हैदराबाद : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत के बाद बवाल मचा हुआ है. लखीमपुर खीरी राजनीति का अड्डा बना गया है. इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, विपक्षी दल भाजपा और योगी सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत अन्य दलों के प्रमुख नेता लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ितों से मिलना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने नेताओं को वहां जाने से रोक दिया.
केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई इस हिंसा के बाद योगी सरकार बैकफुट पर है. हालांकि, योगी सरकार ने सोमवार को पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान स्थिति को संभालने की कोशिश की है. सरकार की तरफ से कहा गया कि सभी मृतकों के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी और 45-45 लाख रुपये प्रति परिवार आर्थिक सहायता दी जाएगी. साथ ही सरकार की तरफ से रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने का आश्वासन दिया गया है.
एडीजी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, हमने किसान सगठनों और तमाम लोगों से बात की, उसमें यह स्पष्ट किया गया कि शासन के द्वारा पूर्व में ही इस घटना पर खेद जताया जा चुका है. शासन द्वारा यह भी कहा गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस घटना में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
लखीमपुर खीरी में तिकुनिया पुलिस थाने में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.
पुलिस हिरासत में प्रियंका
लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रविवार देर रात अचानक लखनऊ पहुंच गईं परंतु परंतु प्रशासन ने अनुमति नहीं दी तब लखीमपुर खीरी के लिए सड़क के रास्ते रवाना हो गईं. रास्ते में पुलिस से तीखी बहस होने के बाद प्रियंका गांधी को सीतापुर में हाउस अरेसट कर लिया गया. इसके बाद उन्हें सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया. पुलिस से बहस के दौरान प्रियंका ने कहा कि पुलिस वाले उनका अपहरण करन रहे हैं.
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हिरासत में अखिलेश यादव
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सोमवार सुबह लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके बाद सपा अध्यक्ष धरने पर बैठ गए. पुलिस ने अखिलेश को सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लेकर ईको गार्डन में रखा है. करीब छह घंटे की हिरासत के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है.
इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि सपा की मांग है कि मृतक किसानों के परिवारों को दो करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि किसानों की छवि खराब करने के लिए पुलिस ने ही गाड़ियों को जलाया हो. उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए.
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मायावती ने की न्यायिक जांच की मांग
बसपा अध्यक्ष मायावती ने किसानों की मौत पर दुख जताते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला है. मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी मांग करती है कि इस घटना की न्यायिक जांच की जाए. उन्होंने ट्वीट कर कहा- बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र को रविवार देर रात लखनऊ में उनके निवास पर नजरबंद कर दिया गया जो अभी भी जारी है, ताकि उनके नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी जाकर किसान हत्याकांड की सही रिपोर्ट न प्राप्त कर सके. यह अति-दुःखद व निंदनीय है.
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सीएम योगी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
राजनीतिक बवाल के बीच सीएम योगी ने ट्वीट कर घटना का दुख जताया और कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना अत्यंत दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है. यूपी सरकार इस घटना के कारणों की तह में जाएगी तथा घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी.
भाजपा सांसद ने की सीबीआई जांच की मांग
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सीएम योगी से लखीमपुर हिंसा की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी को एक पत्र लिखा है. वरुण गांधी ने इसे हृदय विदारक घटना करार दिया है.
कैसे शुरू हुआ विवाद
यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का रविवार को एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे. इस बीच किसानों ने मौर्य के दौरे के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया. गाड़ियों का एक काफिला केशव प्रसाद मौर्य को रिसीव करने के लिए जा रहा था, जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा भी शामिल थे. रास्ते में तिकुनिया इलाके में प्रदर्शनकारी किसानों से भाजपा कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई. आरोप है कि आशीष मिश्रा ने प्रदर्शनकारी किसानों को गाड़ी से रौंद दिया, जिससे चार लोगों की मौत हो गई. किसानों की मौत के बाद हिंसा भड़क गई और भाजपा नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों भी मारे गए.
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जानें कहां-कहां हुआ प्रदर्शन
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड तथा कुछ अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेताओं ने किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली में आईटीओ जंक्शन पर विरोध मार्च निकाला. पार्टी के वरिष्ठ नेता डी. राजा और अतुल अंजान ने आईटीओ जंक्शन पर धरना दिया.
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इस बीच, कांग्रेस ने कहा है कि वह किसानों के समर्थन में और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को देशभर के सभी जिला कलेक्टरों के कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी.
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