नई दिल्ली : अयोध्या में राम लला के भव्य 'प्राण-प्रतिष्ठा' समारोह का इंतजार है. वहीं, कर्नाटक के मूर्तिकार योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई मूर्ति को 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अंतिम रूप दे दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 'हनुमान की भूमि' के एक प्रसिद्ध मूर्ति-निर्माता 22 जनवरी को राम मंदिर में अपनी कृति को गौरवपूर्ण स्थान देते हुए देखेंगे.
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#WATCH | Mysuru, Karnataka: Visuals from the residence of sculptor Arun Yogiraj.
— ANI (@ANI) January 2, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The idol of Lord Rama, carved by Arun Yogiraj will be installed in Ayodhya Ram Temple. pic.twitter.com/se3EwfKszW
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— ANI (@ANI) January 2, 2024
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The idol of Lord Rama, carved by Arun Yogiraj will be installed in Ayodhya Ram Temple. pic.twitter.com/se3EwfKszW
कर्नाटक में एक भव्य हनुमान मंदिर है और इसे देवता का जन्मस्थान माना जाता है. जोशी ने राम मंदिर के लिए राज्य के एक मूर्तिकार द्वारा आकार दी गई मूर्ति के चयन को राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का उदाहरण बताया. जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं, अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन फाइनल हो गया है.
केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया, 'हमारे देश के एक प्रसिद्ध मूर्तिकार, हमारे गौरव योगीराज अरुण के द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी.' यह राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है. जोशी ने अपने पोस्ट में कहा, 'इसमें कोई गलती नहीं है कि यह हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है.
इस बीच सोमवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए योगीराज की मां सरस्वती ने कहा, 'यह हमारे लिए सबसे खुशी का पल है. मैं उन्हें राम लला को तराशते और आकार देते हुए देखना चाहती थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह मुझे दर्शन के लिए ले जाएंगे.' इसलिए मैं आखिरकार राम मंदिर में इसकी भव्य स्थापना के दिन मूर्ति पर अपनी नजर रख पाऊंगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र वह ट्रस्ट है जिसे अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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#WATCH तीन मूर्तिकारों से भगवान राम की तीन मूर्तियां तैयार कराई गई हैं। मंदिर में तीन तलों पर तीन मूर्तियों की आवश्यकता भी है। तीनों मूर्तियों का आयुवर्ग एक ही है। गर्भगृह में कौन सी मूर्ति लगेगी, यह विषय हमने आचार्य लोगों पर छोड़ दिया है...: कामेश्वर चौपाल, राम जन्मभूमि मंदिर… pic.twitter.com/0yshBSPA8j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 2, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस संबंध में राम जन्मभूमि मंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने बताया कि तीन मूर्तिकारों से भगवान राम की तीन मूर्तियां तैयार कराई गई हैं. मंदिर में तीन तलों पर तीन मूर्तियों की आवश्यकता भी है. तीनों मूर्तियों का आयुवर्ग एक ही है. गर्भगृह में कौन सी मूर्ति लगेगी, यह विषय हमने आचार्य लोगों पर छोड़ दिया है.
बता दें कि तीन मूर्तिकारों के डिजाइन ट्रस्ट द्वारा विचाराधीन थे. राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर भव्य स्थापना के लिए जिन आकृतियों पर विचार किया जा रहा था, उनमें 51 इंच लंबी एक मूर्ति थी, जिसमें पांच साल पुराने 'राम लला' को दर्शाया गया था. इससे पहले राम लला की मूर्ति के चयन मानदंड पर बोलते हुए, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने एएनआई को बताया ट्रस्ट के अनुमान के अनुसार जिसका स्वरूप सबसे दिव्य हो और जिस पर रामलला की विशिष्ट छाप हो, उसे प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए तैयार हैं. इस कार्यक्रम के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, जिसमें हजारों गणमान्य व्यक्तियों और समाज के सभी वर्गों के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. अयोध्या में राम लला (शिशु भगवान राम) के प्राण-प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे. वाराणसी के एक पुजारी, लक्ष्मी कांत दीक्षित 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे. 14 जनवरी से 22 जनवरी तक, अयोध्या में अमृत महोत्सव मनाया जाएगा. 1008 हुंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा. इसमें हजारों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाएगा. हजारों भक्तों को समायोजित करने के लिए अयोध्या में तम्बू लगाए जा रहे हैं.