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भारत ने दूसरी बार किया त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दूसरी बार सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.

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मिसाइल प्रणाली
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Published : Nov 17, 2020, 9:36 PM IST

बालासोर (ओडिशा): भारत ने चार दिन के भीतर दूसरी बार मंगलवार को त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (क्यूआरएसएएम) प्रणाली का सफल परीक्षण किया, जिसने हवाई लक्ष्य पर सटीक निशाना साधकर उसे नष्ट कर दिया.

रक्षा सूत्रों ने बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से अपराह्न लगभग 3.42 बजे किया गया. उन्होंने कहा कि परीक्षण में मानवरहित हवाई लक्ष्य पर निशाना साधा गया.

क्यूआरएसएएम प्रणाली का परीक्षण पहली बार 13 नवंबर को किया गया था.

आईटीआर के एक बयान में कहा गया कि रडारों ने लक्ष्य का काफी दूर से पता लगा लिया और मिशन कंप्यूटर द्वारा स्वचालित ढंग से मिसाइल दागे जाने तक इस पर नजर रखी. रडार डेटा लिंक के माध्यम से निरंतर निर्देशन उपलब्ध कराया गया.

बयान में कहा गया कि क्यूआरएसएएम प्रणाली में स्वदेश में विकसित उपप्रणालियों का इस्तेमाल हुआ है. परीक्षण के सभी मानक पूरी तरह प्राप्त कर लिए गए और यह सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया.

पढ़ें- भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली का किया सफल परीक्षण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्यूआरएसएएम के सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को बधाई दी.

डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने दूसरे सफल परीक्षण के लिए क्यूआरएसएएम परियोजना पर काम करने वाली पूरी टीम को बधाई दी.

बालासोर (ओडिशा): भारत ने चार दिन के भीतर दूसरी बार मंगलवार को त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (क्यूआरएसएएम) प्रणाली का सफल परीक्षण किया, जिसने हवाई लक्ष्य पर सटीक निशाना साधकर उसे नष्ट कर दिया.

रक्षा सूत्रों ने बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से अपराह्न लगभग 3.42 बजे किया गया. उन्होंने कहा कि परीक्षण में मानवरहित हवाई लक्ष्य पर निशाना साधा गया.

क्यूआरएसएएम प्रणाली का परीक्षण पहली बार 13 नवंबर को किया गया था.

आईटीआर के एक बयान में कहा गया कि रडारों ने लक्ष्य का काफी दूर से पता लगा लिया और मिशन कंप्यूटर द्वारा स्वचालित ढंग से मिसाइल दागे जाने तक इस पर नजर रखी. रडार डेटा लिंक के माध्यम से निरंतर निर्देशन उपलब्ध कराया गया.

बयान में कहा गया कि क्यूआरएसएएम प्रणाली में स्वदेश में विकसित उपप्रणालियों का इस्तेमाल हुआ है. परीक्षण के सभी मानक पूरी तरह प्राप्त कर लिए गए और यह सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया.

पढ़ें- भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली का किया सफल परीक्षण

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्यूआरएसएएम के सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को बधाई दी.

डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने दूसरे सफल परीक्षण के लिए क्यूआरएसएएम परियोजना पर काम करने वाली पूरी टीम को बधाई दी.

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