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पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद नई गाड़ियां खरीदने पर और कर प्रोत्साहन देने की योजना : गडकरी - tax concessions vehicles Gadkari

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार हाल में पेश राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति के तहत पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद खरीदी जाने वाली नई गाड़ियों पर कर संबंधित और रियायतें देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

गडकरी
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Published : Nov 23, 2021, 6:25 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (union minister nitin gadkari) ने मंगलवार को कहा कि सरकार हाल में पेश राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति (National Automobile Scrappage Policy) के तहत पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद खरीदी जाने वाली नई गाड़ियों पर कर संबंधित और रियायतें देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

गडकरी ने यह भी कहा कि नई कबाड़ नीति से प्रदूषण में कमी आएगी. उन्होंने मारुति सुजुकी तोयोत्सु (Maruti Suzuki Toyotsu ) के कबाड़ और पुनर्चक्रण सुविधा केंद्र का उद्घाटन करते यह बात कही. यह सरकार से मंजूरी प्राप्त इस प्रकार का पहला केंद्र है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, 'कबाड़ नीति से केंद्र और राज्यों दोनों का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़ेगा. मैं वित्त मंत्रालय से इस पर चर्चा करूंगा कि नई नीति के तहत किस प्रकार कर संबंधित और रियायतें दी जा सकती हैं.'

नई नीति के तहत केंद्र ने कहा था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद नई गाड़ी लेने पर पथकर पर 25 प्रतिशत तक छूट देंगे.

गडकरी ने कहा कि वह जीएसटी परिषद (gst council) से भी इस बात की संभावना टटोलने का आग्रह कर रहे हैं कि नई नीति (new policy) के तहत क्या और प्रोत्साहन दिये जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद करेगी.'

मंत्री ने कहा कि कबाड़ नीति से सभी पक्षों को लाभ होगा क्योंकि इससे विनिर्माण को गति मिलेगी, नौकरियां सृजित होंगी और केंद्र तथा राज्यों दोनों को जीएसटी (gst) मद में 40,000-40,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त होगा.

उन्होंने कहा कि कबाड़ नीति प्रदूषण पर लगाम लगाने और रोजगार सृजित करने लिहाज से महत्वपूर्ण है. गडकरी ने कहा, 'पुरानी गाड़ियां नये वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण फैलाती हैं. अत: उन्हें हटाने की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि कबाड़ नीति से बिक्री 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ेगी.'

उन्होंने कहा, 'कबाड़ नीति (scrappage policy) अर्थव्यवस्था के लिये भी महत्वपूर्ण है. हमें कच्चा माल कम लागत पर मिल सकेगा. इससे उत्पादन लागत में कमी आ सकती है.' गडकरी ने यह भी कहा कि केंद्र देश के हर जिले में कम-से-कम 3-4 वाहन पुनर्चक्रण या कबाड़ केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है.

यह भी पढ़ें- 'आखिर गडकरी को विकास के इतने आइडिया कहां से आते हैं', देखिए उन्होंने क्या दिया जवाब ?

उन्होंने कहा, 'अगले दो-तीन साल में 200-300 कबाड़ केंद्र होंगे.' गडकरी ने यह भी कहा कि वाहन क्षेत्र का सालाना कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये है और उनका लक्ष्य इसे पांच साल में बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये करने का है.

मंत्री ने कहा, 'भारत ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. मुझे भरोसा है कि कबाड़ नीति इसमें मददगार होगी.'

इस मौके पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (maruti suzuki ltd) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा, 'कई देशों की तरह, हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जहां हर 3-4 साल में वाहनों के 'फिटनेस' की जांच की जाए. हमें 15 साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है.'

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (union minister nitin gadkari) ने मंगलवार को कहा कि सरकार हाल में पेश राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति (National Automobile Scrappage Policy) के तहत पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद खरीदी जाने वाली नई गाड़ियों पर कर संबंधित और रियायतें देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

गडकरी ने यह भी कहा कि नई कबाड़ नीति से प्रदूषण में कमी आएगी. उन्होंने मारुति सुजुकी तोयोत्सु (Maruti Suzuki Toyotsu ) के कबाड़ और पुनर्चक्रण सुविधा केंद्र का उद्घाटन करते यह बात कही. यह सरकार से मंजूरी प्राप्त इस प्रकार का पहला केंद्र है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, 'कबाड़ नीति से केंद्र और राज्यों दोनों का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व बढ़ेगा. मैं वित्त मंत्रालय से इस पर चर्चा करूंगा कि नई नीति के तहत किस प्रकार कर संबंधित और रियायतें दी जा सकती हैं.'

नई नीति के तहत केंद्र ने कहा था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद नई गाड़ी लेने पर पथकर पर 25 प्रतिशत तक छूट देंगे.

गडकरी ने कहा कि वह जीएसटी परिषद (gst council) से भी इस बात की संभावना टटोलने का आग्रह कर रहे हैं कि नई नीति (new policy) के तहत क्या और प्रोत्साहन दिये जा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद करेगी.'

मंत्री ने कहा कि कबाड़ नीति से सभी पक्षों को लाभ होगा क्योंकि इससे विनिर्माण को गति मिलेगी, नौकरियां सृजित होंगी और केंद्र तथा राज्यों दोनों को जीएसटी (gst) मद में 40,000-40,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त होगा.

उन्होंने कहा कि कबाड़ नीति प्रदूषण पर लगाम लगाने और रोजगार सृजित करने लिहाज से महत्वपूर्ण है. गडकरी ने कहा, 'पुरानी गाड़ियां नये वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण फैलाती हैं. अत: उन्हें हटाने की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि कबाड़ नीति से बिक्री 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ेगी.'

उन्होंने कहा, 'कबाड़ नीति (scrappage policy) अर्थव्यवस्था के लिये भी महत्वपूर्ण है. हमें कच्चा माल कम लागत पर मिल सकेगा. इससे उत्पादन लागत में कमी आ सकती है.' गडकरी ने यह भी कहा कि केंद्र देश के हर जिले में कम-से-कम 3-4 वाहन पुनर्चक्रण या कबाड़ केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है.

यह भी पढ़ें- 'आखिर गडकरी को विकास के इतने आइडिया कहां से आते हैं', देखिए उन्होंने क्या दिया जवाब ?

उन्होंने कहा, 'अगले दो-तीन साल में 200-300 कबाड़ केंद्र होंगे.' गडकरी ने यह भी कहा कि वाहन क्षेत्र का सालाना कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये है और उनका लक्ष्य इसे पांच साल में बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये करने का है.

मंत्री ने कहा, 'भारत ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. मुझे भरोसा है कि कबाड़ नीति इसमें मददगार होगी.'

इस मौके पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (maruti suzuki ltd) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा, 'कई देशों की तरह, हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जहां हर 3-4 साल में वाहनों के 'फिटनेस' की जांच की जाए. हमें 15 साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है.'

(पीटीआई भाषा)

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