मुंबई: सिंधी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी को लेकर NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ हिल लाइन पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. ठाणे पुलिस ने कहा कि धारा 153ए (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) 153बी, 295ए (नागरिकों के किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा) और 298 (जानबूझकर किसी भी व्यक्ति के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) आईपीसी को एफआईआर में शामिल किया गया है.
वास्तव में क्या हुआ?: उल्हासनगर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जितेंद्र अवध ने सिंधी समाज को संबोधित किया. कहा जा रहा है कि उन्होंने उस वक्त विवादित बयान दिया था. इस बयान पर सिंधी समुदाय ने आपत्ति जताई. साथ ही ठाणे का सिंधी समुदाय कोपरी में इकट्ठा हुआ और इसका विरोध किया. उन्होंने यह भी स्टैंड लिया कि जब तक वह माफी नहीं मांगते, वे विभिन्न संवैधानिक माध्यमों से विरोध करेंगे.
सिंधी समुदाय की तुलना कुत्तों से करने का आरोप: 27 मई को उल्हासनगर प्रभात गार्डन कैंप-5 के पास एनसीपी की बैठक हुई थी. इस बैठक में बोलते हुए जितेंद्र आव्हाड की जुबान फिसल गई. इस अवसर पर बोलते हुए, अवध पर सिंधी समुदाय की तुलना कुत्तों से करने का आरोप लगाया गया. आव्हाड के इस बयान के बाद सिंधी समुदाय आक्रामक हो गया. उनके खिलाफ कोपरी के सिंधी समाज ने एकजुट होकर जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया.
संवैधानिक तरीकों से शराबबंदी: ठाणे के कोपरी इलाके में बड़ी संख्या में सिंधी रहते हैं. यहां के सिंधी भाइयों ने कोपरी के शंकर मंदिर में इकट्ठा होकर जितेंद्र आव्हाड का विरोध किया. साथ ही जितेंद्र आव्हाड के माफी मांगने तक उनके खिलाफ संवैधानिक माध्यम से कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर को बयान देकर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया गया.
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