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अफगानिस्तान से लौटे जीत बहादुर ने सुनायी खौफ भरी दास्तान

जीत बहादुर थापा दहशत के साये में 32 किलोमीटर पैदल चलकर दूतावास पहुंचने, रास्ते में अफगान लुटेरों का शिकार बनने और खाली मैदान में तालिबान के दहशत भरे साये में कई घंटे गुजारने की कहानी सुना कर सिहर उठते हैं.

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Published : Aug 23, 2021, 10:05 PM IST

शाहजहांपुर : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्व भर में तालिबान की निंदा हो रही है. सभी देश अपने-अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं. भारत सरकार भी अफगानिस्तान से फंसे नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. अब तक लगभग 400 भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है. इसी क्रम में शाहजहांपुर जिले के निवासी जीत बहादुर थापा की घर वापसी हो गई है.

जीत बहादुर थापा सोमवार को काबुल से अपने गृह जनपद शाहजहांपुर पहुंचे. इस अवसर पर थापा के परिजनों में खुशी का महौल है. जीत बहादुर थापा के घर पहुंचने पर उनकी बहनों ने सोमवार को भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया. जीत बहादुर की घर वापसी पर उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

जीत बहादुर की घर वापसी पर परिवार में खुशी.

तालिबानी कर रहे लूटपाट, हालात नाजुक

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से जीत बहादुर थापा का उनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया था. जिस कारण परिजन काफी चिंतित थे. जीत बहादुर की घर वापसी होने पर परिजनों में खुशी की लहर है. जीत बहादुर थापा ने बताया कि वह काबुल की एक कंसलटेंसी कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी करता था. लगभग ढाई वर्ष से वह काबुल में नौकरी कर रहा था. 15 अगस्त को तालिबानियों ने उनकी कंपनी पर कब्जा कर लिया और कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकाल दिया. जिसके बाद थापा किसी तरह पैदल चलकर एयरपोर्ट तक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लगभग 32 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर तय किया. जिसके बाद इंडियन एयर फोर्स के विमान से उसे भारत लाया गया.

वतन वापस लौटे जीत बहादुर थापा ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हैं. काबुल के आसपास स्थानीय लोग लूटपाट कर रहे हैं. थापा ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उसके 2,200 यूएस डॉलर (भारतीय करेंसी के अनुसार एक लाख से अधिक रुपया) लूट लिया है.

पढ़ें : काबुल हवाईअड्डे को खाली कराने के दौरान लगभग 20 लोगों की मौत : नाटो अधिकारी

शाहजहांपुर : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्व भर में तालिबान की निंदा हो रही है. सभी देश अपने-अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं. भारत सरकार भी अफगानिस्तान से फंसे नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. अब तक लगभग 400 भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला जा चुका है. इसी क्रम में शाहजहांपुर जिले के निवासी जीत बहादुर थापा की घर वापसी हो गई है.

जीत बहादुर थापा सोमवार को काबुल से अपने गृह जनपद शाहजहांपुर पहुंचे. इस अवसर पर थापा के परिजनों में खुशी का महौल है. जीत बहादुर थापा के घर पहुंचने पर उनकी बहनों ने सोमवार को भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया. जीत बहादुर की घर वापसी पर उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

जीत बहादुर की घर वापसी पर परिवार में खुशी.

तालिबानी कर रहे लूटपाट, हालात नाजुक

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से जीत बहादुर थापा का उनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया था. जिस कारण परिजन काफी चिंतित थे. जीत बहादुर की घर वापसी होने पर परिजनों में खुशी की लहर है. जीत बहादुर थापा ने बताया कि वह काबुल की एक कंसलटेंसी कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी करता था. लगभग ढाई वर्ष से वह काबुल में नौकरी कर रहा था. 15 अगस्त को तालिबानियों ने उनकी कंपनी पर कब्जा कर लिया और कर्मचारियों को कंपनी से बाहर निकाल दिया. जिसके बाद थापा किसी तरह पैदल चलकर एयरपोर्ट तक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लगभग 32 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर तय किया. जिसके बाद इंडियन एयर फोर्स के विमान से उसे भारत लाया गया.

वतन वापस लौटे जीत बहादुर थापा ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद हालात बहुत खराब हैं. काबुल के आसपास स्थानीय लोग लूटपाट कर रहे हैं. थापा ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उसके 2,200 यूएस डॉलर (भारतीय करेंसी के अनुसार एक लाख से अधिक रुपया) लूट लिया है.

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