नई दिल्ली : कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) को लेकर अमेरिकी राजदूत राशद हुसैन ने बयान दिया, जिस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. गृह मंत्रालय की ओर से साफ कहा गया है कि 'आंतरिक मुद्दों पर ऐसी टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
दरअसल अमेरिका के राजदूत राशद हुसैन ने कहा था कि ' मजहबी पोशाक पहनना धार्मिक स्वतंत्रता का हिस्सा है. भारत के कर्नाटक को मजहबी पहनावा की अनुमति तय नहीं करनी चाहिए. स्कूलों पर इस तरह की पाबंदी आजादी का हनन है. इससे महिलाओं एवं लड़कियों के लिए खास धारणा बनगी, वह हाशिए पर आ जाएंगी.' भारत ने शनिवार को एक बयान जारी किया कि भारत के आंतरिक मामलों पर 'प्रेरित टिप्पणियों' का स्वागत नहीं किया जाएंगा.
भारत की ओर से साफ कहा गया है कि 'हमारे संवैधानिक ढांचे और तंत्र, साथ ही साथ हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति, ऐसे संदर्भ हैं जिनमें मुद्दों पर विचार किया जाता है और हल किया जाता है. जो लोग भारत को अच्छी तरह से जानते हैं, वे इन वास्तविकताओं की उचित सराहना करेंगे. हमारे आंतरिक मुद्दों पर ऐसी टिप्पणी न करें.
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गौरतलब है कि दो दिन पहले पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को बुलाकर हिजाब मुद्दा पर बात उठाई थी. भारतीय राजनयिक ने न केवल उसकी खोखली चिंता को खारिज कर दिया, बल्कि उसे अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत भी दी थी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जब इस विवाद को धार्मिक रंग देते हुए अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा और असहिष्णुता के मुद्दे पर चिंता जाहिर की, तो भारतीय राजनयिक (Indian Diplomat) चार्ज डी अफेयर्स सुरेश कुमार (d'Affaires Suresh Kumar) ने तत्काल उसे खारिज कर दिया. राजनयिक ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और हमारे यहां नियम-कानून की प्रक्रियाएं हैं. बेहतर होगा कि पाकिस्तान इस मामले में अपना ट्रैक रिकार्ड देखे.