बेतिया: बिहार के बेतिया में तेंदुआ देखे जाने से एक बार फिर से गांववासियों में दहशत है. यहां नौतन प्रखंड के जमुनिया पंचायत के वार्ड नंबर 10 में मंगलवार को केले के पेड़ पर तेंदुए को देखकर ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद पंचायत के मुखिया ने वन विभाग को सूचना दी. मौके पर पहुंचकर वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद तेंदुए का रेस्क्यू किया और उसे अपने साथ लेकर गई.
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वन विभाग ने किया रेस्क्यू: बताया जाता है कि नौतन प्रखंड के जमुनिया पंचायत के वार्ड नंबर 10 में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब ग्राम कचहरी के सरपंच कैमूल्लाह अंसारी के बगीचे में स्थित केले के पेड़ पर तेंदुए को देखा गया. तेंदुए को देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. इसके बावजूद वहां आसपास लोगों की भीड़ जुट गई. लोग दूर से ही सही लेकिन तेंदुए को देखने के लिए बगीचे के पास जमा हो गए. वहीं कुछ लोगों ने इस दौरान वीडियो भी बना लिया.
केले के पेड़ पर बैठा था तेंदुआ: गांव में तेंदुआ आने की सूचना पंचायत के मुखिया बंसत साह ने वन विभाग और पुलिस अधिकारी को दी. तेंदुआ केले के पेड़ पर ही चढ़ कर बैठा हुआ था. मुखिया बंसत साह ने कहा कि बगीचे में बच्चें खेल रहे थे. तभी अचानक बच्चों की नजर केले के पेड़ पर गई. बच्चों ने तेंदुए को देख हो हल्ला किया. इतने में ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. तेंदुए के आने कि सूचना से ग्रामीण सहमे हुए हैं.
"बगीचे में बच्चें खेल रहे थे. तब तक अचानक बच्चों की नजर केले के पेड़ पर गई. बच्चों ने तेंदुए को देख हो हल्ला किया. इतने में ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. तेंदुए के आने कि सूचना से ग्रामीण सहमें हुए हैं. वैसे तेंदुए ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. वन विभाग के अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़कर अपने कब्जे में रखा लिया" - बसंत साह, स्थानीय मुखिया
तेंदुए ने किसी को नहीं पहुंचाया नुकसान: मुखिया ने बताया कि तेंदुआ को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई थी. वैसे तेंदुए ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद ग्रामीणों और वन विभाग के अधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़कर अपने कब्जे में किया और अपने साथ लेकर गए. वहीं बगहा में भी आज एक मंदिर परिसर में पेड़ से लटका हुआ तेंदुए का शव मिला था.
कई बार संरक्षित क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं वन्यजीव: वीटीआर में बाघ और तेंदुए जैसे जीव संरक्षित हैं. अक्सर इस संरक्षित क्षेत्र से बाघ और तेंदुआ बाहर निकल जाते हैं और आसपास के क्षेत्रों में विचरण करते पाए जाते हैं. कई बार संरक्षित क्षेत्र से बाहर बाघ देखे गए हैं. वहीं तेंदुआ भी अक्सर आसपास के गांव पहुंच जाते हैं. हर बार वन विभाग इनका रेस्क्यू कर फिर से संरक्षित क्षेत्र में भेज देते हैं. वहीं कई बार बाघ और तेंदुए के शव भी पाए गए हैं. कई मामले तो शिकार की कोशिश के भी होते हैं.