पटना: विपक्षी दलों की बैठक से ठीक दो दिन पहले नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. उनके पुराने साथी जीतन राम मांझी की एनडीए में वापसी हो गई है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया. साथ ही विपक्षी दलों की बैठक पर चुटकी भी ली.
पढ़ें- Bihar Politics: अमित शाह से मिले जीतनराम मांझी, सवाल- NDA में हुए शामिल
मांझी ने किया NDA में शामिल होने का ऐलान: जीतन राम मांझी ने कहा कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से.) एनडीए को साथ देने को सहमत हो गई है. विपक्षियों की बैठक जब होगी तब समझियेगा हो गई है. अभी नीतीश कुमार बीमार हैं.
बोले संतोष सुमन- 'लंबी पारी खेलने की बात हुई': दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान जीतन राम मांझी के साथ उनके बेटे व बिहार के पूर्व मंत्री संतोष सुमन भी थे. उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत हो चुकी है. सैद्धांतिक तौर पर हमने साथ चलने की सहमति जता दी है. सीटों पर भी चर्चा हुई है लेकिन मीडिया को इसकी जानकारी बाद में दी जाएगी.
लंबे समय से चल रही थी बात: बता दें कि 13 अप्रैल को अमित शाह से मुलाकात के बाद से ही मांझी के एनडीए में जाने की चर्चाएं तेज हो गई थीं. नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के रिश्तों में दूरियां आ गई थी. नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक में भी मांझी को आमंत्रित नहीं किया था. इसपर मांझी ने नाराजगी जताई थी और कहा कि नीतीश कुमार की तरफ से पार्टी को जदयू में मर्ज करने का दबाव है.
13 जून 2023 को संतोष सुमन ने दिया था इस्तीफा: वहीं नीतीश कुमार ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि हमने मर्ज करने को कहा था क्योंकि मांझी बीजेपी के लोगों से मिल रहे थे. विपक्षी दलों की बैठक में जो भी बात होती उसे जाकर बता देते. इसलिए हमने कहा कि विलय कीजिए या अलग हो जाइये. इसके बाद जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने 13 जून 2023 को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी से मुलाकात कर नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.
'हम कोई भेदिया नहीं थे': बीजेपी को जाकर विपक्षी दलों की बैठक की सारी बात बताने के नीतीश के बयान पर संतोष सुमन ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि हम कोई भेदिया नहीं थे. पाकिस्तान को हम कुछ नहीं भेज रहे थे. संविधान में सबको आजादी है. जब हम उनके साथ थे तो निष्ठा के साथ थे. अगर संकोच करेंगे, शक करेंगे तो कोई कैसे साथ रहेगा?
'अमित शाह ने जताया विश्वास': संतोष सुमन ने आगे कहा कि हमें लगा कि एनडीए में ही हमारा और हमारे कार्यकर्ताओं का सम्मान है. गृह मंत्री ने हमें भरोसा दिया कि वो हमारे साथ हैं और हमारी लड़ाई लड़ेंगे. 24 और 25 दोनों चुनाव साथ लड़ेंगे और महागठबंधन सरकार को बिहार से उखाड़ फेकेंगे.