ETV Bharat / bharat

बड़ी संख्या में एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए - बड़ी संख्या में एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए

अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) के कारण असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में बड़ी संख्या में सूअरों की मौत हो चुकी है. सूअर पालन करने वालों को करीब 10 करोड़ का नुकसान हुआ है.

बड़ी संख्या में एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए
बड़ी संख्या में एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए
author img

By

Published : May 24, 2021, 10:17 PM IST

आइजोल : अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) ने भारतीय उपमहाद्वीप में 2020 में दस्तक दी. असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में 4149 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है. जबकि इतने ही सूअर मारे जा चुके हैं.

मिजोरम में पहली बार 25 मार्च, 2021 को लुंगसेन गांव में अफ्रीकी स्वाइन बुखार का पता चलने के बाद,सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया था.

राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने पुष्टि की थी कि एएसएफ के कारण मौतें हो रही हैं. जिसके बाद 16 अप्रैल, 2021 को मिजोरम के मुख्य सचिव को सूचित किया गया.

एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए

उसी दिन मिजोरम पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग ने 'पशु अधिनियम 2009 और संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण' के तहत लुंगसेन को 'संक्रमित क्षेत्र' घोषित किया. मिजोरम के 8 जिलों- सियाहा, लवंगतलाई, लुंगलेई, सेरछिप, आइजोल, ख्वाजावल, चम्फाई और ममित में अब तक एएसएफ की पुष्टि हो चुकी है.

21 मार्च से 23 मई 2021 के बीच अफ्रीकन स्वाइन फीवर से 4149 सूअरों की मौत हुई है. इसके अलावा 260 सूअरों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. 24 मई को खवलरिंग स्थित के. लालनघेटा के स्वामित्व वाले फार्म में एएसएफ से ग्रसित 25 सूअर मारे गए.

राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का कोई इलाज नहीं है. एएसएफ से संक्रमित किसी फार्म या इलाके को पूरी तरह से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.

पढ़ें- देश में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, असम में 2,500 सुअरों की मौत

सूअरों को ठीक से दफनाया जाना चाहिए. विभाग ने खवलरिंग फार्म मालिक की तारीफ की कि उन्होंने संक्रमित सूअरों को पकड़ने के लिए सूचना दी.

आइजोल : अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) ने भारतीय उपमहाद्वीप में 2020 में दस्तक दी. असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम में 4149 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है. जबकि इतने ही सूअर मारे जा चुके हैं.

मिजोरम में पहली बार 25 मार्च, 2021 को लुंगसेन गांव में अफ्रीकी स्वाइन बुखार का पता चलने के बाद,सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया था.

राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) भोपाल ने पुष्टि की थी कि एएसएफ के कारण मौतें हो रही हैं. जिसके बाद 16 अप्रैल, 2021 को मिजोरम के मुख्य सचिव को सूचित किया गया.

एएसएफ से संक्रमित सूअर मारे गए

उसी दिन मिजोरम पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग ने 'पशु अधिनियम 2009 और संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण' के तहत लुंगसेन को 'संक्रमित क्षेत्र' घोषित किया. मिजोरम के 8 जिलों- सियाहा, लवंगतलाई, लुंगलेई, सेरछिप, आइजोल, ख्वाजावल, चम्फाई और ममित में अब तक एएसएफ की पुष्टि हो चुकी है.

21 मार्च से 23 मई 2021 के बीच अफ्रीकन स्वाइन फीवर से 4149 सूअरों की मौत हुई है. इसके अलावा 260 सूअरों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. 24 मई को खवलरिंग स्थित के. लालनघेटा के स्वामित्व वाले फार्म में एएसएफ से ग्रसित 25 सूअर मारे गए.

राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का कोई इलाज नहीं है. एएसएफ से संक्रमित किसी फार्म या इलाके को पूरी तरह से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.

पढ़ें- देश में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, असम में 2,500 सुअरों की मौत

सूअरों को ठीक से दफनाया जाना चाहिए. विभाग ने खवलरिंग फार्म मालिक की तारीफ की कि उन्होंने संक्रमित सूअरों को पकड़ने के लिए सूचना दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.