रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली चोरी नहीं थम रही है. कई घर और दुकान चोरी की बिजली से रोशन हो रहे हैं. बिजली कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. हुकिंग से बिजली चोरी के चलते विभाग को लगभग 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली विभाग के पास विजिलेंस टीम भी है. बिजली चोरी की शिकायत मिलने पर विभाग की टीम कार्रवाई भी करती है. लेकिन बिजली चोरी रोकने में विभाग अब तक नाकाम रहा है. हालांकि विभाग के अधिकारियों ने बिजली चोरी की वजह से लॉस होने की बात से इनकार कर दिया है.
बिजली चोरी ही नहीं, अन्य कारणों से भी होता है लॉस: बिजली चोरी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज खरे से बात की. मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज खरे ने बताया कि " खरीदी गई बिजली में से जितनी बिजली की हम बिलिंग नहीं कर पाते हैं, वह डीएनडी लॉस कहलाता है. छत्तीसगढ़ में यह लॉस लगभग 15 से 16 परसेंट के बीच में है. इसमें टेक्निकल लॉस और बिजली चोरी की वजह से लॉस दोनों शामिल होता है.''
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बिजली चोरों के खिलाफ विजिलेंस टीम करती है कार्रवाई: मनोज खरे ने बताया कि "हुकिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हमारा विजिलेंस डिपार्टमेंट है. यह डिपार्टमेंट लगातार कार्रवाई करता है, चेकिंग भी की जाती है.''
लगभग 15 प्रतिशत बिजली का होता है लॉस: हुकिंग सहित अन्य लॉस की राशि को लेकर मनोज खरे ने कहा कि "अनुमानित रकम के लिए कैलकुलेशन करनी पड़ेगी कि जो इनपुट एनर्जी है, उसमें से 15 प्रतिशत एनर्जी की कीमत कितनी होगी. जो डीएनडी लॉस कभी भी जीरो नहीं होता है, किसी भी आधुनिक से आधुनिक देश में शून्य लॉस नहीं होता है. क्योंकि तकनीकी रूप से बिजली एक जगह से दूसरी जगह जाएगी, तो स्ट्रूमेंट के थ्रू जाएगी, उसमें से 10 प्रतिशत से ऊपर लॉस होता ही है.