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यूक्रेन-रूस युद्ध का असर, ग्लोबल मार्केट में गोल्ड भी हुआ महंगा

रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था हिलने लगी है. रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का असर कच्चे तेल और नेचुरल गैस की कीमतों पर दिखा है. साथ ही सोने की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है. सोमवार को ग्लोबल गोल्ड प्राइस (global gold price) 2,000 डॉलर प्रति औंस हो गया.

Ukraine war pushes up global prices
Ukraine war pushes up global prices
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Published : Mar 7, 2022, 11:19 AM IST

नई दिल्ली : एक ओर रूस-यूक्रेन संकट ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को औंधे मुंह गिरा दिया, दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत भी 14 साल के उच्चतम स्तर पर है. शेयर बाजार में बाजार में मौजूदा उतार-चढ़ाव और महंगाई से आशंकित लोग अब सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड का रुख कर रहे हैं. बढ़ती मांग के कारण गोल्ड भी अपने नए रेकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है. सोमवार को ग्लोबल गोल्ड प्राइस (global gold price) 2,000 डॉलर प्रति औंस हो गया.

एक्सपर्टस का मानना है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति में कमी की आशंकाओं ने सोने की कीमतों को बढ़ाया है. सोने का प्रमुख उत्पादक देश रूस पर प्रतिबंध के कारण इम्पोर्ट में कमी होने की आशंका ने भी सोने की कीमतों में इजाफा किया है. पिछले हफ्ते, एमसीएक्स सोना 4.66 फीसदी की तेजी के साथ ₹52,559 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद भी भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में जोरदार उछाल आया. एमसीएक्स पर, सोना वायदा 1.8% बढ़कर ₹53,500 प्रति 10 ग्राम हो गया. इसके अलावा, 'स्पॉट गोल्ड' की कीमत 4.30 प्रतिशत बढ़कर 1,970.35 डॉलर प्रति औंस हो गई है.

कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के कमोडिटीज एंड करेंसीज के प्रमुख क्षितिज पुरोहित ने बताया कि यूक्रेन पर रूस पर हमले के बाद निवेशकों ने सामरिक और आर्थिक परिणामों का आकलन किया. संकट के दौर पर सोने में निवेश सबसे सुरक्षित माना जाता है. यह ग्लोबल ट्रेंड है, मांग बढ़ने के कारण सोना 2,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर जला गया है. मांग बनी रही तो सोने की कीमत और बढ़ सकती हैं.

बता दें कि अगस्त 2020 के दौरान भारतीय बाजारों में सोना 56,200 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. तब भारत समेत दुनिया भर के देश कोरोना संकट से जूझ रहे थे. अगर आने वाले समय में सोने की कीमत बढ़ी तो यह अपने पुराने रेकॉर्ड को तोड़ देगा.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) तपन पटेल के अनुसार, यूरोपीय संघ रूस पर तेल आयात प्रतिबंध सहित कठोर प्रतिबंधों के लिए विचार कर रहा है. इस घटनाक्रम से मुद्रास्फीति की चिंता बढ़ी है और सोने की कीमत में तेजी आई . उन्होंन उम्मीद जताई कि सोने की कीमतें 'COMEX' स्पॉट गोल्ड सपोर्ट के साथ $1970 पर और 2,050 डॉलर प्रति औंस पर बनी रहेगी. एमसीएक्स गोल्ड का अप्रैल वायदा कारोबार 52,800 रुपये से 54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर होगा.

IIFL सिक्योरिटीज वीपी रिसर्च के अनुज गुप्ता का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव सोने की कीमतों के लिए जिम्मेदार है, हालांकि यह माहौल वैश्विक इक्विटी मार्केट के लिए भी निगेटिव है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड-समर्थित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग शुक्रवार को 0.4% बढ़कर 1,054.3 टन हो गई, जो मार्च 2021 के मध्य के बाद से सबसे अधिक है.

पढ़ें : 130 डॉलर प्रति बैरल हुई कच्चे तेल की कीमत, महंगा होगा पेट्रोल-डीजल !

नई दिल्ली : एक ओर रूस-यूक्रेन संकट ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को औंधे मुंह गिरा दिया, दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत भी 14 साल के उच्चतम स्तर पर है. शेयर बाजार में बाजार में मौजूदा उतार-चढ़ाव और महंगाई से आशंकित लोग अब सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड का रुख कर रहे हैं. बढ़ती मांग के कारण गोल्ड भी अपने नए रेकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है. सोमवार को ग्लोबल गोल्ड प्राइस (global gold price) 2,000 डॉलर प्रति औंस हो गया.

एक्सपर्टस का मानना है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति में कमी की आशंकाओं ने सोने की कीमतों को बढ़ाया है. सोने का प्रमुख उत्पादक देश रूस पर प्रतिबंध के कारण इम्पोर्ट में कमी होने की आशंका ने भी सोने की कीमतों में इजाफा किया है. पिछले हफ्ते, एमसीएक्स सोना 4.66 फीसदी की तेजी के साथ ₹52,559 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद भी भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में जोरदार उछाल आया. एमसीएक्स पर, सोना वायदा 1.8% बढ़कर ₹53,500 प्रति 10 ग्राम हो गया. इसके अलावा, 'स्पॉट गोल्ड' की कीमत 4.30 प्रतिशत बढ़कर 1,970.35 डॉलर प्रति औंस हो गई है.

कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के कमोडिटीज एंड करेंसीज के प्रमुख क्षितिज पुरोहित ने बताया कि यूक्रेन पर रूस पर हमले के बाद निवेशकों ने सामरिक और आर्थिक परिणामों का आकलन किया. संकट के दौर पर सोने में निवेश सबसे सुरक्षित माना जाता है. यह ग्लोबल ट्रेंड है, मांग बढ़ने के कारण सोना 2,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर जला गया है. मांग बनी रही तो सोने की कीमत और बढ़ सकती हैं.

बता दें कि अगस्त 2020 के दौरान भारतीय बाजारों में सोना 56,200 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. तब भारत समेत दुनिया भर के देश कोरोना संकट से जूझ रहे थे. अगर आने वाले समय में सोने की कीमत बढ़ी तो यह अपने पुराने रेकॉर्ड को तोड़ देगा.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) तपन पटेल के अनुसार, यूरोपीय संघ रूस पर तेल आयात प्रतिबंध सहित कठोर प्रतिबंधों के लिए विचार कर रहा है. इस घटनाक्रम से मुद्रास्फीति की चिंता बढ़ी है और सोने की कीमत में तेजी आई . उन्होंन उम्मीद जताई कि सोने की कीमतें 'COMEX' स्पॉट गोल्ड सपोर्ट के साथ $1970 पर और 2,050 डॉलर प्रति औंस पर बनी रहेगी. एमसीएक्स गोल्ड का अप्रैल वायदा कारोबार 52,800 रुपये से 54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर होगा.

IIFL सिक्योरिटीज वीपी रिसर्च के अनुज गुप्ता का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव सोने की कीमतों के लिए जिम्मेदार है, हालांकि यह माहौल वैश्विक इक्विटी मार्केट के लिए भी निगेटिव है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड-समर्थित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग शुक्रवार को 0.4% बढ़कर 1,054.3 टन हो गई, जो मार्च 2021 के मध्य के बाद से सबसे अधिक है.

पढ़ें : 130 डॉलर प्रति बैरल हुई कच्चे तेल की कीमत, महंगा होगा पेट्रोल-डीजल !

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