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हिजाब विवाद : श्रीराम सेना प्रमुख बोले- हिजाब पहनने वालों को कक्षा से बाहर करो - श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुतालिक

कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब का मामला तूल पकड़ता जा रहा है (karnataka hijab controversy). अब इसे लेकर श्रीराम सेना प्रमुख ने बयान दिया है. उनका कहना है कि यूनीफॉर्म की अनदेखी उनकी 'आतंकवादी मानसिकता' दिखाती है. ऐसी छात्राओं को स्कूल से बाहर कर देना चाहिए.

karnataka hijab controversy
हिजाब विवाद
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Published : Feb 2, 2022, 3:04 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 3:53 PM IST

हुबली : कर्नाटक के कुछ स्कूलों में हिजाब (इस्लामी स्कार्फ) को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुतालिक ( Sriram Sena chief Pramod Muthalik) ने कहा कि उन्हें हिजाब पहनने की जिद है. यूनीफॉर्म की अनदेखी उनकी 'आतंकवादी मानसिकता' (terrorist mindset) दिखाती है. ऐसी छात्राओं को स्कूल से बाहर कर देना चाहिए.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि 'इस हठधर्मिता में उन्हें (स्टूडेंट) को आतंकवादी के स्तर पर ले जाने की मानसिकता है. अबी वह हिजाब कहते हैं, आगे वे बुर्का (घूंघट) मांगेंगे, आगे वे नमाज और मस्जिद पर भी जोर देंगे. यह स्कूल है या आपका धार्मिक है केंद्र?' उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर किसी भी सार्वजनिक चर्चा की अनुमति नहीं देने और तुरंत कदम उठाने को कहा.

मुतालिक ने कहा, 'यह मानसिकता सबसे खतरनाक. मैं जो कहता हूं वह यह है कि सार्वजनिक बहस का मौका दिए बिना, उन्हें (हिजाब मांगने वाली छात्राओं) एक स्थानांतरण प्रमाणपत्र जारी किया जाना चाहिए और बाहर कर दिया जाना चाहिए.'
दक्षिणपंथी नेता ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को लड़कियों को सख्ती से बताना चाहिए कि हिजाब पहनकर स्कूल आने की जरूरत नहीं है.

मुतालिक ने कहा कि वर्दी का मतलब एकरूपता और समानता है. ड्रेस कोड इसलिए लाया गया है ताकि ऊंची और निचली जाति या धार्मिक पहचान का कोई प्रदर्शन न हो. उन्होंने कहा, 'आपको घर पर जो कुछ भी करना चाहते हैं उसे करने की स्वतंत्रता है, लेकिन एक बार जब आप स्कूल में प्रवेश करते हैं, तो आपको अपने स्कूल के नियमों और विनियमों का पालन करना होगा.'
'हिजाब और बुर्का की मांग करते हैं, तो पाकिस्तान जाओ'
उन्होंने दावा किया कि कोलार जिले के कुनिगल तालुक के एक मुस्लिम बहुल गांव बोम्मनहल्ली के एक स्कूल में काम करने के बाद एक हिंदू शिक्षक का तबादला कर दिया गया. कोलार के चिंतामणि तालुक के एक स्कूल में हुई एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए, जहां बच्चों ने नमाज अदा की, मुतालिक ने जानना चाहा, 'क्या आप इसे (भारत) को पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाना चाह रहे हैं. अपनी अलगाववादी मानसिकता के साथ, यदि आप हिजाब और बुर्का की मांग करते हैं, तो पाकिस्तान जाओ.'

उन्होंने मांग की कि सरकार को इस तरह की मानसिकता को बढ़ने नहीं देना चाहिए. लगभग एक महीने पहले, चिक्कमगलुरु जिले में कक्षा में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में हिंदू छात्रों ने भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था.

पढ़ें: कर्नाटक में उडुपी गर्ल्स कॉलेज कक्षाओं में नहीं देगा हिजाब की अनुमति

ऐसी ही एक घटना उडुपी में हुई थी जहां गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच छात्राओं ने बिना हिजाब के कक्षाओं में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था. लगभग एक महीने तक कक्षा से दूर रहने के बाद, स्थानीय विधायक के रघुपति भट, जो कॉलेज विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं ने भी दो दिन पहले फैसला किया कि स्टूडेंट इसे पहनकर कक्षा में प्रवेश नहीं कर सकतीं.

पढ़ें- कर्नाटक: मुस्लिम छात्राओं ने कहा-हिजाब पहनना मौलिक अधिकार, शैक्षणिक संस्थान इसे प्रतिबंधित नहीं कर सकते

(PTI)

हुबली : कर्नाटक के कुछ स्कूलों में हिजाब (इस्लामी स्कार्फ) को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुतालिक ( Sriram Sena chief Pramod Muthalik) ने कहा कि उन्हें हिजाब पहनने की जिद है. यूनीफॉर्म की अनदेखी उनकी 'आतंकवादी मानसिकता' (terrorist mindset) दिखाती है. ऐसी छात्राओं को स्कूल से बाहर कर देना चाहिए.

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि 'इस हठधर्मिता में उन्हें (स्टूडेंट) को आतंकवादी के स्तर पर ले जाने की मानसिकता है. अबी वह हिजाब कहते हैं, आगे वे बुर्का (घूंघट) मांगेंगे, आगे वे नमाज और मस्जिद पर भी जोर देंगे. यह स्कूल है या आपका धार्मिक है केंद्र?' उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर किसी भी सार्वजनिक चर्चा की अनुमति नहीं देने और तुरंत कदम उठाने को कहा.

मुतालिक ने कहा, 'यह मानसिकता सबसे खतरनाक. मैं जो कहता हूं वह यह है कि सार्वजनिक बहस का मौका दिए बिना, उन्हें (हिजाब मांगने वाली छात्राओं) एक स्थानांतरण प्रमाणपत्र जारी किया जाना चाहिए और बाहर कर दिया जाना चाहिए.'
दक्षिणपंथी नेता ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को लड़कियों को सख्ती से बताना चाहिए कि हिजाब पहनकर स्कूल आने की जरूरत नहीं है.

मुतालिक ने कहा कि वर्दी का मतलब एकरूपता और समानता है. ड्रेस कोड इसलिए लाया गया है ताकि ऊंची और निचली जाति या धार्मिक पहचान का कोई प्रदर्शन न हो. उन्होंने कहा, 'आपको घर पर जो कुछ भी करना चाहते हैं उसे करने की स्वतंत्रता है, लेकिन एक बार जब आप स्कूल में प्रवेश करते हैं, तो आपको अपने स्कूल के नियमों और विनियमों का पालन करना होगा.'
'हिजाब और बुर्का की मांग करते हैं, तो पाकिस्तान जाओ'
उन्होंने दावा किया कि कोलार जिले के कुनिगल तालुक के एक मुस्लिम बहुल गांव बोम्मनहल्ली के एक स्कूल में काम करने के बाद एक हिंदू शिक्षक का तबादला कर दिया गया. कोलार के चिंतामणि तालुक के एक स्कूल में हुई एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए, जहां बच्चों ने नमाज अदा की, मुतालिक ने जानना चाहा, 'क्या आप इसे (भारत) को पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाना चाह रहे हैं. अपनी अलगाववादी मानसिकता के साथ, यदि आप हिजाब और बुर्का की मांग करते हैं, तो पाकिस्तान जाओ.'

उन्होंने मांग की कि सरकार को इस तरह की मानसिकता को बढ़ने नहीं देना चाहिए. लगभग एक महीने पहले, चिक्कमगलुरु जिले में कक्षा में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में हिंदू छात्रों ने भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था.

पढ़ें: कर्नाटक में उडुपी गर्ल्स कॉलेज कक्षाओं में नहीं देगा हिजाब की अनुमति

ऐसी ही एक घटना उडुपी में हुई थी जहां गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच छात्राओं ने बिना हिजाब के कक्षाओं में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था. लगभग एक महीने तक कक्षा से दूर रहने के बाद, स्थानीय विधायक के रघुपति भट, जो कॉलेज विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं ने भी दो दिन पहले फैसला किया कि स्टूडेंट इसे पहनकर कक्षा में प्रवेश नहीं कर सकतीं.

पढ़ें- कर्नाटक: मुस्लिम छात्राओं ने कहा-हिजाब पहनना मौलिक अधिकार, शैक्षणिक संस्थान इसे प्रतिबंधित नहीं कर सकते

(PTI)

Last Updated : Feb 2, 2022, 3:53 PM IST
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