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दवाओं के अवैध भंडारण मामले में गौतम गंभीर के खिलाफ सुनवाई पर रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा सांसद गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के कथित अवैध भंडारण और वितरण से संबंधित एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी.

सांसद गौतम गंभीर
सांसद गौतम गंभीर
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Published : Sep 20, 2021, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के कथित अवैध भंडारण और वितरण से संबंधित एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, गंभीर और अन्य आरोपियों की याचिका पर मामले में निचली अदालत द्वारा पारित समन आदेश को लेकर दिल्ली औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से जवाब मांगा है. मामले को आगे की सुनवाई के लिए आठ दिसंबर को सूचीबद्ध करते हुए न्यायाधीश ने कहा, 'तब तक कार्यवाही पर रोक लगाई जाती है.'

औषधि नियंत्रण विभाग ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, इसकी सीईओ अपराजिता सिंह, अपराजित सिंह, सीमा गंभीर, गौतम गंभीर और नताशा गंभीर के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून की धारा 18 (सी) के साथ धारा 27 (बी) (दो) के तहत मामला दर्ज कराया है. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ भी आरोप लगाते हुए दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई गई है.

धारा 18 (सी) के तहत बिना लाइसेंस के दवाओं के निर्माण, बिक्री वितरण पर प्रतिबंध है और धारा 27 (बी) (दो) के तहत वैध लाइसेंस के बिना बिक्री, वितरण पर तीन साल की सजा का प्रावधान है जिसे पांच तक बढ़ाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- सांसद गौतम गंभीर और दो विधायकों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया जांच का निर्देश

निचली अदालत ने कहा था कि शिकायतकर्ता प्रथमदृष्टया अपराध साबित करने में सक्षम प्रतीत होता है. निचली अदालत ने 26 जुलाई के अपने आदेश में दर्ज किया था कि अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि गौतम गंभीर और फाउंडेशन के अन्य लोगों ने 22 अप्रैल से 18 मई 2021 तक आयोजित एक चिकित्सा शिविर के दौरान कथित तौर पर फेविपिरावीर टैबलेट और चिकित्सकीय ऑक्सीजन का भंडारण और वितरण किया था. पिछले महीने निचली अदालत ने फाउंडेशन के खिलाफ मामले को आगे की सुनवाई के लिए सात फरवरी 2022 को सूचीबद्ध किया था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद गौतम गंभीर, उनके फाउंडेशन और अन्य के खिलाफ कोविड-19 दवाओं के कथित अवैध भंडारण और वितरण से संबंधित एक मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, गंभीर और अन्य आरोपियों की याचिका पर मामले में निचली अदालत द्वारा पारित समन आदेश को लेकर दिल्ली औषधि नियंत्रण प्राधिकरण से जवाब मांगा है. मामले को आगे की सुनवाई के लिए आठ दिसंबर को सूचीबद्ध करते हुए न्यायाधीश ने कहा, 'तब तक कार्यवाही पर रोक लगाई जाती है.'

औषधि नियंत्रण विभाग ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, इसकी सीईओ अपराजिता सिंह, अपराजित सिंह, सीमा गंभीर, गौतम गंभीर और नताशा गंभीर के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून की धारा 18 (सी) के साथ धारा 27 (बी) (दो) के तहत मामला दर्ज कराया है. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रवीण कुमार और इमरान हुसैन के खिलाफ भी आरोप लगाते हुए दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई गई है.

धारा 18 (सी) के तहत बिना लाइसेंस के दवाओं के निर्माण, बिक्री वितरण पर प्रतिबंध है और धारा 27 (बी) (दो) के तहत वैध लाइसेंस के बिना बिक्री, वितरण पर तीन साल की सजा का प्रावधान है जिसे पांच तक बढ़ाया जा सकता है.

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निचली अदालत ने कहा था कि शिकायतकर्ता प्रथमदृष्टया अपराध साबित करने में सक्षम प्रतीत होता है. निचली अदालत ने 26 जुलाई के अपने आदेश में दर्ज किया था कि अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि गौतम गंभीर और फाउंडेशन के अन्य लोगों ने 22 अप्रैल से 18 मई 2021 तक आयोजित एक चिकित्सा शिविर के दौरान कथित तौर पर फेविपिरावीर टैबलेट और चिकित्सकीय ऑक्सीजन का भंडारण और वितरण किया था. पिछले महीने निचली अदालत ने फाउंडेशन के खिलाफ मामले को आगे की सुनवाई के लिए सात फरवरी 2022 को सूचीबद्ध किया था.

(पीटीआई-भाषा)

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