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अपनी दुल्हनिया को हेलीकॉप्टर से लाने पहुंचा दूल्हा, चर्चा में बिहार की यह शादी

बिहार के बक्सर में इंजीनियर दूल्हा अपनी दुल्हनिया को लाने के लिए हेलीकॉप्टर (Groom Booked Helicopter In Buxar) से भोजपुर के लिए निकला. हेलीकॉप्टर पर सवार दूल्हा-दुल्हन को देखने के लिए गांव में लोगों की भीड़ लग गई. इस दौरान लोग हेलीकॉप्टर के साथ सेल्फी लेते देखे गए. पढ़िए पूरी खबर..

Groom Booked Helicopter In Buxar etv bharat
Groom Booked Helicopter In Buxar etv bharat
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Published : Dec 4, 2021, 7:55 PM IST

बक्सर : जिले में एक ऐसी अनोखी बारात आई, जिसको लेकर लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है. चर्चा इसलिए क्योंकि, इस बारात का दूल्हा लग्जरी कार या घोड़ी पर सवार हो कर नहीं, बल्कि हेलीकॉप्टर से आया था और हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई कराकर ले गया. उसने अपनी नई नवेली दुल्हनिया को लाने के लिए बक्सर से भोजपुर जिले के लिए उड़ान भरी और वहां से दुल्हनिया को लेकर वापस भी आया. इस अरमान को पूरे करने के लिए उसे 8 लाख रुपए किराए के तौर पर चुकाने (Spent 8 Lakhs For Wedding) पड़े.

चक्की प्रखंड के परसिया गांव निवासी सुरेंद्र नाथ तिवारी के पुत्र राजू तिवारी (Raju Tiwary Of Buxar) सिकंदराबाद रेल डिवीजन (Secunderabad Railway Division) में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में वह आंध्र प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं. उनकी शादी भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के रामशहर गांव निवासी स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार चौबे की बेटी कृपा कुमारी से होनी तय हुई थी.

अपनी दुल्हनिया को हेलीकॉप्टर से लाने पहुंचा दूल्हा

यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें- अपनी शादी में खुद कार चलाकर मंडप तक पहुंची दुल्हन, अंदाज देख बाराती दंग

इंजीनियर दूल्हे का यह अरमान था कि वह हेलीकॉप्टर (Helicopter Booked For Wedding) से ही अपनी दुल्हनिया लेने जाएगा. परिजनों की सहमति के बाद उसने 8 लाख खर्च कर हेलीकॉप्टर की बुकिंग कराई. हालांकि, परेशानी खत्म नहीं हुई. जिला पदाधिकारी की अनुमति के बिना ना तो हेलीकॉप्टर जिले में प्रवेश कर सकता था और ना ही यहां से उड़ान भर सकता था. ऐसे में उन्होंने डीएम अमन समीर के यहां गुहार लगाई. डीएम ने जब दूल्हे के अनुरोध को सुना तो उन्होंने तुरंत ही अधिकारियों से जांच कराने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया, जिसके बाद राजू का सपना साकार हो सका.

"गांव के लिए हमारी शादी त्योहार की तरह है. मेरे खानदान का नाम रोशन हो इसलिए, मैं हेलीकॉप्टर में आया हूं. लोग महंगी से महंगी गाड़ी में बारात लाते हैं, ऐसा करना आसान होता है. लेकिन इस जिले में शादी के लिए हेलीकॉप्टर कभी नहीं आया था. मैं बिना दहेज के खुद के पैसों से शादी कर रहा हूं. मैं सिकंदराबाद डिवीजन में कार्यरत हूं."- राजू कुमार तिवारी, दूल्हा

"हेलीकॉप्टर मामूली चीज तो है नहीं. यह बहुत सौभाग्य की बात है कि दुल्हन लाने हेलीकॉप्टर से गए हैं. इसके लिए बहुत पैसे तो लगे ही साथ ही बहुत परिश्रम भी करना पड़ा. डीएम से परमिशन लेना पड़ा. तभी हेलीकॉप्टर लाना मुमकिन हो पाया है."- मोहन उपाध्याय, आरा निवासी

बक्सर : जिले में एक ऐसी अनोखी बारात आई, जिसको लेकर लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है. चर्चा इसलिए क्योंकि, इस बारात का दूल्हा लग्जरी कार या घोड़ी पर सवार हो कर नहीं, बल्कि हेलीकॉप्टर से आया था और हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई कराकर ले गया. उसने अपनी नई नवेली दुल्हनिया को लाने के लिए बक्सर से भोजपुर जिले के लिए उड़ान भरी और वहां से दुल्हनिया को लेकर वापस भी आया. इस अरमान को पूरे करने के लिए उसे 8 लाख रुपए किराए के तौर पर चुकाने (Spent 8 Lakhs For Wedding) पड़े.

चक्की प्रखंड के परसिया गांव निवासी सुरेंद्र नाथ तिवारी के पुत्र राजू तिवारी (Raju Tiwary Of Buxar) सिकंदराबाद रेल डिवीजन (Secunderabad Railway Division) में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में वह आंध्र प्रदेश में नौकरी कर रहे हैं. उनकी शादी भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के रामशहर गांव निवासी स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार चौबे की बेटी कृपा कुमारी से होनी तय हुई थी.

अपनी दुल्हनिया को हेलीकॉप्टर से लाने पहुंचा दूल्हा

यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें- अपनी शादी में खुद कार चलाकर मंडप तक पहुंची दुल्हन, अंदाज देख बाराती दंग

इंजीनियर दूल्हे का यह अरमान था कि वह हेलीकॉप्टर (Helicopter Booked For Wedding) से ही अपनी दुल्हनिया लेने जाएगा. परिजनों की सहमति के बाद उसने 8 लाख खर्च कर हेलीकॉप्टर की बुकिंग कराई. हालांकि, परेशानी खत्म नहीं हुई. जिला पदाधिकारी की अनुमति के बिना ना तो हेलीकॉप्टर जिले में प्रवेश कर सकता था और ना ही यहां से उड़ान भर सकता था. ऐसे में उन्होंने डीएम अमन समीर के यहां गुहार लगाई. डीएम ने जब दूल्हे के अनुरोध को सुना तो उन्होंने तुरंत ही अधिकारियों से जांच कराने के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया, जिसके बाद राजू का सपना साकार हो सका.

"गांव के लिए हमारी शादी त्योहार की तरह है. मेरे खानदान का नाम रोशन हो इसलिए, मैं हेलीकॉप्टर में आया हूं. लोग महंगी से महंगी गाड़ी में बारात लाते हैं, ऐसा करना आसान होता है. लेकिन इस जिले में शादी के लिए हेलीकॉप्टर कभी नहीं आया था. मैं बिना दहेज के खुद के पैसों से शादी कर रहा हूं. मैं सिकंदराबाद डिवीजन में कार्यरत हूं."- राजू कुमार तिवारी, दूल्हा

"हेलीकॉप्टर मामूली चीज तो है नहीं. यह बहुत सौभाग्य की बात है कि दुल्हन लाने हेलीकॉप्टर से गए हैं. इसके लिए बहुत पैसे तो लगे ही साथ ही बहुत परिश्रम भी करना पड़ा. डीएम से परमिशन लेना पड़ा. तभी हेलीकॉप्टर लाना मुमकिन हो पाया है."- मोहन उपाध्याय, आरा निवासी

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