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मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करें, शनि दोष से मिलेगी मुक्ति

नौ ग्रहों के परिवार में राजा की उपाधि से सम्‍मानित सूर्य देवता जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति (Makar Sankarnti 2022) कहते हैं. आइए जानते हैं इस दिन स्नान, दान और भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना का शुभ मुहूर्त..

Makar Sankarnti
मकर संक्रांति
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Published : Jan 13, 2022, 2:28 PM IST

पटना: सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान कर भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना (Worship of Lord Surya) की जाती है. इस बार मकर संक्रांति का पावन पर्व 14 जनवरी 2022 दिन शुक्रवार को है. इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियों को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. संक्रांति का प्रारंभ तब होता है, जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2:27 पर मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव यदि सूर्यास्त से पहले मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तो इसी दिन पुण्य काल रहेगा. कुछ पंचांग में 14 जनवरी तो कुछ पंचांग में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाना शुभ माना गया है.

मकर संक्रांति

भारत में मकर संक्रांति को अलग-अलग नाम से जाना जाता है. उत्तर भारत में इसे खिचड़ी या मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं तो तमिलनाडु में इसे पोंगल और गुजरात में इसे उत्तरायण कहा जाता है. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दान कर सूर्य देव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक से असुरों का संहार किया था. भगवान विष्णु की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है.

पढ़ें- Makar Sankranti 2022 : बक्सर में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान पर रोक, प्रशासन ने श्रद्धालुओं से की अपील

मकर संक्रांति के दिन तिल का दान (Donation of Til on Makar Sankranti) करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और तांबे के लोटे में सूर्य भगवान को अर्घ देने से पद एवं सम्मान में वृद्धि होती है. शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है. भगवान सूर्य का आशीर्वाद मिलता है. उत्तरायण से दिन बड़ा और रातें छोटी होनी शुरू हो जाती हैं.

पढ़ें- खिचड़ी के बिना क्यों अधूरा माना जाता है मकर संक्रांति का त्योहार, जानिए इसके अलग-अलग नाम

मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, साबुत काली उड़द और गुड़ का दान करना शुभ रहेगा. वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए चावल, तिल ,काली साबुत उड़द के साथ देसी घी का दान करना शुभ रहेगा. मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, साबुत काली उड़द के साथ साबूत मूंग का दान करना शुभ रहेगा. कर्क राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, काली उड़द का दान करना शुभ रहेगा. सिंह राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, साबुत काली उड़द के साथ गुड़ का दान करना शुभ रहेगा. धनु और मीन राशि के लोग चावल, तिल, साबुत काली उड़द का दान करें और खिचड़ी बनाकर के जरूरतमंदों को खिलाएं तो उनके लिए शुभ रहेगा.

पटना: सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान कर भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना (Worship of Lord Surya) की जाती है. इस बार मकर संक्रांति का पावन पर्व 14 जनवरी 2022 दिन शुक्रवार को है. इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियों को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. संक्रांति का प्रारंभ तब होता है, जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2:27 पर मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव यदि सूर्यास्त से पहले मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तो इसी दिन पुण्य काल रहेगा. कुछ पंचांग में 14 जनवरी तो कुछ पंचांग में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाना शुभ माना गया है.

मकर संक्रांति

भारत में मकर संक्रांति को अलग-अलग नाम से जाना जाता है. उत्तर भारत में इसे खिचड़ी या मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं तो तमिलनाडु में इसे पोंगल और गुजरात में इसे उत्तरायण कहा जाता है. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दान कर सूर्य देव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक से असुरों का संहार किया था. भगवान विष्णु की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है.

पढ़ें- Makar Sankranti 2022 : बक्सर में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान पर रोक, प्रशासन ने श्रद्धालुओं से की अपील

मकर संक्रांति के दिन तिल का दान (Donation of Til on Makar Sankranti) करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और तांबे के लोटे में सूर्य भगवान को अर्घ देने से पद एवं सम्मान में वृद्धि होती है. शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है. भगवान सूर्य का आशीर्वाद मिलता है. उत्तरायण से दिन बड़ा और रातें छोटी होनी शुरू हो जाती हैं.

पढ़ें- खिचड़ी के बिना क्यों अधूरा माना जाता है मकर संक्रांति का त्योहार, जानिए इसके अलग-अलग नाम

मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, साबुत काली उड़द और गुड़ का दान करना शुभ रहेगा. वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए चावल, तिल ,काली साबुत उड़द के साथ देसी घी का दान करना शुभ रहेगा. मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, साबुत काली उड़द के साथ साबूत मूंग का दान करना शुभ रहेगा. कर्क राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, काली उड़द का दान करना शुभ रहेगा. सिंह राशि के जातकों के लिए चावल, तिल, साबुत काली उड़द के साथ गुड़ का दान करना शुभ रहेगा. धनु और मीन राशि के लोग चावल, तिल, साबुत काली उड़द का दान करें और खिचड़ी बनाकर के जरूरतमंदों को खिलाएं तो उनके लिए शुभ रहेगा.

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