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ADR Report : यूपी में 35% विधायकों पर आपराधिक मामले, 79% करोड़पति

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एडीआर ने विधायकों की रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार 35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 79 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं.

ADR Report
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Published : Nov 23, 2021, 5:39 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच (Uttar Pradesh Election Watch) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (Association for Democratic Reform) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403 में से 396 वर्तमान विधायकों के वित्तीय, आपराधिक एवं अन्य विवरणों का विश्लेषण जारी किया है. वर्तमान विधानसभा में 7 सीटें रिक्त हैं. बीएसपी के विधायक लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया और अब वे विधानसभा में अनासक्त (असम्बद्ध) सदस्य हैं. यह विश्लेषण 2017 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत शपथपत्रों पर आधारित है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में 396 मौजूदा विधायकों को लेकर एक विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया. एडीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 35 फीसदी (140) विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और 27 फीसदी विधायकों के अपराध से किसी न किसी तरह के संबंध हैं.

मंगलवार को जारी रिपोर्ट में संजय सिंह मुख्य प्रदेश संयोजक एडीआर ने बताया कि 396 विधायकों में से 140 (35 प्रतिशत) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 106 (27 प्रतिशत) विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. अगर पार्टीवार बात करें तो बीजेपी के 304 में से 106 विधायक, एसपी के 49 में से 18 विधायक एवं बीएसपी के 18 में 2 विधायक एवं कांग्रेस के 1 विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.


संजय सिंह मुख्य प्रदेश संयोजक एडीआर ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 396 में से 313 (79 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. इनमें सबसे ज्यादा करोड़पति विधायक बीजेपी (304 में से 235) 77 प्रतिशत हैं. दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के 49 में से 42 (86 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. वहीं, तीसरे स्थान पर बीएसपी के 16 में से 15 विधायक करोड़पति हैं. कांग्रेस के 7 में से 5 विधायक करोड़पति हैं.


विधायकों की औसतन सम्पत्ति 5.85 करोड़ है. मुख्य दलों की बात करें तो बीजेपी की 304 विधायकों की 5.04 करोड़, समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 6.07 करोड़, बीएसपी के 16 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 19.27 करोड़ एवं कांग्रेस के 7 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 10.06 करोड़ है. अगर बात करें सबसे ज्यादा सम्पत्ति वाले विधायकों की तो प्रथम स्थान बीएसपी के शाह आलम उर्फ गुडडू जामाली मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से जिनके पास कुल 118 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति है. दूसरे नम्बर पर बीएसपी के विनयशंकर चिल्लुपार विधानसभा सीट से 67 करोड़ से ज्यादा एवं तीसरे स्थान पर बीजेपी के रानी पक्षालिका सिंह बाह विधानसभा से हैं, जिनके पास 58 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति है.


एडीआर के प्रदेश संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि अगर विधायकों की देनदारियों की बात की जाये तो 49 विधायकों ने अपनी देनदारी 1 करोड़ या उससे अधिक घोषित की है. इनमें प्रथम स्थान पर नंदगोपाल गुप्ता, इलाहाबाद साउथ सीट से 26 करोड़ एवं दूसरे स्थान पर ओम कुमार जो नेहतुर 11 करोड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. वहीं, तीसरे स्थान पर सिद्धार्थ नाथ सिंह इलाहाबाद वेस्ट विधानसभा से 9 करोड़ की देनदारी घोषित की है.

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश विधानसभा के 396 विधायकों में से 95 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच में घोषित की है. 290 विधायकों के द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा घोषित की है. वहीं 4 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 5 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है. 25 से 50 वर्ष के बीच आयु के 206 विधायक एवं 190 विधायक 51 से 80 वर्ष के बीच के उत्तर प्रदेश विधानसभा में है. साथ ही सदन में महिला 43 विधायक महिला हैं, जो कुल विधायकों का 11 प्रतिशत है.


पढ़ेंः अखिलेश यादव के घर पहुंचे RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी, सीटों पर हो सकता है फैसला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच (Uttar Pradesh Election Watch) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (Association for Democratic Reform) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के 403 में से 396 वर्तमान विधायकों के वित्तीय, आपराधिक एवं अन्य विवरणों का विश्लेषण जारी किया है. वर्तमान विधानसभा में 7 सीटें रिक्त हैं. बीएसपी के विधायक लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया और अब वे विधानसभा में अनासक्त (असम्बद्ध) सदस्य हैं. यह विश्लेषण 2017 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत शपथपत्रों पर आधारित है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में 396 मौजूदा विधायकों को लेकर एक विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया. एडीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 35 फीसदी (140) विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं और 27 फीसदी विधायकों के अपराध से किसी न किसी तरह के संबंध हैं.

मंगलवार को जारी रिपोर्ट में संजय सिंह मुख्य प्रदेश संयोजक एडीआर ने बताया कि 396 विधायकों में से 140 (35 प्रतिशत) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 106 (27 प्रतिशत) विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. अगर पार्टीवार बात करें तो बीजेपी के 304 में से 106 विधायक, एसपी के 49 में से 18 विधायक एवं बीएसपी के 18 में 2 विधायक एवं कांग्रेस के 1 विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.


संजय सिंह मुख्य प्रदेश संयोजक एडीआर ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 396 में से 313 (79 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. इनमें सबसे ज्यादा करोड़पति विधायक बीजेपी (304 में से 235) 77 प्रतिशत हैं. दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के 49 में से 42 (86 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं. वहीं, तीसरे स्थान पर बीएसपी के 16 में से 15 विधायक करोड़पति हैं. कांग्रेस के 7 में से 5 विधायक करोड़पति हैं.


विधायकों की औसतन सम्पत्ति 5.85 करोड़ है. मुख्य दलों की बात करें तो बीजेपी की 304 विधायकों की 5.04 करोड़, समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 6.07 करोड़, बीएसपी के 16 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 19.27 करोड़ एवं कांग्रेस के 7 विधायकों की औसतन सम्पत्ति 10.06 करोड़ है. अगर बात करें सबसे ज्यादा सम्पत्ति वाले विधायकों की तो प्रथम स्थान बीएसपी के शाह आलम उर्फ गुडडू जामाली मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से जिनके पास कुल 118 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति है. दूसरे नम्बर पर बीएसपी के विनयशंकर चिल्लुपार विधानसभा सीट से 67 करोड़ से ज्यादा एवं तीसरे स्थान पर बीजेपी के रानी पक्षालिका सिंह बाह विधानसभा से हैं, जिनके पास 58 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति है.


एडीआर के प्रदेश संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि अगर विधायकों की देनदारियों की बात की जाये तो 49 विधायकों ने अपनी देनदारी 1 करोड़ या उससे अधिक घोषित की है. इनमें प्रथम स्थान पर नंदगोपाल गुप्ता, इलाहाबाद साउथ सीट से 26 करोड़ एवं दूसरे स्थान पर ओम कुमार जो नेहतुर 11 करोड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. वहीं, तीसरे स्थान पर सिद्धार्थ नाथ सिंह इलाहाबाद वेस्ट विधानसभा से 9 करोड़ की देनदारी घोषित की है.

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश विधानसभा के 396 विधायकों में से 95 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच में घोषित की है. 290 विधायकों के द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा घोषित की है. वहीं 4 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 5 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है. 25 से 50 वर्ष के बीच आयु के 206 विधायक एवं 190 विधायक 51 से 80 वर्ष के बीच के उत्तर प्रदेश विधानसभा में है. साथ ही सदन में महिला 43 विधायक महिला हैं, जो कुल विधायकों का 11 प्रतिशत है.


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