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Gujarat Junior Clerk Exam Paper Leak : गुजरात में पेपर लीक होने के बाद Junior Clerk Exam रद्द, 16 गिरफ्तार

गुजरात में पेपर लीक होने के कारण जूनियर क्लर्क परीक्षा 2018 रद्द कर दी गई. परीक्षा के पांच घंटे पहले पंचायत विभाग ने आधिकारिक तौर पर पेपर लीक होने की घोषणा की. इस मामले में केस दर्ज कर 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

Gujarat Junior Clerk Exam Paper Leak
गुजरात में पेपर लीक में गिरफ्तार
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Published : Jan 29, 2023, 12:33 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 6:36 PM IST

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अहमदाबाद/हैदराबाद : कनिष्ठ लिपिकों की भर्ती के लिए रविवार को होने वाली गुजरात सरकार की प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण रद्द कर दी गई. यह परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटे पहले रद्द की गई. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने वड़ोदरा से इस संबंध में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. बोर्ड ने अभ्यर्थियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया और घोषणा की कि परीक्षा जल्द से जल्द नए सिरे से आयोजित की जाएगी, जिसके लिए बोर्ड एक नया विज्ञापन जारी करेगा.

कनिष्ठ लिपिक के 1,181 पदों के लिए राज्य भर के 2,995 केंद्रों पर होने वाली परीक्षा के वास्ते 9.53 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और रविवार सुबह होने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्र की एक प्रति बरामद की, जिसके बाद गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) ने उम्मीदवारों के व्यापक हित में परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया.

राज्य पंचायत विभाग के विकास आयुक्त संदीप कुमार ने पत्रकारों को बताया कि परीक्षा अगले 100 दिन में आयोजित की जाएगी. . उन्होंने कहा कि जीपीएसएसबी जल्द ही अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखों के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं की तारीखों को ध्यान में रखते हुए नई परीक्षा तिथि की घोषणा करेगा.

उन्होंने कहा, 'बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि अगली परीक्षा के लिए अभ्यर्थी अपने पहचान पत्र (कॉल लेटर/हॉल टिकट) के आधार पर परीक्षा केंद्रों से आने-जाने के लिए गुजरात राज्य परिवहन की बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे.'

कुमार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में, बोर्ड ने 21,000 पदों को भरने के लिए 30 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया है. उन्होंने कहा, 'इन परीक्षाओं में पूरी सुरक्षा, सतर्कता और देखभाल के साथ पारदर्शी तरीके से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है.'

वहीं, गुजरात एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि वड़ोदरा से इस सिलसिले में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया क्योंकि एजेंसी पिछले कुछ दिनों से संदिग्धों पर कड़ी नजर रख रही थी. उन्होंने कहा कि राज्य एटीएस ने इसके लिए काफी सक्रिय रुख अपनाया, ताकि परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित हो सके.

गुजरात एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा, 'हमने 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. वे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो विभिन्न राज्यों में सक्रिय है.' पेपर लीक मामले में गुजरात, बिहार, ओडिशा कनेक्शन सामने आया है.

हैदराबाद में तीन गिरफ्तार : गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में तीन आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने पाया कि संगारेड्डी जिले के आईडीए बोल्लाराम में केएल हाई-टेक प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ था. गुजरात एटीसी पुलिस ने बोलाराम में प्रिंटिंग प्रेस और जुबली हिल्स में कार्यालय की तलाशी ली. पुलिस ने कहा कि बाद में संगारेड्डी के जीत नायक, ओडिशा के सरदारकर रोहा और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. सरदार रोहा एक प्रिंटिंग प्रेस में ऑपरेटर के रूप में काम करता है.

गुजरात, बिहार और ओडिशा कनेक्शन : पेपर लीक मामले में एटीएस की जांच में गुजरात, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना का कनेक्शन सामने आया है. एटीएस की टीम ने पेपर लीक करने वाले केतन बारोट, भास्कर चौधरी, प्रदीप नायक, अनिकेत भट्ट, राज बारोट और मोरारी पासवान समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ओडिशा का प्रदीप नायक अपने रिश्तेदार जीत नायक के यहां से हैदराबाद से गुजरात पेपर लेकर आया था. जीत नायक को भी एटीएस की टीम ने हैदराबाद से हिरासत में लिया है.

पेपर लीक का मास्टरमाइंड जीत नायक को माना जा रहा है. आरोपी जीत के.एल. प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था. जीत ने पेपर चुराकर 30 हजार रुपए में प्रदीप नायक को दे दिया था. प्रदीप नायक ने अपने एक मित्र के माध्यम से बिहार के मोरारी पासवान से संपर्क किया था. मोरारी पासवान का संबंध बड़ौदा के भास्कर चौधरी से उसके मित्र मिंटू और अन्य सहयोगियों के माध्यम से जुड़ा, जिसके बाद आरोपी भास्कर ने केतन बारोट और प्रदीप से संपर्क किया और पेपर लीक करने की साजिश रची.

हालांकि पेपर लीक होने से पहले सभी आरोपी बड़ौदा के एक कोचिंग क्लास में पेपर सॉल्व करने वाले थे. जिसका समय रात दो से चार बजे के बीच तय किया गया था. परीक्षार्थियों को पेपर देने से पहले ही गुजरात एटीएस ने पकड़ लिया था.

गिरफ्तार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ व आपराधिक इतिहास खंगालने के दौरान सामने आया है कि भास्कर चौधरी व केतन बारोट के खिलाफ वर्ष 2019 में सीबीआई में मामला भी दर्ज किया गया था. आरोपी केतन बारोट और भास्कर चौधरी पहले भी दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट चुके हैं. हालांकि अलग-अलग राज्यों में इस बात की भी जांच की जा रही है कि गिरफ्तार अन्य आरोपियों में किसका आपराधिक इतिहास है.

परीक्षार्थियों ने जताई नाराजगी : इस बीच, रविवार को दूर-दराज के क्षेत्रों से परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे अभ्यर्थियों ने घटनाक्रम पर रोष जताया. पुलिस के अनुसार, कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के सदस्यों ने सड़कों को जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिस के अनुसार उनमें से कई को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिरासत में लिया गया. कुछ नाराज अभ्यर्थियों ने पेपर लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. व्यवस्था बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्रों और बस स्टैंड पर पुलिस की तैनाती की गई.

पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने के पर राज्यभर के परीक्षार्थियों ने नाराजगी जताई है. जूनागढ़ परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने सामूहिक रूप से सरकार की परीक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए.

इस संबंध में एक अभ्यर्थी ने कहा, 'नियमित रूप से हो रही पेपर लीक की घटनाओं के कारण अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर असहाय और अनिश्चित महसूस करते हैं. सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. हम दूर-दराज से यात्रा करके और दिक्कतों के बीच यहां तक ​​पहुंचे और पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई है.'

परीक्षार्थियों का कहना था कि इसके लिए राज्य सरकार व परीक्षा व्यवस्था से जुड़े बोर्ड व व्यक्ति जिम्मेदार हैं. राज्य सरकार छात्रों को हुए इस नुकसान की भरपाई कैसे करेगी. उनका कहना था कि पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने इससे पहले राज्य के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कनिष्ठ सहायकों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया था. तीन बार परीक्षा रद्द की गई. आज लगातार चौथी बार कनिष्ठ सहायक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ है. पिछले तीन अनुभवों को नई सरकार में एक बार फिर दोहराया गया है. इसी तरह भावनगर, सुरेंद्रनगर, सूरत, पाटन, वडोदरा समेत अन्य जिले में परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों का भी दर्द छलका.

कांग्रेस-आप ने साधा निशाना : राज्य में विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. आप की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने मांग की कि सरकार राज्य में पेपर लीक मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे.

गढ़वी ने संवाददाताओं से कहा, 'एसआईटी के अलावा, हम मांग करते हैं कि सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेपर लीक के खिलाफ एक सख्त कानून लाए। सरकार को प्रति अभ्यर्थी 50,000 रुपये का मुआवजा देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनसे फिर से फीस नहीं ली जाए.' गुजरात विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा.

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता मनीष दोशी ने दावा किया कि प्रश्नपत्र लीक होने के कारण पिछले 12 वर्षों में ऐसी 15 प्रतियोगी परीक्षाएं स्थगित की गई हैं. उन्होंने दावा किया कि कनिष्ठ लिपिक परीक्षा, जिसके लिए पहला विज्ञापन 2016 में जारी किया गया था, तीसरी बार रद्द कर दी गई. पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को कांग्रेस और आप के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था.

राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ सख्त कानून लाने के लिए दस साल की सजा का प्रावधान करने का वादा किया था.

पढ़ें- हिमाचल: JOA IT Paper Leak के बाद परीक्षा रद्द, पेपर लीक के मामले में महिला अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार

(भाषा इनपुट के साथ)

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अहमदाबाद/हैदराबाद : कनिष्ठ लिपिकों की भर्ती के लिए रविवार को होने वाली गुजरात सरकार की प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण रद्द कर दी गई. यह परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटे पहले रद्द की गई. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने वड़ोदरा से इस संबंध में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. बोर्ड ने अभ्यर्थियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया और घोषणा की कि परीक्षा जल्द से जल्द नए सिरे से आयोजित की जाएगी, जिसके लिए बोर्ड एक नया विज्ञापन जारी करेगा.

कनिष्ठ लिपिक के 1,181 पदों के लिए राज्य भर के 2,995 केंद्रों पर होने वाली परीक्षा के वास्ते 9.53 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर एक संदिग्ध को हिरासत में लिया और रविवार सुबह होने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्र की एक प्रति बरामद की, जिसके बाद गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) ने उम्मीदवारों के व्यापक हित में परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया.

राज्य पंचायत विभाग के विकास आयुक्त संदीप कुमार ने पत्रकारों को बताया कि परीक्षा अगले 100 दिन में आयोजित की जाएगी. . उन्होंने कहा कि जीपीएसएसबी जल्द ही अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तारीखों के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं की तारीखों को ध्यान में रखते हुए नई परीक्षा तिथि की घोषणा करेगा.

उन्होंने कहा, 'बोर्ड द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि अगली परीक्षा के लिए अभ्यर्थी अपने पहचान पत्र (कॉल लेटर/हॉल टिकट) के आधार पर परीक्षा केंद्रों से आने-जाने के लिए गुजरात राज्य परिवहन की बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे.'

कुमार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में, बोर्ड ने 21,000 पदों को भरने के लिए 30 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया है. उन्होंने कहा, 'इन परीक्षाओं में पूरी सुरक्षा, सतर्कता और देखभाल के साथ पारदर्शी तरीके से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है.'

वहीं, गुजरात एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि वड़ोदरा से इस सिलसिले में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया क्योंकि एजेंसी पिछले कुछ दिनों से संदिग्धों पर कड़ी नजर रख रही थी. उन्होंने कहा कि राज्य एटीएस ने इसके लिए काफी सक्रिय रुख अपनाया, ताकि परीक्षा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित हो सके.

गुजरात एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा, 'हमने 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. वे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो विभिन्न राज्यों में सक्रिय है.' पेपर लीक मामले में गुजरात, बिहार, ओडिशा कनेक्शन सामने आया है.

हैदराबाद में तीन गिरफ्तार : गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में तीन आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने पाया कि संगारेड्डी जिले के आईडीए बोल्लाराम में केएल हाई-टेक प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ था. गुजरात एटीसी पुलिस ने बोलाराम में प्रिंटिंग प्रेस और जुबली हिल्स में कार्यालय की तलाशी ली. पुलिस ने कहा कि बाद में संगारेड्डी के जीत नायक, ओडिशा के सरदारकर रोहा और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. सरदार रोहा एक प्रिंटिंग प्रेस में ऑपरेटर के रूप में काम करता है.

गुजरात, बिहार और ओडिशा कनेक्शन : पेपर लीक मामले में एटीएस की जांच में गुजरात, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना का कनेक्शन सामने आया है. एटीएस की टीम ने पेपर लीक करने वाले केतन बारोट, भास्कर चौधरी, प्रदीप नायक, अनिकेत भट्ट, राज बारोट और मोरारी पासवान समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ओडिशा का प्रदीप नायक अपने रिश्तेदार जीत नायक के यहां से हैदराबाद से गुजरात पेपर लेकर आया था. जीत नायक को भी एटीएस की टीम ने हैदराबाद से हिरासत में लिया है.

पेपर लीक का मास्टरमाइंड जीत नायक को माना जा रहा है. आरोपी जीत के.एल. प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था. जीत ने पेपर चुराकर 30 हजार रुपए में प्रदीप नायक को दे दिया था. प्रदीप नायक ने अपने एक मित्र के माध्यम से बिहार के मोरारी पासवान से संपर्क किया था. मोरारी पासवान का संबंध बड़ौदा के भास्कर चौधरी से उसके मित्र मिंटू और अन्य सहयोगियों के माध्यम से जुड़ा, जिसके बाद आरोपी भास्कर ने केतन बारोट और प्रदीप से संपर्क किया और पेपर लीक करने की साजिश रची.

हालांकि पेपर लीक होने से पहले सभी आरोपी बड़ौदा के एक कोचिंग क्लास में पेपर सॉल्व करने वाले थे. जिसका समय रात दो से चार बजे के बीच तय किया गया था. परीक्षार्थियों को पेपर देने से पहले ही गुजरात एटीएस ने पकड़ लिया था.

गिरफ्तार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ व आपराधिक इतिहास खंगालने के दौरान सामने आया है कि भास्कर चौधरी व केतन बारोट के खिलाफ वर्ष 2019 में सीबीआई में मामला भी दर्ज किया गया था. आरोपी केतन बारोट और भास्कर चौधरी पहले भी दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट चुके हैं. हालांकि अलग-अलग राज्यों में इस बात की भी जांच की जा रही है कि गिरफ्तार अन्य आरोपियों में किसका आपराधिक इतिहास है.

परीक्षार्थियों ने जताई नाराजगी : इस बीच, रविवार को दूर-दराज के क्षेत्रों से परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे अभ्यर्थियों ने घटनाक्रम पर रोष जताया. पुलिस के अनुसार, कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के सदस्यों ने सड़कों को जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिस के अनुसार उनमें से कई को राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिरासत में लिया गया. कुछ नाराज अभ्यर्थियों ने पेपर लीक के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. व्यवस्था बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्रों और बस स्टैंड पर पुलिस की तैनाती की गई.

पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द होने के पर राज्यभर के परीक्षार्थियों ने नाराजगी जताई है. जूनागढ़ परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने सामूहिक रूप से सरकार की परीक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए.

इस संबंध में एक अभ्यर्थी ने कहा, 'नियमित रूप से हो रही पेपर लीक की घटनाओं के कारण अभ्यर्थी अपने भविष्य को लेकर असहाय और अनिश्चित महसूस करते हैं. सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. हम दूर-दराज से यात्रा करके और दिक्कतों के बीच यहां तक ​​पहुंचे और पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई है.'

परीक्षार्थियों का कहना था कि इसके लिए राज्य सरकार व परीक्षा व्यवस्था से जुड़े बोर्ड व व्यक्ति जिम्मेदार हैं. राज्य सरकार छात्रों को हुए इस नुकसान की भरपाई कैसे करेगी. उनका कहना था कि पंचायत सेवा चयन बोर्ड ने इससे पहले राज्य के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कनिष्ठ सहायकों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया था. तीन बार परीक्षा रद्द की गई. आज लगातार चौथी बार कनिष्ठ सहायक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ है. पिछले तीन अनुभवों को नई सरकार में एक बार फिर दोहराया गया है. इसी तरह भावनगर, सुरेंद्रनगर, सूरत, पाटन, वडोदरा समेत अन्य जिले में परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों का भी दर्द छलका.

कांग्रेस-आप ने साधा निशाना : राज्य में विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. आप की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने मांग की कि सरकार राज्य में पेपर लीक मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे.

गढ़वी ने संवाददाताओं से कहा, 'एसआईटी के अलावा, हम मांग करते हैं कि सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेपर लीक के खिलाफ एक सख्त कानून लाए। सरकार को प्रति अभ्यर्थी 50,000 रुपये का मुआवजा देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनसे फिर से फीस नहीं ली जाए.' गुजरात विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा.

कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता मनीष दोशी ने दावा किया कि प्रश्नपत्र लीक होने के कारण पिछले 12 वर्षों में ऐसी 15 प्रतियोगी परीक्षाएं स्थगित की गई हैं. उन्होंने दावा किया कि कनिष्ठ लिपिक परीक्षा, जिसके लिए पहला विज्ञापन 2016 में जारी किया गया था, तीसरी बार रद्द कर दी गई. पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को कांग्रेस और आप के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था.

राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तो प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ सख्त कानून लाने के लिए दस साल की सजा का प्रावधान करने का वादा किया था.

पढ़ें- हिमाचल: JOA IT Paper Leak के बाद परीक्षा रद्द, पेपर लीक के मामले में महिला अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार

(भाषा इनपुट के साथ)

Last Updated : Jan 30, 2023, 6:36 PM IST
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