपचारी को भी पॉक्सो एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया. जांच में पता चला कि दोनों भाई बाल अपचारियों ने अलग-अलग समय में बालिका के साथ (Minor Girl Became Mother in Pratapgarh) दुष्कर्म किया था, जिससे बालिका गर्भवती हो गयी. दोनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि बालिका के नवजात को मंदसौर अस्पताल को सुपुर्द कर दिया गया.

यही भी पढ़ें-राजस्थान में मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी के मामले बढ़े

प्रतापगढ़. राजस्थान में दुष्कर्म के मामले (Crime in Pratapgarh Rajasthan) थमने का नाम नहीं ले रहे है. ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला प्रतापगढ़ से सामने आया है. हुआ यूं कि प्रतापगढ़ के एक गांव में 13 वर्षीय बालिका का पैर जल गया. यह बालिका अपनी दादी के साथ गांव में रहती थी और उसकी दादी गांव के अन्य घरों में बर्तन मांजने सहित घरेलू काम करती थी. जबकि उसके माता-पिता मंदसौर में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं.

नाबालिग कैसै बनी मां, पुलिस ने किया खुलासा

पैर जलने के बाद बालिका को मंदसौर के राजकीय अस्पताल में दिखाने के लिए ले जाया गए. यहां डॉक्टरों ने बालिका का पेट फुला हुआ देखा तो उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने बालिका की सोनोग्राफी भी की. इसमे पता चला कि बालिका 8 महीने की गर्भ से है. इसके पश्चात डॉक्टरों ने नजदीकी थाने को सूचित किया. इस पर थाना स्टाफ ने बालिका के साथ दुष्कर्म की जीरो FIR दर्ज कर 2 जनवरी 2022 को प्रतापगढ़ कोतवाली को भेज दी. एसपी डॉक्टर अमृता दुहान ने बताया कि जब बालिका और परिजनों से बात की तो कोई भी यह नहीं बता पा रहा था कि बालिका के साथ यह वारदात कब हुई और किसने की.

कैस हुआ खुलासा: प्रतापगढ़ कोतवाली थाना के अधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि बालिका और परिजनों की समस्या को देखते हुए पुलिस ने अपने स्तर पर ही मामले की जांच शुरू कर दी. इस दौरान सिविल ड्रेस में महिला कांस्टेबल और पुलिस कर्मियों को सूचना एकत्र करने की ड्यूटी लगाई. बालिका को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अपनी जांच करती रही. इसी दौरान बालिका ने कोर्ट में 164 के तहत अपने बयान रेकॉर्ड कराए. इसमें एक परिचित बाल अपचारी पर दुष्कर्म का संदेह जाहिर किया. पुलिस ने साक्ष्य जुटाकर 4 फरवरी को 17 वर्षीय बाल अपचारी को दुष्कर्म मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया. परिचित होने की वजह से बालिका का इस परिवार के घर अक्सर आना-जाना था. पुलिस ने गांव में जहां जहांं उसकी दादी काम करती थी. उन घरों के संदिग्ध परिचित 10 लोगों के डीएनए टेस्ट कराए. इसमें 17 वर्षीय बाल अपचारी भी शामिल था, लेकिन शुरुआत के किसी भी डीएनए की रिपोर्ट मैच नहीं हुई. इस दौरान बाल अपचारी के 16 वर्षीय छोटे भाई का डीएनए सैंपल भी लिया गया. 2 मार्च को जब बाल अपचारी के छोटे भाई की डीएनए रिपोर्ट आई तो बालिका के बच्चे की डीएनए रिपोर्ट से मैच हो गई.

दोनों बाल अपचारियों ने किया था दुष्कर्म : विगत 22 मार्च को पुलिस ने 16 वर्षीय बाल अपचारी को भी पॉक्सो एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया. जांच में पता चला कि दोनों भाई बाल अपचारियों ने अलग-अलग समय में बालिका के साथ (Minor Girl Became Mother in Pratapgarh) दुष्कर्म किया था, जिससे बालिका गर्भवती हो गयी. दोनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है, जबकि बालिका के नवजात को मंदसौर अस्पताल को सुपुर्द कर दिया गया.

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