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Anand Mohan को अच्छे आचरण के लिए मिली रिहाई, लेकिन जेल में रखते थे चार-चार मोबाइल.. देखें सबूत

सजा भुगत रहे कैदियों को अच्छे आचरण के बाद जेल से परिहार (रिहाई) की व्यवस्था है. परिहार कमेटी आकलन के बाद कैदियों को परिहार देती है. आनंद मोहन को भी जेल के अंदर अच्छे आचरण का हवाला देते हुए परिहार दिया गया है. लेकिन जब आनंद मोहन जेल में थे तो उनके पास से कई मोबाइल मिले थे. वार्ड नंबर एक में छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक सामान मिले थे. मामला 2021 का है.

FIR against Anand Mohan in 2021
FIR against Anand Mohan in 2021
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Published : Apr 27, 2023, 1:41 PM IST

Updated : Apr 27, 2023, 2:38 PM IST

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी

पटना: आनंद मोहन को परिहार (रिहाई) देने का फैसला सरकार के लिए गले की फांस बन गई है. रिहाई देने के बाद से सरकार चौतरफा घिरती दिख रही है. पूर्व सांसद आनंद मोहन से जुड़ा एक और विवाद सामने आया है. आनंद मोहन जेल में कैदियों की तरह नहीं रहते थे, बल्कि जेल में रहते हुए उनके सेल से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामदगी की खबरें सामने आई है. छापेमारी के दौरान बरामदगी हुई और प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी. इस बारे में सवाल करने पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इस एफआईआर के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन ऑवरऑल बातों को ध्यान में रखकर ही रिहाई दी गई है.

पढ़ें- Anand Mohan: 'जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द.. आनंद मोहन के सामने ऐसा होता तो जान पर खेलकर बचाते'- लवली आनंद

विवादों में आनंद मोहन की रिहाई:सरकार ने बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को कानून में संशोधन कर रिहा कर दिया है और आनंद मोहन जेल से बाहर आ चुके हैं. आनंद मोहन को परिहार के तहत सजा में माफी दी गई है. दरअसल सजा भुगत रहे कैदियों को अच्छे आचरण के बाद परिहार की व्यवस्था है. परिहार कमेटी तमाम चीजों का आकलन करने के बाद कैदी को परिहार देती है. आनंद मोहन को भी जेल के अंदर अच्छे आचरण का हवाला देते हुए परिहार दिया गया है.

'नियम कानून को ताक पर रखकर परिहार': पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कहा है कि आनंद मोहन को सरकार ने नियम कानून को ताक पर रखकर परिहार दिया है. आनंद मोहन जेल में 3-4 मोबाइल रखते थे. छापेमारी में मोबाइल फोन की बरामदगी भी होती है. बावजूद इसके परिहार देने के समय प्राथमिकी को दरकिनार कर दिया जाता है.

"मैं हाईकोर्ट से उम्मीद करूंगा कि इस मामले में उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान ले. आनंद मोहन की परिहार पर पुनर्विचार किया जाए."- अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस

आनंद मोहन जेल में रखते थे कई मोबाइल: आनंद मोहन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से सरकार के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल सहरसा जेल निबंध आनंद मोहन कई मोबाइल फोन रखते थे और जब सहरसा जेल में छापेमारी हुई तो बाहुबली नेता के पास से मोबाइल फोन और सिम कार्ड मिले थे. डीएम और एसपी की छापेमारी में आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे. 23 अक्टूबर 2021 को मंडल कारा सहरसा प्रशासन के द्वारा सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. सहरसा जेल के तत्कालीन अधीक्षक सुरेश चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

23 अक्टूबर 2021 को हुआ था मामला दर्ज: छापेमारी के दौरान आनंद मोहन के पास से कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए थे. आनंद मोहन के पास रियल मी कंपनी की एंड्राइड स्मार्टफोन जिसमें जियो और एयरटेल का सिम कार्ड लगा था, विवो कंपनी का एंड्रॉयड स्मार्टफोन सिल्वर कलर का बरामद किया गया था. तीसरा सैमसंग कंपनी का जीएसएम फोन बरामद किया गया था. चौथा फोन भी सैमसंग कंपनी का जीएसएम सेट था. इसके अलावा मोबाइल चार्जर उजला रंग का बरामद किया गया था.

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी

पटना: आनंद मोहन को परिहार (रिहाई) देने का फैसला सरकार के लिए गले की फांस बन गई है. रिहाई देने के बाद से सरकार चौतरफा घिरती दिख रही है. पूर्व सांसद आनंद मोहन से जुड़ा एक और विवाद सामने आया है. आनंद मोहन जेल में कैदियों की तरह नहीं रहते थे, बल्कि जेल में रहते हुए उनके सेल से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामदगी की खबरें सामने आई है. छापेमारी के दौरान बरामदगी हुई और प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी. इस बारे में सवाल करने पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इस एफआईआर के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन ऑवरऑल बातों को ध्यान में रखकर ही रिहाई दी गई है.

पढ़ें- Anand Mohan: 'जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द.. आनंद मोहन के सामने ऐसा होता तो जान पर खेलकर बचाते'- लवली आनंद

विवादों में आनंद मोहन की रिहाई:सरकार ने बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को कानून में संशोधन कर रिहा कर दिया है और आनंद मोहन जेल से बाहर आ चुके हैं. आनंद मोहन को परिहार के तहत सजा में माफी दी गई है. दरअसल सजा भुगत रहे कैदियों को अच्छे आचरण के बाद परिहार की व्यवस्था है. परिहार कमेटी तमाम चीजों का आकलन करने के बाद कैदी को परिहार देती है. आनंद मोहन को भी जेल के अंदर अच्छे आचरण का हवाला देते हुए परिहार दिया गया है.

'नियम कानून को ताक पर रखकर परिहार': पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कहा है कि आनंद मोहन को सरकार ने नियम कानून को ताक पर रखकर परिहार दिया है. आनंद मोहन जेल में 3-4 मोबाइल रखते थे. छापेमारी में मोबाइल फोन की बरामदगी भी होती है. बावजूद इसके परिहार देने के समय प्राथमिकी को दरकिनार कर दिया जाता है.

"मैं हाईकोर्ट से उम्मीद करूंगा कि इस मामले में उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान ले. आनंद मोहन की परिहार पर पुनर्विचार किया जाए."- अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस

आनंद मोहन जेल में रखते थे कई मोबाइल: आनंद मोहन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से सरकार के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल सहरसा जेल निबंध आनंद मोहन कई मोबाइल फोन रखते थे और जब सहरसा जेल में छापेमारी हुई तो बाहुबली नेता के पास से मोबाइल फोन और सिम कार्ड मिले थे. डीएम और एसपी की छापेमारी में आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे. 23 अक्टूबर 2021 को मंडल कारा सहरसा प्रशासन के द्वारा सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. सहरसा जेल के तत्कालीन अधीक्षक सुरेश चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

23 अक्टूबर 2021 को हुआ था मामला दर्ज: छापेमारी के दौरान आनंद मोहन के पास से कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए थे. आनंद मोहन के पास रियल मी कंपनी की एंड्राइड स्मार्टफोन जिसमें जियो और एयरटेल का सिम कार्ड लगा था, विवो कंपनी का एंड्रॉयड स्मार्टफोन सिल्वर कलर का बरामद किया गया था. तीसरा सैमसंग कंपनी का जीएसएम फोन बरामद किया गया था. चौथा फोन भी सैमसंग कंपनी का जीएसएम सेट था. इसके अलावा मोबाइल चार्जर उजला रंग का बरामद किया गया था.

Last Updated : Apr 27, 2023, 2:38 PM IST
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