पटना : बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की चुनौती कम होने का नाम नहीं ले रही है. बिहार में कोरोना का खतरा बरकरार है. लोग कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की आशंकाओं के बीच जी रहे हैं. राज्य में अचानक कई बीमारियों ने दस्तक दे दी है.
बिहार में तीसरी लहर तो अब तक नहीं आई है, लेकिन एक ही साथ कई बीमारियों ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है. स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, इनफ्लुएंजा, वायरल फीवर और चमकी बुखार से आम लोग परेशान हैं. खासकर बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. अस्पताल में जगह कम पड़ रही है. बड़ी संख्या में बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं. सरकारी व्यवस्था को लेकर विपक्ष हमलावर है.
सरकार व्यवस्था से निपटने में पूरी तरह फेल
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि सरकार व्यवस्था से निपटने में पूरी तरह फेल है. बच्चे बीमार हो रहे हैं. उन्हें अस्पताल में न तो जगह मिल रही है ना ही जरूरी दवाओं की उपलब्धता है. सरकार को टास्क फोर्स का गठन करना चाहिए.
बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है. जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही इलाज के लिए बाहर जाना पड़ रहा हो तो आम लोगों की स्थिति कैसी होगी आप अंदाजा लगा सकते हैं.
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सरकार हालात से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम : भाजपा
बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि सरकार हालात से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है. उच्च स्तरीय बैठक की जा रही है और अस्पताल में संसाधनों को उपलब्ध कराया जा रहा है.
वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि कई बीमारियों ने एक ही साथ दस्तक दे दी है. यह परेशानी का सबब है. सरकार को अस्पतालों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर थमी ही थी कि राज्य के कई जिलों में वायरल फीवर का कहर शुरू हो गया. वहीं, पटना में स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है. बिहार में एक के बाद एक बीमारियों के फैलने के चलते राज्य सरकार सतर्क है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को बैठक की. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ विभाग के सभी आला अधिकारी मौजूद रहे.
बिहार में इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे वायरल फीवर से पीड़ित हो रहे हैं. पटना के अस्पतालों के ओपीडी में रोज 100 से अधिक बच्चे वायरल फीवर के चलते पहुंच रहे हैं. मुजफ्फरपुर में भी वायरल फीवर के चलते अस्पतालों के बेड फुल हो गए थे. अब यहां मरीजों की संख्या कम हो गई है. एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में 88 बच्चों का इलाज चल रहा है.