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'..मेरे पास मां सीता है', जानकी मंदिर की नींव रखकर नीतीश कुमार ने राजनीति के दूसरे अध्याय की शुरुआत की

बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीतामढ़ी के माता सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम पहुंचे. नीतीश कुमार के साथ मंत्री विजय चौधरी, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर सहित कई नेता मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने माता सीता के मंदिर में जाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की. सीतामढ़ी में मां सीता की भव्य मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया. जिसके साथ राजनीति की भी एंट्री हो गयी.

Punaura Dham temple in Sitamarhi Etv Bharat
Punaura Dham temple in Sitamarhi Etv Bharat
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2023, 5:01 PM IST

सीतामढ़ी : अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्म दीवार में एक डायलॉग है, 'तुम्हारे पास क्या है?' इसपर अभिनेता शशि कपूर का जवाब होता है, 'मेरे पास मां है'. देश की सियासत भी कुछ इसी तरह की है. भाजपा कहती है मेरे पास राम है, अयोध्या है, तुम्हारे पास क्या है. अब बारी नीतीश कुमार की है. नीतीश कुमार कहेंगे 'मेरे पास मां सीता है.'

धर्म वाली राजनीति : भारत में धर्म और राजनीति साथ-साथ चलती है. कभी राजनीति धर्म के सहारे होती है, तो कभी धर्म में राजनीति होती है. आने वाले महीने (जनवरी) में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. तो बिहार में भी भगवान श्री राम की धर्मपत्नी मां सीता का भव्य मंदिर के निर्माण की नींव रखी गयी है. ऐसा नहीं कि यह पूरी तरह से धार्मिक मनोभाव से किया जा रहा है. बल्कि लोग तो कहते हैं कि इस धर्म में पूरी तरह से राजनीति छुपी हुई है. या यूं कहें कि दोनों मंदिरों के निर्माण में पार्टियां अपनी राजनीति आगे बढ़ा रही हैं.

पुनौरा धाम पहुंचे नीतीश.
पुनौरा धाम पहुंचे नीतीश.

नीतीश कुमार ने रखा जानकी मंदिर की नींव : धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा, भारत के आजादी के बाद से अपने हर चुनावी एजेंडे में अयोध्या राम मंदिर निर्माण की बात कहती रही है. अब वह दिन भी आ गया जब अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर का उद्घाटन 24 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. लेकिन, यह भी सच है राम के सहारे राजनीति करने वाली भाजपा माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम को भूल गई.

मां सीता के भव्य मंदिर का शिलान्यास : जब बीजेपी माता सीता के के पुनौरा धाम को भूली, तो बिहार की सियासत की बागडोर संभालने वाले नीतीश कुमार को मां सीता की याद आ गई. आनन-फानन में नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी में मां सीता की भव्य मंदिर के निर्माण की घोषणा कर दी. आज इस मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई है. शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री ने सीता कुंड में जाकर विधिवत आरती की.

आरती करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.
आरती करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

आधुनिक बनेगा जानकी मंदिर : सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में पर्यटन विभाग की ओर से 72.47 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है. जिसमें मंदिर का निर्माण, एकीकृत भवन, तीर्थ यात्री निवास, सबवे भी बनाया जाएगा. सीतामढ़ी में सीता वाटिका, लव कुश वाटिका का निर्माण भी किया जाएगा. इसके अलावा ध्यान के लिए शांति मंडप का निर्माण कराया जायेगा. पर्यटन विभाग की ओर से मां सीता के जीवन वृतांत को दर्शाने के लिए 3D एनीमेशन की व्यवस्था भी की जाएगी.

''भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या की तर्ज पर ही माता सीता की नगरी पुनौरा धाम को भी विकसित किया जाएगा. बिहार सरकार का यह बहुत बड़ा कदम है. सरकार ने पुनौरा धाम के विकास को लेकर एक बड़ी राशि जारी की है, ताकि जल्द से जल्द पुनौरा धाम का डेवलपमेंट हो सके. इससे यहां के स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा. देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटकों का माता के दर्शन को लेकर का आना-जाना होगा. स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.''- देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

शिलान्यास कार्यक्रम में नीतीश कुमार, विजय चौधरी, चेतन आनंद, देवेश चंद्र ठाकुर एवं अन्य.
शिलान्यास कार्यक्रम में नीतीश कुमार, विजय चौधरी, चेतन आनंद, देवेश चंद्र ठाकुर एवं अन्य.

भाजपा के राम तो जदयू की सीता : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मां जानकी मंदिर की नींव रखे, इसके साथ ही राजनीति का दूसरा अध्याय भी शुरू हो गया. जहां एक तरफ भाजपा श्री राम मंदिर को लेकर अपनी सियासत मजबूत करेंगी, तो नीतीश कुमार मां सीता के मंदिर के निर्माण का पूरा श्रेय लेने की कोशिश करेंगे. हालांकि इससे पहले भारत सरकार ने अयोध्या और सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए रामायण सर्किट की व्यवस्था की है. श्री राम जहां-जहां गए हैं, उस रूट को जोड़ कर रामायण सर्किट बनाया जा रहा है.

धरतीपुत्री मां सीता : अयोध्या से 400 किलोमीटर दूर सीतामढ़ी में मां सीता का जन्म हुआ था. पुरानी मान्यताओं के मुताबिक बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में मां जानकी की जन्मभूमि है. जिसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि माता सीता का जन्म इसी स्थान पर हुआ था.

अधिकारियों को निर्देश देते सीएम नीतीश कुमार.
अधिकारियों को निर्देश देते सीएम नीतीश कुमार.

क्या है मान्यता ? : इससे जुड़ी कथा है कि मिथिला में एक बार भीषण अकाल पड़ी. ऐसे में वहां के पुरोहितों ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की सलाह दी. जब राजा जनक हल चला रहे थे तब जमीन से मिट्टी का एक घड़ा निकला, जिसमें माता सीता शिशु अवस्था में थी.

मां सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था यहां : जब भगवान राम शिक्षा ग्रहण करने ऋषि विश्वामित्र के आश्रम बक्सर आए थे. उसी समय विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर मां सीता के स्वयंवर गए थे. जहां शिव धनुष को तोड़ कर श्री राम ने स्वयंवर में मां सीता से विवाह किया था. मिथिला के सीतामढ़ी के पुनौरा गांव को मां सीता का जन्म भूमि माना जाता है. यहां पुनौरा गांव अब पुनौरा धाम हो गया है. यहां अयोध्या की तरफ भव्य मंदिर तो नहीं लेकिन, मां जानकी का मंदिर बनाया गया है, जहां श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं.

पुनौरा धाम किस तरह बनकर तैयार होगा इसे देखते हुए नीतीश कुमार.
पुनौरा धाम किस तरह बनकर तैयार होगा इसे देखते हुए नीतीश कुमार.

कई और मान्यताएं हैं : पुनौरा धाम में मंदिर के पीछे जानकी कुंड के नाम से एक सरोवर है. इस सरोवर को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान प्राप्ति होती है. यहां पंथ पाकार नाम की प्रसिद्ध जगह है. यह जगह माता सीता के विवाह से जुड़ी हुई है. इस जगह पर प्राचीन पीपल का पेड़ अभी भी है, जिसके नीचे पालकी बनी हुई है.

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सीतामढ़ी : अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्म दीवार में एक डायलॉग है, 'तुम्हारे पास क्या है?' इसपर अभिनेता शशि कपूर का जवाब होता है, 'मेरे पास मां है'. देश की सियासत भी कुछ इसी तरह की है. भाजपा कहती है मेरे पास राम है, अयोध्या है, तुम्हारे पास क्या है. अब बारी नीतीश कुमार की है. नीतीश कुमार कहेंगे 'मेरे पास मां सीता है.'

धर्म वाली राजनीति : भारत में धर्म और राजनीति साथ-साथ चलती है. कभी राजनीति धर्म के सहारे होती है, तो कभी धर्म में राजनीति होती है. आने वाले महीने (जनवरी) में अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. तो बिहार में भी भगवान श्री राम की धर्मपत्नी मां सीता का भव्य मंदिर के निर्माण की नींव रखी गयी है. ऐसा नहीं कि यह पूरी तरह से धार्मिक मनोभाव से किया जा रहा है. बल्कि लोग तो कहते हैं कि इस धर्म में पूरी तरह से राजनीति छुपी हुई है. या यूं कहें कि दोनों मंदिरों के निर्माण में पार्टियां अपनी राजनीति आगे बढ़ा रही हैं.

पुनौरा धाम पहुंचे नीतीश.
पुनौरा धाम पहुंचे नीतीश.

नीतीश कुमार ने रखा जानकी मंदिर की नींव : धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा, भारत के आजादी के बाद से अपने हर चुनावी एजेंडे में अयोध्या राम मंदिर निर्माण की बात कहती रही है. अब वह दिन भी आ गया जब अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर का उद्घाटन 24 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. लेकिन, यह भी सच है राम के सहारे राजनीति करने वाली भाजपा माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम को भूल गई.

मां सीता के भव्य मंदिर का शिलान्यास : जब बीजेपी माता सीता के के पुनौरा धाम को भूली, तो बिहार की सियासत की बागडोर संभालने वाले नीतीश कुमार को मां सीता की याद आ गई. आनन-फानन में नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी में मां सीता की भव्य मंदिर के निर्माण की घोषणा कर दी. आज इस मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई है. शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री ने सीता कुंड में जाकर विधिवत आरती की.

आरती करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.
आरती करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

आधुनिक बनेगा जानकी मंदिर : सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में पर्यटन विभाग की ओर से 72.47 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है. जिसमें मंदिर का निर्माण, एकीकृत भवन, तीर्थ यात्री निवास, सबवे भी बनाया जाएगा. सीतामढ़ी में सीता वाटिका, लव कुश वाटिका का निर्माण भी किया जाएगा. इसके अलावा ध्यान के लिए शांति मंडप का निर्माण कराया जायेगा. पर्यटन विभाग की ओर से मां सीता के जीवन वृतांत को दर्शाने के लिए 3D एनीमेशन की व्यवस्था भी की जाएगी.

''भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या की तर्ज पर ही माता सीता की नगरी पुनौरा धाम को भी विकसित किया जाएगा. बिहार सरकार का यह बहुत बड़ा कदम है. सरकार ने पुनौरा धाम के विकास को लेकर एक बड़ी राशि जारी की है, ताकि जल्द से जल्द पुनौरा धाम का डेवलपमेंट हो सके. इससे यहां के स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा. देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटकों का माता के दर्शन को लेकर का आना-जाना होगा. स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.''- देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद

शिलान्यास कार्यक्रम में नीतीश कुमार, विजय चौधरी, चेतन आनंद, देवेश चंद्र ठाकुर एवं अन्य.
शिलान्यास कार्यक्रम में नीतीश कुमार, विजय चौधरी, चेतन आनंद, देवेश चंद्र ठाकुर एवं अन्य.

भाजपा के राम तो जदयू की सीता : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मां जानकी मंदिर की नींव रखे, इसके साथ ही राजनीति का दूसरा अध्याय भी शुरू हो गया. जहां एक तरफ भाजपा श्री राम मंदिर को लेकर अपनी सियासत मजबूत करेंगी, तो नीतीश कुमार मां सीता के मंदिर के निर्माण का पूरा श्रेय लेने की कोशिश करेंगे. हालांकि इससे पहले भारत सरकार ने अयोध्या और सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए रामायण सर्किट की व्यवस्था की है. श्री राम जहां-जहां गए हैं, उस रूट को जोड़ कर रामायण सर्किट बनाया जा रहा है.

धरतीपुत्री मां सीता : अयोध्या से 400 किलोमीटर दूर सीतामढ़ी में मां सीता का जन्म हुआ था. पुरानी मान्यताओं के मुताबिक बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में मां जानकी की जन्मभूमि है. जिसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि माता सीता का जन्म इसी स्थान पर हुआ था.

अधिकारियों को निर्देश देते सीएम नीतीश कुमार.
अधिकारियों को निर्देश देते सीएम नीतीश कुमार.

क्या है मान्यता ? : इससे जुड़ी कथा है कि मिथिला में एक बार भीषण अकाल पड़ी. ऐसे में वहां के पुरोहितों ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की सलाह दी. जब राजा जनक हल चला रहे थे तब जमीन से मिट्टी का एक घड़ा निकला, जिसमें माता सीता शिशु अवस्था में थी.

मां सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था यहां : जब भगवान राम शिक्षा ग्रहण करने ऋषि विश्वामित्र के आश्रम बक्सर आए थे. उसी समय विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर मां सीता के स्वयंवर गए थे. जहां शिव धनुष को तोड़ कर श्री राम ने स्वयंवर में मां सीता से विवाह किया था. मिथिला के सीतामढ़ी के पुनौरा गांव को मां सीता का जन्म भूमि माना जाता है. यहां पुनौरा गांव अब पुनौरा धाम हो गया है. यहां अयोध्या की तरफ भव्य मंदिर तो नहीं लेकिन, मां जानकी का मंदिर बनाया गया है, जहां श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं.

पुनौरा धाम किस तरह बनकर तैयार होगा इसे देखते हुए नीतीश कुमार.
पुनौरा धाम किस तरह बनकर तैयार होगा इसे देखते हुए नीतीश कुमार.

कई और मान्यताएं हैं : पुनौरा धाम में मंदिर के पीछे जानकी कुंड के नाम से एक सरोवर है. इस सरोवर को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान प्राप्ति होती है. यहां पंथ पाकार नाम की प्रसिद्ध जगह है. यह जगह माता सीता के विवाह से जुड़ी हुई है. इस जगह पर प्राचीन पीपल का पेड़ अभी भी है, जिसके नीचे पालकी बनी हुई है.

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