मुजफ्फरनगर : यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर जिले में भी शोक की लहर है. कल्याण सिंह की पुरानी यादें मुजफ्फरनगर से भी जुड़ी रही हैं. भाजपा के उत्तर प्रदेश के प्रथम सीएम बनने के बाद कल्याण सिंह की छवि सख्त प्रशासक के रूप में जानी जाती है, जब वह यूपी के सीएम थे तो उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार कराकर जिले में हलचल पैदा कर दी थी.
बता दें कि टिकैतनगर रामकोला आंदोलन के बाद किसानों को फसलों का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलवाने की मांग को लेकर 1 जनवरी 1992 को लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में भारतीय किसान यूनियन के पंचायत की घोषणा की थी. उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार चल रही थी. इस सरकार को बनवाने में भी चौधरी महेंद्र सिंह का अहम योगदान रहा था. हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा को समर्थन में करते हुए एक अपील कर दी थी राम और ओम का नाम लेकर वोट करें. उनकी इस अपील से पश्चिमी यूपी में भाजपा को जबरदस्त समर्थन मिला था.
लखनऊ में भाकियू की पंचायत को कर दिया था प्रतिबंधित
लखनऊ में पंचायत की घोषणा के बाद पुलिस ने कानून व्यवस्था खराब होने का हवाला देते हुए भाकियू की पंचायत को प्रतिबंधित कर दिया था. बावजूद इसके मुजफ्फरनगर से सीधे लखनऊ जाने वाली ट्रेन में किसानों ने चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के साथ लखनऊ रवाना हो गए थे. इस दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर बरेली के नजदीक ट्रेन रुकवाकर 31 दिसंबर 1991 को भाकियू सुप्रीमो महेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था. उस समय किसानों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जबरदस्त आंदोलन किया था. पांच दिन तक जेल में रहने के बाद मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने महेंद्र सिंह को वार्ता के लिए लखनऊ आमंत्रित किया और मांगे पूरी करने का आश्वासन देकर आंदोलन को खत्म करने का आग्रह किया था.
बुढाना विधायक को कल्याण सिंह का ड्राइवर बनने का मौका मिला था
इसके अलावा मुजफ्फरनगर के बुढाना विधायक उमेश मलिक को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के ड्राइवर बनने का मौका मिला था. सन 1995 में वरिष्ठ भाजपा नेता प्रमोद महाजन से हवाई जहाज में मुलाकात के बाद बीजेपी की सियासी पारी की शुरुआत करने वाले वर्तमान में मुजफ्फरनगर की बुढाना विधानसभा से बीजेपी विधायक उमेश मलिक को उसी साल पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के ड्राइवर बनने का भी मौका मिला था.
मुज्जफरनगर में बाबूजी के मित्र की गाड़ी हो गई थी खराब
कल्याण सिंह को सहारनपुर के सरसावा में एक जनसभा को संबोधित करना था. मेरठ के व्यापारी गोयल जो कल्याण सिंह के खास मित्रो में से थे उनकी गाड़ी में ही कल्याण सिंह को सरसावा हवाई पट्टी से शुगर मिल के गेस्ट हाउस तक उनकी ही गाड़ी में जाना था. गोयल मेरठ से अपनी गाड़ी में सवार होकर चले तो मुजफ्फरनगर शहर के आसपास उनकी गाड़ी खराब हो गई. गोयल का परिचय उमेश मलिक से था तो उन्होंने किसी तरह उमेश मलिक से संपर्क साधा और कहा कि मेरी गाड़ी खराब हो गई है. सहारनपुर जल्दी पहुंचना है आपकी गाड़ी में चलते है. इसके बाद मुजफ्फरनगर से सरसावा एयरपोर्ट तक उमेश मलिक एवं गोयल गाड़ी से पहुंच गए. जब कल्याण सिंह का विमान सरसावा एयरपोर्ट पर उतरा तो गोयल की उनसे मुलाकात हुई.
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विधायक ने गाड़ी चलाकर बाबूजी को जनसभा स्थल तक पहुंचाया
कल्याण सिंह ने गोयल से पूछा गाड़ी कहां है, इस पर उन्होंने उमेश मलिक की गाड़ी की और इशारा किया तो कल्याण सिंह उधर ही चल पड़े. तब गोयल ने उमेश मलिक से कहा तुम गाड़ी में कैसे बैठोगे तो उमेश मलिक ने कहा कि गाड़ी मैं खुद चला लूंगा. फिर क्या था कल्याण सिंह गाड़ी की अगली सीट पर तो गोयल और कल्याण सिंह का पीएसओ पिछली सीट पर बैठ गए. तब विधायक उमेश मलिक ने बीजेपी के दिग्गज नेता को अपनी गाड़ी में ड्राइव करके चल पड़े. एयरपोर्ट से शुगर मिल के गेस्ट हाऊस की दूरी कम थी इसलिए उमेश मलिक ने कल्याण सिंह को अपना परिचय देते हुए कहा था 'बाबूजी मुझे राजनीति में आपके आशीर्वाद की जरूरत है. मैं कांधला विधानसभा सीट (वर्तमान में बुढाना) से टिकट मांग रहा हूं, तब कल्याण सिंह बोले थे, देखते हैं.