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सोमवार को ऐसे करें भगवान भोलेनाथ की पूजा, पूरी होगी मनोकामना

शास्त्रों में सोमवार के दिन को कल्याणकारी माना गया है. ये भगवान शिव का दिन होता है. इस दिन भगवान शिव का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं (How to worship Lord Shiva on Monday).

How to worship Lord Shiva on Monday
सोमवार को ऐसे करें भगवान भोलेनाथ की पूजा, पूरी होगी मनोकामना
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Published : Mar 14, 2022, 10:15 AM IST

नई दिल्ली : भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहते हैं. वह बहुत ही दयालु हैं. सच्चे मन से इनकी पूजा करने से भगवान शिव अपने भक्तों को निराश नहीं करते (How to worship Lord Shiva on Monday). वह बड़े ही आसानी से अपने भक्तों पर खुश होते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं. धर्म शास्त्रों ने अनुसार, आदि पंच देवों में शिव एक प्रमुख देवता हैं. ये त्रिदेवों में प्रमुख देवता हैं. भगवान शिव को संहार का देवता माना गया है. भगवान जितनी जल्दी खुश होते हैं, उतनी ही जल्दी क्रोधित भी होते हैं. इनके क्रोध से पूरा ब्रह्मांड कांप जाता है. महाकाल शिव की पूजा करने वाले का कुछ काल भी नहीं बिगाड़ पाता.

शास्त्रों के अनुसार, सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से भगवान शिव और देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं. सोमवार का व्रत बेहद ही सरल होता है, लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं. उन नियमों का पालन करना आवश्यक है.

सोमवार के व्रत की विधि : सुबह उठकर स्नानादि करके भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव को बेल पत्र बेहद पसंद है. इसलिए जलाभिषेक के बाद उन्हें बेल पत्र अर्पित करना चाहिए. इसके बाद शिव और गौरी का एक साथ पूजन करना चाहिए. पूजा करने के बाद सोमवार व्रत कथा भी कहना और सुनना चाहिए. सोमवार के व्रत में एक समय भोजन करना चाहिए.

सोमवार के दिन ही क्यों है शिव के पूजा का विधान : सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन किए जाने वाले व्रत को सोमेश्वर व्रत कहा जाता है, जिसका अर्थ है सोम के ईश्वर यानी चंद्रमा के ईश्वर जो भगवान शिव को कहा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्र देव ने इसी दिन भगवान शिव की अराधना करके उन्हें प्रसन्न किया था और अपने क्षय रोग से मुक्ति पाई थी. तब से सोमवार के दिन को ही भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. सोम का एक और अर्थ सरल और सहज भी है. चूंकि भगवान शिव बेहद ही शांत देवता हैं, इसलिए भी भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन की जाती है.

इसी कारण भगवान शिव सोमवार के अधिपत्य देवता कहे जाते हैं. एक पौराणिक कथा ये भी है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी. साथ ही 16 सोमवार के व्रत भी रखे थे. इससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को वरदान मांगने को कहा था, जिसमें उन्होंने शिव जी को पति के रूप में मांगा था और भगवान शिव उन्हें मना नहीं कर पाए. तभी से सोमवार के व्रत की मान्यता है.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें : हिंदू धर्म शास्त्रों में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत ही शुभ माना गया है. सोमवार को कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.

नई दिल्ली : भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहते हैं. वह बहुत ही दयालु हैं. सच्चे मन से इनकी पूजा करने से भगवान शिव अपने भक्तों को निराश नहीं करते (How to worship Lord Shiva on Monday). वह बड़े ही आसानी से अपने भक्तों पर खुश होते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं. धर्म शास्त्रों ने अनुसार, आदि पंच देवों में शिव एक प्रमुख देवता हैं. ये त्रिदेवों में प्रमुख देवता हैं. भगवान शिव को संहार का देवता माना गया है. भगवान जितनी जल्दी खुश होते हैं, उतनी ही जल्दी क्रोधित भी होते हैं. इनके क्रोध से पूरा ब्रह्मांड कांप जाता है. महाकाल शिव की पूजा करने वाले का कुछ काल भी नहीं बिगाड़ पाता.

शास्त्रों के अनुसार, सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से भगवान शिव और देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं. सोमवार का व्रत बेहद ही सरल होता है, लेकिन इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं. उन नियमों का पालन करना आवश्यक है.

सोमवार के व्रत की विधि : सुबह उठकर स्नानादि करके भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव को बेल पत्र बेहद पसंद है. इसलिए जलाभिषेक के बाद उन्हें बेल पत्र अर्पित करना चाहिए. इसके बाद शिव और गौरी का एक साथ पूजन करना चाहिए. पूजा करने के बाद सोमवार व्रत कथा भी कहना और सुनना चाहिए. सोमवार के व्रत में एक समय भोजन करना चाहिए.

सोमवार के दिन ही क्यों है शिव के पूजा का विधान : सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन किए जाने वाले व्रत को सोमेश्वर व्रत कहा जाता है, जिसका अर्थ है सोम के ईश्वर यानी चंद्रमा के ईश्वर जो भगवान शिव को कहा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्र देव ने इसी दिन भगवान शिव की अराधना करके उन्हें प्रसन्न किया था और अपने क्षय रोग से मुक्ति पाई थी. तब से सोमवार के दिन को ही भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. सोम का एक और अर्थ सरल और सहज भी है. चूंकि भगवान शिव बेहद ही शांत देवता हैं, इसलिए भी भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन की जाती है.

इसी कारण भगवान शिव सोमवार के अधिपत्य देवता कहे जाते हैं. एक पौराणिक कथा ये भी है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी. साथ ही 16 सोमवार के व्रत भी रखे थे. इससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को वरदान मांगने को कहा था, जिसमें उन्होंने शिव जी को पति के रूप में मांगा था और भगवान शिव उन्हें मना नहीं कर पाए. तभी से सोमवार के व्रत की मान्यता है.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें : हिंदू धर्म शास्त्रों में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप बहुत ही शुभ माना गया है. सोमवार को कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.

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